सेना भी कर रही अपना सर्वे, क्या अग्निवीर योजना को लेकर होने वाला है बड़ा फैसला?
देश में जब से अग्निवीर योजना लागू हुई है, इस पर जमकर बहस देखने को मिल रही है। आलम ये है कि इंडिया गठबंधन ने तो चुनावी मौसम में इस योजना को ही खत्म करने की कसम खा ली है। राहुल गांधी तो दो टूक कह चुके हैं कि हम इस योजना को सत्ता में आते ही कूड़ेदान में फेंक देंगे। अब पता चला है कि देश की सेना भी एक इंटर्नल सर्वे कर रही है, अग्निवीर योजना में क्या सुधार किया जा सकता है, इसे लेकर कई तरह के सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।
अग्निवीर को लेकर सर्वे
बताया जा रहा है कि आर्मी इस समय अलग-अलग वर्गों से बात कर अग्निवीर योजना को डीकोड कर रही है, उसकी सफलता और चुनौतियों को समझने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में भर्ती करवाने वाले अधिकारियों से बात की जा रही है, आर्मी के कमांडरों से भी सवाल-जवाब हो रहे हैं। इसके ऊपर 10 सवालों का एक Questionnaire भी तैयार किया गया है जो अलग-अलग पदों के अधिकारियों को दे दिया गया है।
क्या सवाल पूछे जा रहे?
एक बड़ा सवाल ये भी है कि जो अग्निवीर ज्यादा फिट हैं या फिर सेना के जवाव जो पुराने तरीके से चुनकर आए हैं। उस आधार पर ही आगे कोई बड़ा फैसला लेने की बात हो रही है। इसके ऊपर ये भी समझने की कोशिश हो रही है कि अग्निवीरों में असल में सेना में शामिल होने को लेकर कितना उत्साह है, क्या सही में वे देश सेवा में विश्वास रखते भी हैं? उनके इस जज्बे को भी जानना भी सेना ने परफॉर्मेंस के लिहाज से जरूरी मांगा है।
अब शुरुआत में अग्निवीर योजना क्योंकि सिर्फ चार साल के लिए है, ऐसे में सर्वे ये सवाल भी रखा गया है कि चार साल पूरे होने के बाद अग्निवीरों को क्या करना है? वे आगे भी सेना में रहना चाहते हैं या फिर किसी नौकरी में चले जाएंगे? उन्हीं अग्निवीरों से ये सवाल भी पूछा जाएगा कि क्या वे अपने दूसरे साथियों को ये ज्वाइन के लिए के लिए प्रोत्साहित करने वाले हैं या नहीं?
अब तक कितने अग्निवीर?
जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक अग्निवीर योजना के तहत 40 हजार युवाओं ने अपनी ट्रेनिंग पूरी की है। इस समय नेवी में 7385 अग्निवीर हैं, वायुसेना में 4955 अग्निवीर चल रहे हैं। लेकिन इस योजना को लेकर असमंजस का माहौल भी है, चुनावी मौसम में तो ये बड़ा मुद्दा बन चुका है।
राहुल का अग्निवीर पर हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में कहा कि इस अग्निवीर को ना शहीद का दर्जा मिलेगा, ना पेंशन मिलेगी, ना कोई सुविधा मिलेगी, ना कैंटीन मिलेगी। यह योजना नरेंद्र मोदी की योजना है। यह सेना की योजना नहीं है। सेना इसे नहीं चाहती है। यह पीएमओ से योजना बनाई गई है तो मैं पहली बात आपको कहना चाहता हूं कि इंडिया की सरकार आएगी तो हम अग्निवीर योजना को उठाकर कूड़ेदान में फेंक देंगे।