'दलित मरे उनका कुछ नहीं जाता', प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को बताया SC-ST-OBC विरोधी, दिए ये उदाहरण
PM Narendra Modi Speech: लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम के बाद कांग्रेस पार्टी के नेता हाथों में संविधान लिए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार पर आरक्षण और दलित विरोधी होने का आरोप लगा रही है। बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते समय पीएम नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की मानसिकता ही SC,ST,OBC विरोधी है।
राज्यसभा में बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में उछाल नजर आ रहा है। दुनिया में भी उमंग का माहौल है लेकिन इस बीच हमारे कांग्रेस के लोग भी खुशी में मगन हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, "मैं इनकी खुशी के कारण समझ नहीं पाता हूं... क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है... क्या ये खुशी नर्वस 90 के शिकार होने पर है... क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं देख रहा था कि उत्साह, उमंग से खड़गे जी भी भरे नजर आ रहे थे... खड़गे जी ने उनकी पार्टी की बड़ी सेवा की है... क्योंकि ये पराजय का ठीकरा जिसपर फूटना चाहिए था, उनको उन्होंने बचा लिया और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए।" पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "...कांग्रेस का रवैया ऐसा रहा है कि जब-जब ऐसी स्थिति आती है तो दलित को, पिछड़े को ही ये मार झेलनी पड़ती है और वो परिवार बच निकल जाता है... इसमें भी यही नजर आता है..."
हारने के लिए कांग्रेस दलित को कर देती है आगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "इन दिनों आपने लोकसभा में देखा होगा, स्पीकर चुनाव का मसला हुआ, उसमें भी पराजय तो पायी थी लेकिन आगे किसको किया एक दलित को.. उनको मालूम था कि वो पराजित होने वाले हैं लेकिन उन्हीं को आगे किया।"
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उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले थे... उसमें भी उन्होंने सुशील कुमार शिंदे जी को आगे किया... उनको मरवा दिया... दलित मरे उनका कुछ जाता नहीं है... 2017 में हार तय थी तो उन्होंने मीरा कुमार को लड़ा दिया, उनको पराजय झेलनी पड़ी।"
'कांग्रेस की मानसिकता दलित और ओबीसी विरोधी'
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस की एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी मानसिकता है, जिसके कारण ये पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अपमान करते रहे। इसी मानसिकता के कारण उन्होंने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को अपमानित करने और विरोध करने में कोई कमी नहीं छोड़ी और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो कोई नहीं कर सकता है।