scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

यूपी लोकसभा चुनाव: कमजोर पड़ कर भी यहां मजबूत है बसपा, जान‍िए भाजपा, कांग्रेस, सपा से क्‍यों खफा हैं जाटव

यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों में बसपा ने केवल 1 सीट जीती थी लेकिन उसका वोट शेयर 12.9% था।
Written by: Asad Rehman | Edited By: shruti srivastava
नई दिल्ली | Updated: May 22, 2024 17:57 IST
यूपी लोकसभा चुनाव  कमजोर पड़ कर भी यहां मजबूत है बसपा  जान‍िए भाजपा  कांग्रेस  सपा से क्‍यों खफा हैं जाटव
बसपा सुप्रीमो मायावती (Source- PTI)
Advertisement

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ सीट को यादवों का गढ़ माना जाता है। यहां अब तक कुल 20 चुनाव हुए जिसमें से 14 बार यादव समुदाय के नेता ही जीते हैं। इस बार भी यहां सपा और भाजपा दोनों ने यादव उम्मीदवार उतारे हैं। सपा ने जहां धर्मेंद्र यादव को वहीं, बीजेपी ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ 'निरहुआ' को उतारा है। मुस्लिम वोटर्स की अच्छी आबादी को देखते हुए बसपा ने आजमगढ़ से मशहूद अहमद को टिकट दिया है। असद रहमान की ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए क्या चाहते हैं जाटव वोटर्स?

Advertisement

पार्टी के वोट शेयर और सीटों में गिरावट के साथ बसपा और मायावती लोकसभा चुनावों में बहुत मजबूत दिखाई नहीं दे रहे हैं। हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन हिस्सों में अपने जाटव समुदाय के बीच मायावती ने अपनी पकड़ नहीं खोई है।

Advertisement

आज़मगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्वारा भाटान गांव में जाटव समुदाय से आने वाले आलोक जैसवार कहते हैं, ''हमारे समाज का सारा वोट हाथी को ही जाएगा, चाहे वो लड़ाई में हो या नहीं।''

बसपा पर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का चुनाव अभियान जहां मुख्य रूप से दलितों और ओबीसी पर केंद्रित है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सत्ता में तीसरी बार आने के बाद मोदी सरकार संविधान को बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी। मायावती द्वारा इंडिया गठबंधन में शामिल होने से इनकार करने के बाद उन्होंने बसपा पर भाजपा की बी-टीम होने का भी आरोप लगाया।

'मेरा परिवार सालों से बसपा को वोट देता रहा है'

जैसवार ने ये सारी बातें सुनी हैं लेकिन यह बसपा के प्रति उनके समर्थन को हिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। पहली बार वोट डालने जा रहे आलोक का कहना है कि भाजपा द्वारा संविधान को बदलने या आरक्षण में बदलाव की बहुत कम संभावनाहै। वह कहते हैं, “कोई निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकता। अगर वे ऐसा करते हैं तो पूरे देश में मणिपुर जैसी स्थिति हो जाएगी।'' आलोक भाजपा सरकार से नौकरियां नहीं देने और मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण नहीं करने के लिए नाखुश हैं। आलोक का कहना है, "मेरा परिवार सालों से बसपा को वोट देता रहा है और मैं उन्हें भी वोट दूंगा।"

Advertisement

'जब सपा सरकार बनाती है तो यादव नौकरियां छीन लेते हैं'

एक गांव में प्राइवेट स्कूल टीचर और तीन बच्चों के पिता राम रतन, जो प्रति माह 5000 रुपये कमाते हैं, वो भी आरक्षण को लेकर आशंकित हैं। रतन का दावा है, ''नरेंद्र मोदी ने एक भाषण में कहा था कि उन्हें आरक्षण पसंद नहीं है। कौन जानता है कि वे क्या करेंगे?" वहीं, उनकी मुख्य शिकायत नौकरियों की कमी है और पहली प्राथमिकता बीएसपी है। वह एक जाटव भी हैं। उनका कहना है, “भाजपा हमें 5 किलो राशन दे रही है, लेकिन हम गरीबी के इस चक्र से बाहर निकलने के लिए नौकरियां चाहते हैं।”

जहां तक ​​सपा का सवाल है, रतन उसे अधिकांश गैर-यादव जाति समूहों के लिए सबसे बड़ी बाधा का कारण बताते हैं। वह कहते हैं, "जब सपा सरकार बनाती है तो यादव सभी नौकरियां छीन लेते हैं।"

मोदी और योगी आदित्यनाथ ने हमारे लिए कुछ नहीं किया- आजमगढ़ के स्थानीय

आजमगढ़ से लगभग 100 किमी दूर, अंबेडकर नगर जिले के जाटव बहुल सलाउद्दीनपुर गांव की गीता देवी का कहना है कि भाजपा समुदाय की मदद करने में विफल रही है। वह कहती हैं, ''हमें जो कुछ भी दिया गया वह बाबासाहेब और फिर बहनजी ने दिया। मोदी और योगी आदित्यनाथ ने कुछ नहीं किया।'' गीता ने भी संविधान पर ख़तरे के बारे में सुना है, लेकिन उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है। वे सभी नौकरी की तलाश में हैं।"

करमुलाहां गांव में रहने वाले संदीप कुमार जो लुधियाना में मजदूरी करते हैं अपने भतीजे की शादी के लिए घर आए हैं। उनकी पत्नी रीता संदीप से 25 मई को वोट डालने के लिए रुकने का आग्रह कर रही हैं। हालांकि, संदीप को डर है कि वह अपनी नौकरी खो सकते हैं। रीता ने कहा, “हमारे वोट की गिनती तो होगी नहीं।" संदीप कहते हैं, “भले ही हम जाटव भाजपा को वोट दें, वे सोचेंगे कि हमने बसपा को वोट दिया है इसलिए बेहतर है कि हम अपने नेता को वोट दें।” रीता आगे कहती हैं, ''मायावती ने हमें सम्मान दिया। मैं एक बार लखनऊ गयी तो देखा कि वहां हर जगह बाबा साहब की मूर्तियां लगी हुई हैं। हम ऐसी बातें नहीं भूल सकते।”

मायावती के सपोर्टर हैं जाटव

अंबेडकर नगर से लगभग 70 किमी दूर, सुल्तानपुर के उधुरी गांव में अनिल कुमार जो एक जाटव हैं और इलेक्ट्रिक रिक्शा चलाते हैं, उनका कहना है कि मायावती भले ही पीछे हो गयी हों, लेकिन यह उनके समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह उनके पीछे खड़े रहें। कुमार कहते हैं, “जब वह मुख्यमंत्री थीं, तो हमारे समुदाय को लाभ हुआ। आज जब वह कमज़ोर है तो क्या हमें उसे छोड़ देना चाहिए?”

लखनऊ में एक बीएसपी नेता का कहना है कि बीजेपी ने भले ही दलितों में धोबी, खटिक और सोनकर जैसी कुछ उपजातियों को अपने साथ ले लिया है लेकिन बीएसपी अपने जाटव वोट शेयर पर कायम है। नेता कहते हैं, ''हो सकता है कि हम इस बार लड़ाई में न हों, लेकिन हमारा वोट शेयर 2022 के विधानसभा चुनावों के करीब रहेगा।'' पार्टी के कमज़ोर अभियान के बारे में नेता कहते हैं, "हमारी तैयारी 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए है।"

जाटव वोट अभी भी मायावती के पास

यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों में, बसपा ने 403 सीटों में से केवल 1 सीट जीती, लेकिन उसका वोट शेयर 12.9% था, जो यूपी में जाटव वोटों के शेयर के करीब था। यूपी में दलित आबादी 21% है और अकेले जाटव 13% हैं।

हालांकि , अपने गठन के बाद से 2022 में बसपा का यह सबसे कम वोट शेयरों में से एक था। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब बसपा को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली थी, तब उसका वोट शेयर 19.77% था। 2017 के विधानसभा चुनावों में जब उसने 19 सीटें जीतीं, तो उसे 22.23% वोट मिले।

आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र

आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनके नाम गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में यहां सभी सीटों पर सपा को ही जीत मिली थी। आजमगढ़ जिले में आजमगढ़ के अलावा लालगंज लोकसभा क्षेत्र भी है, जहां 10 विधानसभा सीटें हैं। ये सभी सीटें सपा के ही पास हैं। आंकड़ों के मुताबिक आजमगढ़ संसदीय सीट पर कुल 17.3 लाख मतदाता हैं। यहां मुस्लिम मतदाता 35% हैं जबकि दलित मतदाताओं की आबादी 17% है। इस सीट पर सवर्ण मतदाताओं की संख्या 19% के आसपास है।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो