Haryana Political Crisis: क्या हरियाणा में गिर जाएगी नायब सिंह सैनी की सरकार? दुष्यंत चौटाला ने गवर्नर को चिट्ठी लिख की फ्लोर टेस्ट की मांग
हरियाणा में सियासी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। तीन निर्दलीय विधायकों के नायब सिंह सैनी सरकार के समर्थन वापस लेने के बाद अब हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी (JJJ) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। उन्होंने चिट्ठी लिख विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि वह राज्य में सरकार बनाने वाली किसी भी पार्टी का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हरियाणा के नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में है। उन्होंने कहा कि सीएम को बहुमत साबित करना चाहिए, नहीं तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नायब सिंह सैनी की सरकार गिराने के लिए उनकी पार्टी समूचे विपक्ष का साथ देगी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पिछली सरकार के खिलाफ लाया गया था, न कि वर्तमान सरकार के खिलाफ, इसलिए नायब सिंह सैनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।
क्यों गहराया सैनी सरकार पर संकट?
हरियाणा में मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायक दादरी से सोमवीर सांगवान, पुंडरी से रणधीर सिंह गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गौंडर ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इन विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन करने का भी ऐलान कर दिया। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने भी कांग्रेस को समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इस सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो हम इसका समर्थन करेंगे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमने इस संबंध में राज्यपाल को भी लिख दिया है। कांग्रेस को यह कदम उठाना ही होगा। राज्यपाल के यह देखने के लिए कि सरकार के पास ताकत है नहीं, फ्लोर टेस्ट बुलाने और अगर बहुमत नहीं है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की शक्ति है।
क्या गिर जाएगी बीजेपी सरकार?
तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद सवाल है कि क्या हरियाणा में नायब सिंह सैनी की सरकार गिर जाएगी? हालांकि आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल सैनी सरकार पर कोई संकट नजर नहीं आ रहा है। बीजेपी के पास अभी भी 45 विधायकों का समर्थन है। इसमें से 40 विधायक बीजेपी और 5 निर्दलीय हैं। वहीं कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 30 है। इसमें जेजेपी के 10 विधायक भी शामिल करें तो यह आंकड़ा 40 तक पहुंचता है। वहीं 3 निर्दलीयों के शामिल होने पर आंकड़ा 43 तक पहुंचा जाता है।