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अग्निवीर Vs सामान्य सैनिक: शहादत के बाद किसे मिलता है कितना 'सम्मान'

यह समझने की कोशिश करते हैं कि एक सामान्य सैनिक और अग्निवीर में अंतर क्या होता है।
Written by: Amrita Dutta | Edited By: Sudhanshu Maheshwari
नई दिल्ली | Updated: July 05, 2024 20:30 IST
अग्निवीर और सामान्य सैनिक का अंतर जानिए
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देश में अग्निवीर स्कीम को लेकर अभी भी विवाद की स्थिति बनी हुई है, सरकार अगर इसे जरूरी बता रही है तो विपक्ष लगातार रद्द करने की मांग कर रही है। चुनाव के दौरान तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कह दिया था कि वे इस योजना को कूड़ेदान में फेंक देंगे। अब उनका विरोध में बोलने का सबसे प्रमुख आधार वो शहीद वाला दर्जा है जो इन अग्निवीरों को नहीं दिया जाता। राहुल यह भी कहते हैं कि किसी भी अग्निवीर को पेंशन नहीं दी जाती है। अब ऐसे में यह समझने की कोशिश करते हैं कि एक सामान्य सैनिक और अग्निवीर में अंतर क्या होता है।

मौत भी बंटती हैं कैटेगरी में

सबसे पहला सवाल सभी के मन में आता है कि कितना बीमा एक सामान्य सैनिक और फिर एक अग्निवीर को मिलता है। यहां जान लीजिए कि किसी भी सैनिक की मृत्यु को पांच कैटेगरी में बांटकर रखा जाता है- कैटेगरी A, कैटेगरी B, कैटेगरी C, कैटेगरी D, कैटेगरी E। दूसरी तरफ अग्निवीर की मौत को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है- कैटेगरी X, कैटेगरी Y और कैटेगरी Z। अब जो कैटेगरी A होती है, उसे उन सामन्य सैनिकों के लिए रखा जाता है जिनकी मौत ऑन ड्यूटी नहीं होती है, जिन्हें आप सैन्य सेवा के साथ नहीं जोड़ सकते हैं। यही वाली कैटेगरी अग्निवीर के लिए X बैठती है।

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बात जब कैटेगरी B की आती है, तो इनमें उन सामान्य सैनिकों को शामिल किया जाता है जिनकी मौत एक्सीडेंट में होती है। इसमें वो एक्सीडेंट शामिल रहते हैं जो ऑन ड्यूटी होते हैं। अग्रिवीरों में भी इस तरह की मौत को कवर किया जाता है और कैटेगरी Y रहती है। सबसे जरूरी रहती है कैटेगरी D, E और Z जिसमें वो सैनिक शामिल हो जाते हैं जिन्हें हम शहीद का दर्जा देते हैं, जो सर्वोच्च बलिदान देते हैं। अगर प्राकृतिक आपदा के दौरान भी उनकी मौत हो जाए तो उसे भी इन्हीं कैटेगरी में शामिल किया जाता है। ऐसी मौतों के लिए सामान्य सैनिकों के लिए E और D कैटेगरी रहती है और अग्रिवीर के लिए Z कैटेगरी।

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बीमा को लेकर क्या पॉलिसी?

अब बात अगर बीमा की हो तो गर सामान्य सैनिक 5 हजार रुपये महीने के आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड में डालता है, उससे जरूरत पड़ने पर 50 लाख तक रुपये मिल जाते हैं। एक अग्रिवीर को दूसरी तरफ 48 लाख रुपये तक बीमा के मिल जाते हैं, लेकिन यहां पर उनसे महीने के कोई पैसे नहीं लिए जाते हैं। अब समझने वाली बात यह है कि बीमा का पैसा हर कीमत पर हर अग्रिवीर और सामान्य सैनिक को मिलेगा, उसकी मौत का कारण कुछ भी रह सकता है।

वैसे अगर कभी सैन्य ऑपरेशन के दौरान किसी अग्निवीर की मौत हो जाए तो 44 लाख की अनुग्रह राशि मिलती है। लेकिन अगर ऑफ ड्यूटी किसी दूसरे कारण से किसी अग्रनिवीर या सामान्य सैनिक की मौत होती है, तब यह अनुग्रह राशि नहीं दी जाती है। एक सामान्य सैनिक के लिए 25 से लेकर 45 लाख के बीच तक की अनुग्रह राशि हो सकती है। वैसे अलग से भी दोनों अग्निवीर और सामान्य सैनिक को शहीद होने पर सहायता मिलती है। उसके परिवार को 8 लाख दिए जाते हैं अगर सैन्य ऑपरेशन के दौरान मौत हो जाए और 2.5 लाख दिए जाते हैं अगर किसी दूसरे कारण से ऐसा हुआ हो।

वो फायदा जो सिर्फ अग्रिवीरों के लिए

वैसे एक ऐसा फायदा भी है जो सिर्फ अग्निवीरों के लिए रखा गया है। अग्निवीर का वेतन 30,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति महीने है। इसके साथ ही वो जोखिम और कठिनाई भत्ते के हकदार हैं। इस योजना में एक सेवा निधि अंशदायी पैकेज भी है, जिसके तहत अग्निवीर अपनी मासिक परिलब्धियों का 30% योगदान करते हैं, और सरकार भी उतनी ही राशि का योगदान करती है। चार साल पूरे होने पर उन्हें पैकेज से लगभग 11.71 लाख रुपये (ब्याज सहित) मिलेंगे और इस पर आयकर से छूट मिलेगी।

वो फायदा जो सिर्फ सेना के लिए

ड्यूटी पर मृत्यु के मामले में उन्हें सेवा निधि पैकेज और उस अवधि के लिए पूर्ण वेतन सहित 1 करोड़ रुपये से अधिक मिलेंगे। विकलांगता की स्थिति में, वे सैन्य सेवा के कारण उत्पन्न या बढ़ी हुई विकलांगता की सीमा के आधार पर 44 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं। वैसे नियमित सेवा पर कार्यरत सैनिक और चार साल तक सेवा करने वाले अग्निवीर के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि सैनिक को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी जबकि अग्निवीर को नहीं। हालांकि, अग्निवीरों में से 25% जो चार साल के बाद सेना में शामिल हो जाएंगे सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के लिए पात्र होंगे। युद्ध में घायल होने की स्थिति में, एक नियमित सैनिक के परिवार को फैमिली पेंशन मिलती है, जो जीवन भर प्राप्त अंतिम वेतन के बराबर होती है। इस राशि पर कोई आयकर नहीं लगता है. अग्निवीर का परिवार केवल 48 लाख रुपये की गैर-अंशदायी बीमा राशि के लिए पात्र है।

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