कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं राधिका खेड़ा, एक्टर शेखर सुमन भी हुए भाजपाई
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग की पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक राधिका खेड़ा मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गईं। उनके साथ एक्टर शेखर सुमन भी पार्टी को ज्वाइन किए। दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और राष्ट्रीय मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी ने दोनों लोगों को पार्टी की सदस्यता सौंपी। राधिका खेड़ा दो दिन पहले ही अपने साथ छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने और साजिश का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। उनका दावा है कि उन्होंने यह मुद्दा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
'आज की कांग्रेस राम विरोधी, हिंदू विरोधी कांग्रेस है'
बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस की पूर्व नेता राधिका खेड़ा बोलीं, ''रामभक्त होने के नाते रामलला के दर्शन करने के लिए कौशल्या माता की धरती पर मेरे साथ जिस तरह से दुर्व्यवहार किया गया, अगर मुझे बीजेपी सरकार और मोदी सरकार का संरक्षण नहीं मिला होता तो मैं यहां तक नहीं पहुंच पाती। आज की कांग्रेस महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है, यह राम विरोधी, हिंदू विरोधी कांग्रेस है…।''
राधिका खेड़ा ने कहा- मेरा लगातार अपमान हो रहा था
इससे पहले कांग्रेस से इस्तीफा देने पर उन्होंने मीडिया से कहा था, “मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। मैं लोकसभा चुनाव का मीडिया प्रभारी थी। मेरा लगातार अपमान किया जा रहा था… ''राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने मुझे शराब की पेशकश की। उसके साथ एक और शख्स धनंजय ठाकुर था। मीडिया विभाग में काम करने वाली दो अन्य महिलाएं मेरे साथ थीं।”
राधिका खेड़ा के साथ एक्टर शेखर सुमन भी मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुए। उन्होंने कहा, "कल तक मुझे नहीं पता था कि मैं आज यहां बैठूंगा क्योंकि जीवन में कई चीजें जाने-अनजाने में होती हैं। मैं यहां बहुत सकारात्मक सोच के साथ आया हूं और भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उसने मुझे यहां आने का आदेश दिया…"
उन्होंने कहा, "मैं इसको राजनीति और अपने आप को राजनेता नहीं मानता हूं मैं अभिनेता ही रहूंगा लेकिन हमारा एक सामाजिक दायित्व है। उसके तहत हम क्या कर सकते हैं ये सोच कर मैं यहां आया हूं। मुझे लगता है कि हम बाहर बैठ कर बहुत सारी बातें करते रहते हैं। हमें व्यवस्था में शामिल होने की और अंदर से उसे देखने परखने की जरूरत है। आखिरकार हमें अपने देश को विकसित और वैश्विक पटल पर देखना है। हमें गर्व महसूस करना है कि हम भारतीय हैं।"