'मोदी सरकार ने रेलवे को बर्बाद कर दिया', कांग्रेस ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, खड़गे ने पूछा- 3 लाख पद खाली क्यों?
Ashwini Vaishnaw: कांग्रेस ने मंगलवार को कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना के मद्देनजर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की। साथ ही कहा कि उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस ने इस दौरान मोदी सरकार पर भारतीय रेलवे को बर्बाद करने का आरोप लगाया।
विपक्षी दल ने मोटरसाइकिल पर पीछे बैठकर दुर्घटना स्थल पर पहुंचने के लिए वैष्णव पर भी कटाक्ष किया और पूछा कि वह रेल मंत्री हैं या “रील मंत्री”।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब भी कोई रेल दुर्घटना होती है, मोदी सरकार के रेल मंत्री कैमरों की रोशनी में घटनास्थल पर पहुंचते हैं और ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे सब कुछ ठीक है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, ‘‘ नरेंद्र मोदी जी, हमें बताएं कि किसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, रेल मंत्री को या आपको?’’
खड़गे ने सरकार से सात सवाल पूछे और जवाब मांगे।
उन्होंने पूछा कि बालासोर जैसी बड़ी दुर्घटना के बाद, बहुप्रचारित “कवच” ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली को एक किलोमीटर भी क्यों नहीं जोड़ा गया?
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, "रेलवे में करीब 3 लाख पद खाली क्यों हैं, पिछले 10 सालों में उन्हें क्यों नहीं भरा गया? एनसीआरबी (2022) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 से 2021 के बीच ही रेल हादसों में 1,00,000 लोगों की मौत हुई है! इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?"
उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड ने स्वयं स्वीकार किया है कि मानव शक्ति की भारी कमी के कारण लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करना दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण है और पूछा कि इन पदों को क्यों नहीं भरा गया।
खड़गे ने पूछा, "संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट में रेलवे बोर्ड द्वारा रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) की सिफारिशों के प्रति 'उपेक्षा' के लिए रेलवे की आलोचना की थी। यह रेखांकित किया गया था कि सीआरएस केवल 8%-10% दुर्घटनाओं की जांच करता है, सीआरएस को मजबूत क्यों नहीं किया गया?"
उन्होंने पूछा कि कैग के अनुसार, 'राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष' (आरआरएसके) में 75 प्रतिशत धनराशि क्यों कम कर दी गई, जबकि हर साल 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाने थे।
खड़गे ने आगे पूछा कि रेलवे अधिकारियों द्वारा इस धन का उपयोग अनावश्यक खर्चों और आराम सुविधाओं पर क्यों किया जा रहा है?
खड़गे ने कहा, 'सामान्य स्लीपर क्लास में ट्रेन से यात्रा करना इतना महंगा क्यों हो गया है? स्लीपर कोच की संख्या क्यों कम कर दी गई है? रेल मंत्री ने हाल ही में कहा था कि रेल कोच में 'अधिक भीड़' करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लेकिन क्या उन्हें नहीं पता कि पिछले साल सीटों की भारी कमी के कारण 2.7 करोड़ लोगों को अपनी टिकटें रद्द करनी पड़ी थीं - यह मोदी सरकार की कोच कम करने की नीति का सीधा नतीजा है?"
उन्होंने पूछा कि क्या मोदी सरकार ने किसी भी तरह की जवाबदेही से बचने के लिए 2017-18 में रेल बजट को आम बजट में मिला दिया था?
खड़गे ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, "आत्म-प्रशंसा से मोदी सरकार द्वारा भारतीय रेलवे पर की गई आपराधिक लापरवाही को खत्म नहीं किया जा सकता! शीर्ष स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।"
यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जहां तक मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों का सवाल है, रेलवे शायद परिवहन का सबसे पसंदीदा साधन है, क्योंकि यह परिवहन का सबसे किफायती साधन है।
उन्होंने पिछले वर्ष जून में बालासोर में हुई रेल दुर्घटना और सोमवार की दुर्घटना की तस्वीरें दिखाईं तथा पूछा कि इस बीच क्या बदलाव आया है।
श्रीनेत ने कहा कि 2014-23 तक 1,117 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, यानी हर तीन दिन में एक दुर्घटना। उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं से जान-माल की हानि हुई है।
श्रीनेत ने कहा, "इसकी नैतिक जिम्मेदारी कौन लेगा? हमने पहले भी रेल मंत्रियों को नैतिक जिम्मेदारी लेते और अपने पद से इस्तीफा देते देखा है। लेकिन यहां हमारे पास एक ऐसा मंत्री है जो विपत्ति और त्रासदी के समय में भी रील बनाने का मौका नहीं छोड़ता। वह रेल मंत्री नहीं है, वह भारत के रील मंत्री हैं।"
श्रीनेत ने पूछा, "यहां तक कि जब वे (वैष्णव) दार्जिलिंग गए और दुर्घटना स्थल पर गए, तो वे बिना हेलमेट के बाइक पर पीछे बैठे थे, ताकि वीडियो में उन्हें बेहतर तरीके से कैद किया जा सके। क्या यही आपकी प्राथमिकता है?"
उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस "कवच सुरक्षा" का प्रचार किया था, वह देश के लिए विफल रही है। उन्होंने पूछा, "भारतीय रेलवे में 3,12,000 रिक्तियां क्यों हैं? लोको पायलटों के लिए 21 प्रतिशत रिक्तियां क्यों हैं?"
क्या कांग्रेस वैष्णव के इस्तीफे की मांग करती है, इस पर श्रीनेत ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है। एक संवेदनशील और जवाबदेह सरकार हर मंत्री और हर विभाग की जवाबदेही तय करेगी। 2014 से 2023 तक नौ वर्षों में 1,117 रेल दुर्घटनाएँ क्यों हुईं? इसके लिए कौन जवाबदेह है?"
श्रीनेत ने कहा, 'अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल जून में बालासोर से इस साल जून तक रेलवे को न केवल आधुनिक बनाने बल्कि सुरक्षित बनाने के लिए क्या किया? जब तक आप जिम्मेदारी तय नहीं करेंगे, जब तक आप जवाबदेही तय नहीं करेंगे, लोग शासन पर कैसे भरोसा करें, लोगों को कैसे पता चलेगा कि वे रेलवे में यात्रा करते समय सुरक्षित रहेंगे।'
उन्होंने कहा, “बिल्कुल, बिना किसी संदेह के, बिना पलक झपकाए, अश्विनी वैष्णव को उस पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जिसका वह आनंद ले रहे हैं।”
श्रीनेत ने कहा कि रेलवे भारत की जीवन रेखा है लेकिन आज भी हर यात्री के मन में यह संशय बना रहता है कि क्या वह या उसकी लाश गंतव्य तक पहुंच पाएगी। उन्होंने कहा, ''यह कीर्तिमान नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने स्थापित किया है।'' हकीकत यह है कि इस सरकार ने भारतीय रेलवे को 'नष्ट' करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।