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Delhi Teachers Transfer Issue: आधी रात को तबादला आदेश जारी, दिल्ली में एक ही स्कूल में 10 साल पूरे कर चुके 5 हजार सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर

Delhi Govt Schools: दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को मंत्री के आदेश की अनदेखी करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। पढ़ें, सोफिया मैथ्यू की रिपोर्ट।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: July 04, 2024 13:54 IST
delhi teachers transfer issue  आधी रात को तबादला आदेश जारी  दिल्ली में एक ही स्कूल में 10 साल पूरे कर चुके 5 हजार सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर
Delhi Teachers Transfer Issue: दिल्ली में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर शिक्षा विभाग और मंत्री आतिशी मार्लेना में ठनी। (एक्सप्रेस फोटो)
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Delhi Govt Schools: दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्रांसफर रोकने के लिए कहा था। लेकिन इसके दो दिन बाद विभाग ने मंगलवार की आधी रात को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लगभग 5,000 शिक्षकों का ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया। वार्षिक स्थानांतरण नीति ( Annual Transfer Policy) के तहत उन शिक्षकों का स्थानांतरण अनिवार्य है, जो 10 वर्षों से अधिक समय से एक ही विद्यालय में कार्यरत हैं।

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बुधवार को आतिशी ने शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को मंत्री के आदेश की अवहेलना करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसमें अनुच्छेद 239 एए ( Article 239 AA) का हवाला दिया गया, जो दिल्ली सरकार को समवर्ती सूची (Concurrent List) के मामलों पर अधिकार देता है।

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इस बीच, सरकारी स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) ने भी इस कदम पर अपनी चिंता जताई है। जीएसटीए के महासचिव अजय वीर यादव ने शिक्षा निदेशालय (डीओई) और दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर सभी ट्रांसफर शिक्षकों के लिए एक शिकायत निवारण समिति (Grievance Redressal Committee) के गठन की मांग की है।

यादव समेत चार-पांच सरकारी स्कूल शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर अपनी चिंताओं से अवगत कराएगा। यादव ने कहा कि शिक्षकों की चिकित्सा आधार, सेवानिवृत्ति आधार, शारीरिक रूप से दिव्यांग स्थिति के साथ-साथ निवास से दूरी जैसी चिंताओं पर पारदर्शी तरीके से विचार किया जाना चाहिए।

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सुल्तानपुरी के सरकारी स्कूल में पिछले 14 सालों से पढ़ा रहे 36 वर्षीय प्रवीण शर्मा कहते हैं, 'इस फ़ैसले से कुछ हद तक छात्र-शिक्षक के रिश्ते पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, इसका असर उन शिक्षकों पर भी पड़ेगा जो बीमार हैं या दिव्यांग हैं।'

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इससे पहले, शिक्षा उपनिदेशक सुशिता बीजू ने 11 जून को जारी एक सर्कुलर में शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में शिक्षण कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन अनुरोध मांगे थे। सर्कुलर में कहा गया है, 'सभी शिक्षक जिन्होंने एक ही स्कूल में लगातार 10 साल पूरे कर लिए हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा… आपसी या सामान्य आधार पर अधिकतम संख्या में स्कूलों का चयन करके स्थानांतरण के लिए।" इसमें यह भी कहा गया है कि मुख्यालय अपने आप ही उन शिक्षकों को किसी भी स्कूल में स्थानांतरित कर देगा जो आधिकारिक आवश्यकता के अनुसार आवेदन नहीं करते हैं।

सरकारी स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) के अनुसार, इस निर्णय के बाद उसने शिक्षा विभाग से अपील की कि वह उनके तर्क पर विचार करे कि इस निर्णय से छात्र-शिक्षक संबंध प्रभावित होंगे। इसने दावा किया कि प्राधिकरण द्वारा तबादलों को लागू न करने का मौखिक आश्वासन दिया गया था और कहा गया था कि इसे स्वैच्छिक बनाया जाएगा। यादव ने दावा किया कि इस मुद्दे का जानबूझकर राजनीतिकरण किया जा रहा है।

(सोफिया मैथ्यू की रिपोर्ट)

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