डायबिटीज मरीज खरबूज़ा खाएं या तरबूज़? Blood Sugar कंट्रोल करने में कौन सा फल है असरदार, एक्सपर्ट से जानिए
डायबिटीज मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखना,बॉडी को एक्टिव रखना और तनाव से दूर रहना बेहद जरुरी है। डायबिटीज मरीजों को गर्मी में ज्यादा परेशानी होती है। इस मौसम में गर्मी ज्यादा होती है और डिहाइड्रेशन की परेशानी भी ज्यादा होती है। डायबिटीज मरीजों की ब्लड शुगर हाई होने से उनको यूरिन ज्यादा डिस्चार्ज होता है और बॉडी में डिहाइड्रेशन बढ़ने लगता है। गर्मी में शुगर के मरीज डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए और डिहाइड्रेशन से बचाव करने के लिए डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करें जिनसे ब्लड शुगर कंट्रोल रहे और बॉडी भी हाइड्रेट रहे।
बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए कुदरत ने हमें गर्मी में कुछ बेहतरीन फल तोहफे में दिए हैं जिनका स्वाद और फायदे दोनों ज्यादा है। तरबूज और खरबूजा दोनों ऐसे फल हैं जो गर्मी में बॉडी की पानी की कमी को पूरा करते हैं और बॉडी को हाइड्रेट रखते हैं। इन फलों का सेवन करने से गर्मी में बॉडी में होने वाली कई तरह की परेशानियां दूर होती है। अब सवाल ये उठता है कि डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इन दोनों फलों में से कौन से फल का सेवन कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि खरबूजा और तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कितना है और ये कैसे शुगर पर असर करता है।
खरबूजा और तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में पोषण विशेषज्ञ,कनिका नारंग ने बताया अगर आप किसी भी फूड का बॉडी पर असर देखना चाहते हैं तो उसे खाने से पहले और खाने के बाद ब्लड शुगर की जांच करके पता लगा सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक तरबूज एक ऐसा फल है जो बॉडी को हाइड्रेट रखता है और वजन भी कंट्रोल करता है। तरबूज और खरबूजा दोनों फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स किसी भी फूड का वो माप है जो ये बताता है कि कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को करने से कितनी तेजी से ब्लड शुगर बढ़ता है।
किसी भी फल या फूड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 या उससे कम हो तो उसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड माना जाता है। जिन फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 56-69 हो उसे मध्यम और 70 या उससे ऊपर को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड माना जाता है।
तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 72 और खरबूजे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 65 है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स को समझना जरूरी है। ग्लाइसेमिक लोड यह मापता है कि कोई भी फूड कितनी जल्दी ग्लूकोज को रक्त प्रवाह में प्रवेश करता है और हर बार खाने पर कितना ग्लूकोज बढ़ाता है। तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है, लेकिन एक बार इसका सेवन करने पर बॉडी में बेहद कम कार्बोहाइड्रेट पहुंचता है। एक कप खरबूजे का ग्लाइसेमिक लोड 3.14 से थोड़ा कम होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों फलों में 90 प्रतिशत पानी और फाइबर होता है,इसलिए ये दोनों फल डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सुरक्षित हैं। डायबिटीज मरीज इन दोनों फलों का सीमित सेवन कर सकते हैं।
तरबूज और खरबूजे के फायदे
तरबूज और खरबूजा, जिसे कैंटालूपे या हनीड्यू भी कहा जाता है, दोनों में विटामिन ए और विटामिन सी के साथ-साथ पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। तरबूज में लाइकोपीन अधिक होता है जो दिल की सेहत में सुधार करता है। जबकि खरबूजे में बीटा-कैरोटीन होता है, जो आंखों की हेल्थ को दुरुस्त करता है। दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर फूड हैं जिनका सेवन गर्मी में रोजाना करना फायदेमंद है। इसका सेवन करने से पेट लम्बे समय तक भरा रहता है और भूख कम लगती है। वजन कंट्रोल करने में ये दोनों फल जादुई असर करते हैं।