UP Lok Sabha Election 2024: कभी फूलन देवी की हुआ करती थी यह सीट, अब अनुप्रिया पटेल लगाना चाहती हैं हैट्रिक
उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर सीट पर एनडीए के सहयोगी दल अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल का मुकाबला रमेश बिंद से है। वह सपा के टिकट पर इस बार चुनाव लड़ रहे हैं। अनुप्रिया लगातार तीसरी बार इस सीट से सांसद बनने के लिए मैदान में हैं।
मिर्ज़ापुर सीट की बात की जाये तो जातिगत समीकरण और कुछ केंद्रीय कल्याण योजनाओं के चलते माहौल अनुप्रिया के पक्ष में हो सकता है। हालांकि, 25% दलित और आदिवासी आबादी वाली इस सीट पर अनुप्रिया पर अपने वफादार कुर्मी वोट बैंक के प्रति पक्षपाती होने और जल जीवन मिशन जैसी आदिवासियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के अनियमित कार्यान्वयन का भी आरोप लगाया जा रहा है। मिर्जापुर की 49% आबादी ओबीसी और 25% एससी/एसटी है।
एनडीए की तरफ से लड़ रही 42 वर्षीय अनुप्रिया पटेल एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुकी हैं। राजनीतिक करियर की शुरुआत से पहले अनुप्रिया ने एमिटी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में काम किया था।
2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने 9 सीटें जीतीं थी
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अपना दल से की, जो उनके पिता स्वर्गीय सोनेलाल पटेल द्वारा 1995 में बनाई गई पार्टी थी। सोनेलाल पटेल की मृत्यु के बाद पार्टी दो गुटों में विभाजित हो गई। सोनेलाल की बेटी अनुप्रिया पटेल द्वारा 2016 में गठित अपना दल (सोनेलाल) केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा के साथ गठबंधन में है और राज्य में उसके 13 विधायक हैं।
अपना दल का दावा है कि उसे यूपी में कुर्मियों के साथ-साथ गैर-यादव ओबीसी समूहों जैसे कुशवाहा, मौर्य, निषाद, पाल और सैनी का समर्थन प्राप्त है। 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 9 सीटें जीतीं थी।
चुनाव | पार्टी | वोट शेयर (%) |
2009 | सपा | 29.87 |
बसपा | 27.18 | |
अन्य | 42.95 | |
2014 | अपना दल | 43.32 |
बसपा | 21.58 | |
अन्य | 35.10 | |
2019 | अपना दल | 53.34 |
सपा | 32.42 | |
अन्य | 14.23 |
अनुप्रिया पटेल और राजा भैया के बीच विवाद
केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एडी) की नेता अनुप्रिया पटेल की उन पर की गई टिप्पणी से नाराज होकर जनसत्ता दल के अध्यक्ष और स्वतंत्र विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने संकेत दिया है कि वह उन सीटों पर पटेल और अन्य बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार कर सकते हैं जहां ठाकुर समुदाय के मतदाता ज्यादा हैं।
हाल ही में अनुप्रिया पटेल ने कहा था, 'अब राजा रानियों के गर्भ से नहीं बल्कि ईवीएम से पैदा होते हैं।' हालाँकि, राजा भैया ने यह कहकर पलटवार किया कि "ईवीएम से राजा नहीं बल्कि जनसेवक पैदा होते हैं।" राजा भैया की पार्टी के नेताओं का कहना है कि पटेल की टिप्पणियों ने क्षत्रिय समुदाय की भावनाओं को आहत किया है और समुदाय उन्हें लोकसभा चुनाव में अच्छा सबक सिखाएगा।
सपा ने मिर्जापुर से रमेश बिंद को दिया टिकट
समाजवादी पार्टी ने अपना दल (एस) को टक्कर देने के लिए मिर्ज़ापुर लोकसभा सीट से रमेश बिंद को मैदान में उतारा है। बिंद मूल रूप से भदोही जिले के ज्ञानपुर के रहने वाले हैं। वह पहले बिंद सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। बिंद छह महीने पहले ही समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। रमेश बिंद ने 2019 के आम चुनाव में भदोही लोकसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी। वह भदोही से सपा का टिकट पाने की कोशिश में थे, लेकिन भदोही लोकसभा सीट बसपा के खाते में जाने के बाद सपा ने उन्हें मिर्जापुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
रमेश बिंद को प्रत्याशी बनाकर सपा ने जिले के करीब डेढ़ लाख बिंद मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है। माना जाता है कि बिंद बसपा को बड़ी संख्या में वोट देते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा की समुद्रा देवी बिंद को 217457 वोट मिले थे। वह मिर्जापुर सीट पर दूसरे स्थान पर रहीं थी। बसपा ने यहां मनीष त्रिपाठी को टिकट दिया है।
मिर्जापुर सीट का इतिहास
पिछले चालीस सालों से बाहरी प्रत्याशी इस सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 1984 में कांग्रेस के उमाकांत मिश्र के बाद किसी स्थानीय उम्मीदवार को यहां सफलता नही मिली। फूलन देवी ने इस सीट से समाजवादी पार्टी उम्मीदवार के रूप में दो बार (1996 और 1999) जीत दर्ज की थी। उनकी बहन मुन्नी देवी ने भी यहां से चुनाव लड़ा लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया था। लोकसभा चुनाव 2009 में दस्यु ददुआ के भाई बालकुमार पटेल भी सपा उम्मीदवार के रूप में मिर्जापुर से जीत चुके हैं। दस्यु सुंदरी सीमा परिहार ने भी यहां अपना भाग्य आजमाया था लेकिन सीमा को हार का सामना करना पड़ा था।
मिर्जापुर लोकसभा में वर्तमान में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं- छानबे (एससी), मिर्ज़ापुर, मझावां, चुनार और मरिहान, जो सभी एनडीए के पास हैं। अनुप्रिया पटेल 2014 से यहां से सांसद हैं। इससे पहले समाजवादी पार्टी के बट कुमार पटेल इसका प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
मिर्जापुर लोकसभा चुनाव परिणाम
पिछले चुनाव में यहां से अपना दल (एस) की अनुप्रिया ने सपा के राम चरित्र निषाद को हराया था। अनुप्रिया को 53.34% और निषाद को 32.42% वोट मिले थे।
2014 के आम चुनाव में अनुप्रिया ने बसपा के समुद्र बिंद को हराया था। अनुप्रिया को 43.32% और समुद्र को 21.58% वोट मिले थे।