मुंबई में अस्पताल परिसर में बुजुर्ग महिला को गाड़ी से कुचला, कोर्ट ने सीनियर डॉक्टर को दी जमानत
Mumbai Sion Hospital: मुंबई के एक सीनियर डॉक्टर राजेश डेरे को रविवार को कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है। उन पर अस्पताल परिसर के अंदर 60 साल की बुजुर्ग महिला को कुचलने का आरोप है। घटना शुक्रवार की है। डेरे मुंबई के सायन अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं।
डॉ. डेरे को रविवार दोपहर भोईवाड़ा की अवकाशकालीन कोर्ट में पेश किया गया। उनके वकील आयुष पासबोला ने कहा, "मेरे मुवक्किल को कोर्ट ने 20,000 रुपये की नकद जमानत पर रिहा कर दिया है, क्योंकि अपराध जमानती है। हमने पुलिस को पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।"
शुक्रवार को शाम करीब 7.30 बजे डॉ. डेरे बिल्डिंग से बाहर निकले और अपनी कार में बैठकर हाजिरी लगाने लगे। पंचिंग मशीन की ओर जाते समय जब वे गेट 7 के पास बाएं मुड़े तो उन्होंने वहां मौजूद महिला को नहीं देखा और कथित तौर पर अपनी कार उस पर चढ़ा दी। महिला की पहचान मुंब्रा निवासी जुबैदा शेख के रूप में हुई।
अस्पताल ने इस मामले की सूचना तुरंत पुलिस को नहीं दी। बाद में जब अस्पताल परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो पता चला कि डॉ. डेरे कथित तौर पर गाड़ी चला रहे थे।
पुलिस के अनुसार, डॉ. डेरे ने घटना के बाद सरकारी अस्पताल के अधिकारियों को बुलाया और शेख को वार्ड नंबर 20 में भर्ती कराया। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
शेख के परिवार में उनके पति, दो बेटे और एक बेटी हैं। उनके बेटे शाहनवाज ने शनिवार को बताया, "मेरी मां को मधुमेह था, उनके हाथ में एक कट लग गया था जो बाद में और भी खराब हो गया। उन्हें अप्रैल में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 16 मई को छुट्टी दे दी गई थी। वह शुक्रवार को अपनी नियमित जांच के लिए अस्पताल गई थीं।"
पुलिस ने डॉ. डेरे के खिलाफ IPC की धाराओं 304ए (लापरवाही से मौत का कारण बनना), 279 (तेज गति से वाहन चलाना), 338 (जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना), 177 (गलत सूचना देना) और 203 (अपराध के बारे में गलत सूचना देना) के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस डॉ. डेरे की मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि घटना के समय वह शराब के नशे में थे या नहीं।
डॉ. डेरे महामारी के दौरान मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम के जंबो कोविड सेंटर के नोडल समन्वयक थे।
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए डॉ. डेरे ने कहा, "मैं अस्पताल के अंदर तेज गति से गाड़ी नहीं चला रहा था। घटना के बाद, मैं खुद उसे अस्पताल ले गया और आईसीयू में भर्ती कराया।"
जब डॉ. डेरे के इस दावे के बारे में पूछा गया कि महिला की मौत का कारण हृदयाघात था न कि दुर्घटना में लगी चोटें, तो उनके वकील ने कहा, "मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मामला जांच के अधीन है।"