Sultanpur Lok Sabha Election: बीजेपी की मेनका गांधी ने मुस्लिमों के आगे बढ़ाया दोस्ती का हाथ, राम मंदिर को भी नहीं बनाया मुद्दा
उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी ने मेनका गांधी को उतारा है। मेनका को टक्कर देने के लिए सपा ने यहां से राम भुआल निषाद को टिकट दिया है। मेनका इस बार संसद में अपने नौवें कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में हैं। यह चुनाव उनके लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके लिए यह अपनी राजनीतिक विरासत बचाने की लड़ाई है।
मेनका निवर्तमान लोकसभा की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली सांसद हैं। पर, बेटे वरुण गांधी को टिकट नहीं मिलने के कारण भाजपा में हाशिए पर धकेल दी गईं मेनका को अपनी राजनीतिक विरासत को बनाए रखने के लिए सुल्तानपुर से जीतना होगा। मेनका को उनके निर्वाचन क्षेत्र में लोग 'माताश्री' या 'माता जी' कहते हैं। 2019 के आम चुनाव में में सुल्तानपुर से सपा-बसपा गठबंधन द्वारा मैदान में उतारे गए स्थानीय नेता चंद्र भद्र सिंह के खिलाफ लगभग 14,000 वोटों के मामूली अंतर से जीत मिली थी। बेटे वरुण के लिए पीलीभीत सीट खाली करने के बाद, सुल्तानपुर से यह उनका पहला चुनाव था।
मुसलमानों की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ
हाल ही में जब वह सुल्तानपुर के शास्त्री नगर इलाके से अपने चुनाव अभियान के लिए निकलने वाली थी कि मेनका को बताया गया कि कुछ स्थानीय मुस्लिम नेता उनसे मिलने आए हैं। वह तुरंत उनका स्वागत करने के लिए बाहर आती हैं और कहती हैं, “मुझे आपकी मदद की ज़रूरत है। मैंने सभी के लिए बहुत कुछ किया है तो आपके जो भी पुराने प्रतिशोध हैं, उन्हें इस चुनाव में किनारे क्यों नहीं रख देते? दोस्त क्यों नहीं बन जाते?”
चुनाव प्रचार में राम मंदिर का नहीं जिक्र
मेनका गांधी के भाषणों में राम मंदिर का कोई उल्लेख नहीं है जबकि सुल्तानपुर से अयोध्या मुश्किल से एक घंटे की ड्राइव पर है। मेनका कहती हैं कि मैंने राम मंदिर को यहां कोई मुद्दा नहीं बनाया है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "वह अपने काम के बारे में बात कर रही हैं और ज्यादा करने का वादा कर रही हैं। आखिरकार लोग बस यही चाहते हैं कि उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाए। वे अपने प्रतिनिधि के साथ व्यक्तिगत संबंध चाहते हैं। पिछले पांच वर्षों में, मैंने हर गांव का दौरा करके ऐसे व्यक्तिगत संबंध बनाए हैं। यहां सिर्फ स्थानीय मुद्दे हैं। मैं हर किसी के लिए काम करती हूं।"
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राहुल और प्रियंका गांधी को दी ये सलाह
मेनका के अनुसार, वह अब तक 600 सभा कर चुकी हैं। मेनका कहती हैं, "सुल्तानपुर बहुत ही अच्छी तरह से प्रबंधित निर्वाचन क्षेत्र है। हम हर चीज़ पर बहुत बारीकी से नज़र रखते हैं, हमने ऐसा पीलीभीत में भी किया था। हम ध्यान रखते हैं कि लोगों का काम पूरा हो जाए।”
मेनका ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अमेठी और रायबरेली में अभियान पर ध्यान देने के सवाल पर मुसकुराते हुए कहा, “उन्हें मुद्दों पर अधिक गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है। आपको अपने दिमाग से नेतृत्व करना चाहिए, पैरों से नहीं।"
क्या कहती है सुल्तानपुर की जनता?
सुल्तानपुर में रहने वाले गुड्डु माली जिनकी फूलों की दुकान है, मेनका की बात से सहमत हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहते हैं, “माताश्री ने यहां बहुत सारे काम करवाए हैं, खासकर सड़कों के चौड़ीकरण का। सुल्तानपुर अब एक शहर जैसा दिखता है। इसके अलावा वह हम जैसे लोगों के लिए उपलब्ध हैं।”
हालांकि, स्थानीय व्यवसायियों और विक्रेताओं के पास शिकायत बहुत कम है, वहीं मजदूर जो अपने काम के लिए बाधमंडी क्रॉसिंग के पास चिलचिलाती गर्मी में चार घंटे तक खड़े रहते हैं कहते हैं कि वे परिवर्तन चाहते हैं। लंभुआ के रहने वाले सुंदर कहते हैं, “सब काम शहर में हुआ है। हमारी तरफ तो साइकिल चालिहे।"
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स्थानीय लोगों का दावा- जीतेगा कमल
27 वर्षीय वीरेंद्र चक्रवर्ती कहते हैं कि उन्हें काम खोजने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “कोविड लॉकडाउन के बाद हममें से कई लोग अपने गांव लौट आए लेकिन ज़्यादा काम पाने में असफल रहे। मैं गाजियाबाद में एक गैस सिलेंडर एजेंसी पर काम करता था। अब मैं यहां पेंटर का काम करने को मजबूर हूं। हम एक दिन के काम के लिए 400-450 रुपये कमाते हैं, और वह भी 10-15 दिनों में एक बार।" अपने आसपास लगभग 100 मजदूरों की भीड़ को देखते हुए चक्रवर्ती कहते हैं कि औसतन उनमें से लगभग 25 को एक दिन में उठाया जाता है।
कुम्हार जाति के चक्रवर्ती कहते हैं कि एक हिंदू के रूप में वह राम मंदिर को लेकर खुश हैं लेकिन सरकार को पहले हमारे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। एक बुजुर्ग मजदूर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहते हैं, "जीतेगा कमल, चाहे पूरी दुनिया साइकलवा पे दे (भाजपा जीतेगी, चाहे पूरी दुनिया सपा को वोट दे)।"
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मेनका के सामने दोनों ओबीसी उम्मीदवार
इस बार मेनका को ओबीसी प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां कांग्रेस-सपा के उम्मीदवार राम भुआल निषाद हैं। बसपा ने उदय राज वर्मा, एक कुर्मी को मैदान में उतारा है। सुल्तानपुर सीट पर निषादों की संख्या लगभग 2.5 लाख है।
भाजपा के बड़े नेताओं में नरेंद्र मोदी या अमित शाह ने उनके लिए प्रचार नहीं किया है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अपनी पहली रैली के लिए आ रहे हैं। भाजपा के साथी और NISHAD पार्टी के प्रमुख संजय निषाद और भाजपा के दलित चेहरे असीम अरुण ने भी हाल में मेनका के लिए प्रचार किया।
सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र
सुल्तानपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यहां सबसे अधिक बार कांग्रेस जीती है। हालांकि, पिछले दो चुनावों में सुल्तानपुर में वरुण और मेनका गांधी ने विजय पताका लहराई है। सीट पर 17 फीसदी के आसपास मुस्लिम वोटर हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा करीब 21 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है। इसके अलावा ठाकुर, ब्राह्मण के साथ-साथ ओबीसी की बड़ी आबादी भी इस क्षेत्र में निवास करती है।
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सुल्तानपुर लोकसभा चुनाव परिणाम
पिछले आम चुनाव में यहां से बीजेपी की मेनका गांधी ने जीत हासिल की थी। उन्होंने बसपा के चंद्र भद्र सिंह को हराया था। मेनका को 4.59 लाख और चंद्र को 4.44 लाख वोट मिले थे। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वरुण गांधी ने जीत हासिल की थी। उन्होंने बसपा के पवन पांडे को हराया था। वरुण को 4.10 लाख और पवन को 2.31 लाख वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर सपा के शकील अहमद थे जिन्हें 2.28 लाख वोट मिले थे।