पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, पांच महिलाओं समेत सात की मौत, तीन की हालत नाजुक
तमिलनाडु में शिवकाशी के पास एक पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में हुए विस्फोट में पांच महिला मजदूरों सहित आठ लोगों की मौत हो गई और बारह अन्य लोग झुलस गये। जिले के एसपी के फिरोज खान अब्दुल्ला ने मीडिया को बताया है कि जिस फैक्ट्री में हादसा हुआ उनके पास लाइसेंस है और बड़े पैमाने पर पटाखों की बिक्री होती है।
इस घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं, जिसमें काफी धुआं उठता हुआ दिखाई दे रहा है और कुछ लोग घायलों को अस्पताल ले जा रहे हैं।
लगातार बढ़ रहे ऐसे हादसे
शिवकाशी को भारत की पटाखा राजधानी कहा जाता है। यहां पिछले कुछ सालों में उस तरह की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। पिछले साल अक्टूबर में हुए ऐसे हादसों में 27 लोग मारे गए थे। इस महीने एक पत्थर खदान में हुए विस्फोट में तीन की मौत हो गई थी।
क्यों बढ़ रहे मामले?
विशेषज्ञ इसके लिए ज़बरदस्त सुरक्षा उल्लंघनों को जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसमें कई मजदूरों को बिना किसी प्रशिक्षण के काम पर रखा जाता है और वह आग लगने की स्थिति में बचाव के तरीके भी नहीं जानते हैं। अग्नि सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. वी. श्रीराम कहते हैं, ''कारखानों में 99 प्रतिशत विस्फोट मानवीय भूल के कारण होते हैं।'' उनका कहना है कि विस्फोटकों का एक अहम कारण नियमों का उल्लंघन है। ऐसे हादसे जब होते हैं तो तबाही होती है और जानमाल का भारी नुकसान होता है। डॉ. श्रीराम इसके लिए प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल को भी जिम्मेदार मानते हैं।
आमतौर पर ऐसे मामलों में पुलिस कार्रवाई करती है और गिरफ्तारियां भी होती हैं। लेकिन अब तक इन हादसों में किसी तरह की कमी और सुधार नहीं आ सका है। विशेषज्ञ राज्य सरकार से सभी आतिशबाजी निर्माण इकाइयों में सुरक्षा ऑडिट कराने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि इस मुद्दे को वैज्ञानिक तरीके ठीक किया जा सके। ताजा मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।