Fact Check: कर्नाटक में कांग्रेस के लिए वोट करने पर मुसलमानों को पैसा देने के दावे वाला नोटिस फर्जी है
बूम: सोशल मीडिया पर एक नोटिस वायरल हो रहा है। नोटिस में दावा किया गया है कि दुबई स्थित 'एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम' भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए दुबई से कर्नाटक में आने वाले मुसलमानों को आर्थिक मदद दे रहा है।
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह नोटिस पूरी तरह से फर्जी है। दुबई में इस नाम का कोई संगठन नहीं है। नोटिस में दिया गया पता पाकिस्तान के दूतावास का है। इसके अलावा नोटिस में दिए गए तीन नंबर भी असंबंधित व्यक्तियों के हैं। गौरतलब है कि देश में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 7 चरणों में मतदान जारी है, 7 मई 2024 को 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की 93 सीटों पर तीसरे चरण का मतदान हुआ था, जिसमें कर्नाटक भी शामिल है।
क्या है दावा?
सोशल मीडिया पर वायरल नोटिस में 29 अप्रैल 2024 की तारीख लिखी है। नोटिस में लिखा मैसेज हिंदी और उर्दू में है। इसमें लिखा है, "एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम (दुबई) की ओर से भारत के कर्नाटक और अन्य राज्यों में 7 मई को होने वाले मतदान में कांग्रेस के लिए वोट डालने वाले मुसलमानों को टिकट बुकिंग के लिए और पहले से बुक किए गए टिकटों के पूरे पैसे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका उद्देश्य इन चुनावों में फासीवादी ताकतों को हराकर, मुसलमानों की सच्ची दोस्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को सत्ता में वापस लाना है।"
एक एक्स यूजर ने वायरल नोटिस के साथ लिखा, 'एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम द्वारा देश से बाहर रह रहे भारत में वोट डालने वाले मुस्लिमों को निशुल्क हवाई टिकट दी जा रही है और वो भी कांग्रेस को वोट देने के लिये, कारण केवल मुस्लिम वर्चस्व के लिए।'
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।
जांच पड़ताल:
बूम ने वायरल नोटिस की पड़ताल के लिए सबसे पहले इसमें उल्लेखित 'एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम' को गूगल पर सर्च किया, लेकिन हमें इस संगठन से संबंधित कोई भी वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट जैसा कुछ भी नहीं मिला.
इसके बाद हमने नोटिस में लिखे पते '#2-11TH STREET KHALID BIN WALEED ROAD PLOT NO. UMM HURAIR ONE DUBAI UNITED ARAB EMIRATES' को गूगल पर सर्च किया तो पाया कि यह पता दुबई में पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास का था. दूतावास की अधिकारिक वेबसाइट पर यही पता दर्ज है और गूगल मैप पर भी इसे पते पर दूतावास ही है.
हमने देखा कि नोटिस में तीन लोगों के नाम (मोहम्मद फयाज, इब्राहिम भतकल और फिरोज हिदायतुल्ला) के साथ दुबई के कंट्री कोड ( 971) वाले तीन मोबाइल नंबर भी दिए गए थे।
हमने तीनों नंबरों को गूगल पर सर्च किया तो पाया कि Dallmayr Dubai नाम के एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की गई थी। पोस्ट में एक वीडियो के साथ कॉफी और स्नैक वेंडिंग मशीन के लिए सेवाएं ग्रहण करने के लिए इस नंबर पर संपर्क करने को कहा गया था।
इसके बाद बूम ने तीनों नंबर पर भी संपर्क किया। सभी ने इस वायरल नोटिस को फर्जी बताया।
पहले व्यक्ति ने बूम कहा, "मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि मैं सुन्नी मुस्लिम एसोसिएशन या दावे में उल्लिखित संगठन से किसी भी तरह से संबंधित नहीं हूं। मेरा इससे कोई संबंध नहीं है। "
दूसरे व्यक्ति ने हमसे कहा, "ये सब फर्जी है। मैं इसे रोकने के लिए यहां कानूनी अधिकारियों से संपर्क कर रहा हूं। पिछले दो दिनों से यही उपद्रव मचा हुआ है। "
तीसरे व्यक्ति ने हमें बताया, "मेरा नाम संथा कुमार है, मैं त्रिवेन्द्रम से हूं, यह फेक मैसेज है, मैं अबुधाबी पुलिस से इसकी शिकायत करूंगा।"
निष्कर्ष: बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल नोटिस पूरी तरह से फर्जी है। दुबई में इस नाम का कोई संगठन नहीं है। नोटिस में दिया गया पता भी पाकिस्तान के दूतावास का है।
(यह फैक्ट-चेक मूल रूप से बूम द्वारा किया गया है। यहां इसे शक्ति कलेक्टिव के सदस्य के रूप में पेश किया जा रहा है।)