'मैं बहुत आहत हुआ हूं, आपने संविधान का अपमान किया है…', राज्यसभा में PM मोदी की स्पीच के बीच विपक्ष के वॉकआउट पर बोले धनखड़
पीएम मोदी का राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संबोधन जारी है। इस दौरान विपक्ष के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया है। यानी पीएम के भाषण के बीच ही वह उठ कर चले गए हैं। इसपर सभापति जगदीप धनकड़ ने कहा कि ऐसा होना बेहद दुखद है और यह संविधान के खिलाफ है।
सभापति ने कहा कि विपक्ष सदन छोड़कर नहीं बल्कि मर्यादा छोड़ कर बाहर गया है। धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में बोलने के दौरान विपक्षी सांसद 'विपक्षी नेता को बोलने दो' के नारे लगा रहे थे। सांसदों ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते समय विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया, नारे लगाए और वॉकआउट कर दिया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
जब विपक्षी सांसद वॉकआउट कर रहे थे उस ही समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है। जिनमें सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठाए गए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। वे उच्च सदन का, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं।"
जगदीप धनकड़ ने क्या कहा?
विपक्ष ने जब सदन से वॉकआउट किया तो सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, "मैंने उनसे आग्रह किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी व्यवधान के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। लेकिन वह चले गए। आज उन्होंने सदन को पीछे नहीं छोड़ा, उन्होंने गरिमा को पीछे छोड़ा है। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई, उन्होंने भारत के संविधान को पीठ दिखाई। उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया, उन्होंने संविधान की शपथ का अपमान किया जो उन्होंने ली थी। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता। मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं। यह एक ऐसा अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है। उन्होंने भारतीय संविधान की भावना का अपमान किया है, उन्होंने ली गई शपथ का अनादर किया है। भारतीय संविधान आपके हाथों में रखने की चीज नहीं है, यह जीवन जीने की पुस्तक है। मुझे उम्मीद है कि वे आत्मनिरीक्षण करेंगे और कर्तव्य के उस मार्ग पर चलेंगे।"