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'केजरीवाल की मांग का विरोध नहीं कर सकती ED', दिल्ली की कोर्ट ने जांच एजेंसी को लगाई फटकार

Arvind Kejriwal in Tihar: अरविंद केजरीवाल की मेडिकल कंडीशन को लेकर जमानत याचिका को कोर्ट पहले खारिज कर चुका है और उन्हें जेल में ही मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया गया है।
Written by: ईएनएस
नई दिल्ली | June 14, 2024 14:08 IST
 केजरीवाल की मांग का विरोध नहीं कर सकती ed   दिल्ली की कोर्ट ने जांच एजेंसी को लगाई फटकार
Delhi Liquor Scam Case: कोर्ट ने ED को दिया झटका (सोर्स - PTI/File)
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Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली में विवादित आबकारी नीति और कथित शराब घोटाले के आरोप में ईडी द्वारा किंग पिन घोषित किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। सीएम की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि ईडी तिहाड़ जेल में सीएम केजरीवाल के मेडिकल चेकअप से संबंधित अनुरोधों पर आपत्ति नहीं कर सकती है।

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केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मुकेश कुमार ने केंद्रीय जांच एजेंसी से कहा है कि आरोपी केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं, ईडी की हिरासत में नहीं। अगर वह कोई राहत चाहते हैं, तो इसमें आपकी कोई भूमिका नहीं है।"

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केजरीवाल ने की थी मांग

केजरीवाल की इस याचिका पर उन्होंने तिहाड़ जेल के जेल अधीक्षक को केजरीवाल के आवेदन पर जवाब देने का निर्देश दिया, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि मेडिकल चेकअप के दौरान उनकी पत्नी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ी हों।

इस केस में सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से पेश स्पेशल वकील जोहेब हुसैन ने अदालत से अनुरोध किया कि वह केजरीवाल की पत्नी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के बारे में जेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगे। इसको लेकर अदालत ने कहा है कि हम जेल से जवाब मांगेंगे लेकिन इसमें आपकी कोई भूमिका नहीं है।

कब होगी जमानत याचिका पर सुनवाई

गौरतलब है कि केजरीाल ने अपनी जमानत को लेकर भी याचिका दायर कर रखी है, जिसको लेकर 19 जून को सुनवाई होनी है, लेकिन इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि केजरीवाल ने चुनाव के दौरान जमकर प्रचार किया था, तब उन्हें किसी भी तरह का गंभीर रोग नहीं था।

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बता दें कि अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर की गई अंतरिम जमानत याचिका में शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव और कीटोन के बढ़े हुए स्तर का हवाला देते हुए बीमारी को गंभीर बताया था। केजरीवाल की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने पहले एक अदालत को बताया था कि कीटोन का बढ़ा हुआ स्तर डायबिटिक कीटोएसिडोसिस का संकेत हो सकता है, जो घातक हो सकती है।

केजरीवाल के वकील ने कहा था कि पीईटी स्कैन, एलएफटी, केएफटी, सीबीसी और 'होल्टर टेस्ट' जैसे परीक्षण किए जाने थे और इनमें कुल मिलाकर एक सप्ताह तक का समय लग सकता है।

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