DY Chandrachud: 'बड़े बदलावों को लिए तैयार है देश', जब CJI चंद्रचूड़ ने की मोदी सरकार के इन तीन नए कानूनों की तारीफ
CJI Dy Chandrachud: 17 वी लोकसभा के दौरान तीन अहम कानून संसद द्वार पारित किए गए थे, CRPC, IPC से लेकर Evidence Act खत्म कर तीन नए कानून पेश किए गए थे। ये कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मोदी सरकार के इन तीन नए कानूनों की तारीफ की है। उन्होंने विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा पेश नए कानूनों को लेकर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन नए कानून समाज के लिए बेहद ही जरूरी है और देश न्याय प्रणाली में ऐसे बदलावों के लिए तैयार भी है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि इन 3 नए कानूनों से भारतीय समाज में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि नए कानून भारत के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में अभूतपूर्व बदलाव लाएंगे और पीड़ित पर भी ध्यान दिया जाएगा। CJI ने कहा कि पुराने क़ानून की सबसे बड़ी खामी उनका बहुत पुराना होना था। वो क़ानून 1860, 1873 से चले आ रहे थे।
सीजेआई ने कहा कि नए कानूनों का संसद से पारित होना इस बात का साफ संदेश है कि भारत बदल रहा है और हमें मौजूदा चुनौतियों के लिए नए तरीके चाहिए।
नए कानूनों की क्या है विशेषता?
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पुराने तरीकों की सबसे बड़ी खामी पीड़ित पर ध्यान न दिया जाना था। नए कानून में इस बात का ध्यान रखा गया है कि अभियोजन और जांच कुशलता से हो सके। इसके साथ पीड़ित के हितों का भी ध्यान रखा गया है। छापेमारी के दौरान साक्ष्यों की ऑडियो विजुअल रिकॉर्डिंग अभियोजन पक्ष के साथ साथ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
अदालतों का भी होगा अपग्रेडेशन
सीजेआई ने कहा है कि भारत सरकार ने हाल ही में 7,000 करोड़ रुपए का बजट न्यापालिका के लिए आवंटित किया है, जिसका इस्तेमाल अदालतों के अपग्रेडेशन में किया जा रहा है। सीजेआई ने कहा कि नवंबर और 31 मार्च के बीच 850 करोड़ रुपए हार्डवेयर और सॉफ्ट वेयर को अपग्रेड करने में खर्च किए गए है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह हमेशा से घरेलू डिजिटल कोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की हिमायत करते रहे हैं।
सीजेआई ने नए कानूनों के तहत जांच को लेकर कहा कि फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी जांच में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि नए कानून नई जरूरतों के लिए हैं लेकिन हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त रूप से विकसित हो और जांच अधिकारीयों को ट्रेनिंग मिले।