Paper Leak: पेपर लीक के सात केस हैं पैसा दो, नौकरी लो का दावा करने वाले एनडीए विधायक बेदी राम पर
प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने को लेकर देश भर में चल रहे बवाल के बीच बीजेपी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के एक विधायक बेदी राम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो को लेकर बीजेपी विपक्षी दलों के निशाने पर भी है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस ने मांग की है कि विधायक बेदी राम की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए।
बेदी राम की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य बीजेपी नेताओं के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
इसके साथ ही सुभासपा अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि किसी भी सरकारी विभाग में आपके परिवार के किसी भी सदस्य को अगर नौकरी चाहिए तो फॉर्म भरने के बाद जब कॉल लेटर आ जाए तो बेदी राम को कॉल कर लेना।
पेपर लीक मामले में चौतरफा घिर चुकी बीजेपी पहले से ही संसद के अंदर और सड़क पर जबरदस्त विरोध का सामना कर रही है। बेदी राम का वीडियो सामने आने के बाद उसकी मुश्किलों में इजाफा हो गया है।
टिकट कलेक्टर और टीटीई थे बेदी राम
जौनपुर के रहने वाले बेदी राम 2022 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने थे। वह जखानिया विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने बताया है कि वह राजनीति में आने से पहले रेलवे में टिकट कलेक्टर और ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) थे।
हलफनामे में उन्होंने यह भी बताया था कि उनके खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हैं, इसमें से सात मुकदमे तो पेपर लीक के ही हैं और इन आरोपों के चलते उन्हें दो बार गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
देखिए, NEET पेपर लीक पर वीडियो-
एसओजी और एसटीएफ ने दर्ज की थी एफआईआर
2009 में जयपुर में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में बेदी राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग पेपर लीक मामले में भोपाल में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भी बेदी राम के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं।
2006 में रेलवे भर्ती का पेपर लीक करने के आरोप में बेदी राम पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था और इसके दो साल बाद एक और मामला गोमती नगर में दर्ज हुआ था। 2010 में पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में बेदी राम के खिलाफ जौनपुर के मड़ियाहूं में एफआईआर दर्ज की गई थी। 2014 में भी एक और मामला दर्ज किया गया था।
वीडियो की जांच के आदेश
गाजीपुर के एसपी ओमवीर सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस मामले में वीडियो की सत्यता की जांच के आदेश दिए गए हैं। यह भी पता लगाया जाएगा कि यह वीडियो कहां का है और किस जगह बनाया गया।
वीडियो में बेदी राम को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने एक बार में 40 तक भर्तियां करवाई हैं। विधायक एक एग्जाम रद्द होने के बाद दो पक्षों में पैसे को लेकर हो रहे विवाद को सुलझाते हुए दिख रहे हैं। इसमें विधायक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह किसी कैंडिडेट को एग्जाम पास करने में मदद करने के बदले पैसे लेते हैं और अगर पेपर रद्द हो जाता है तो इसमें उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।
वीडियो में बेदी राम साफ-साफ कहते हैं कि रिजल्ट आने के बाद और काम पूरा होने के बाद उनकी भूमिका खत्म हो जाती है।
राजभर का वीडियो भी वायरल
दूसरी ओर, ओमप्रकाश राजभर का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें राजभर कहते हैं कि यह निश्चित है कि विधायक बेदी राम आपका जुगाड़ बना देंगे। यह देखने में ऐसे लग रहे हैं, इनके कम से कम कई लाख लोग चेले नौकरी कर रहे हैं और सभी को इन्होंने नौकरी दी है। सुनिए, ओम प्रकाश राजभर ने क्या कहा-
समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने भी बेदी राम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उन्हें बचाने का आरोप लगाया है। इस बीच गुरुवार को सुभासपा के प्रमुख ओपी राजभर ने इस मुद्दे पर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है।
कांग्रेस ने इस मामले में कहा है कि विधायक बेदी राम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहयोगी पार्टी से जुड़ा हुआ है और नीट पेपर लीक का सरगना है। बेदी राम बीजेपी का चहेता और उनका बेहद करीबी है। बेदी राम पेपर लीक करवाता है यह सबको पता है, इसके बाद भी इसे एनडीए में क्यों रखा गया है।
उत्तर प्रदेश में बेदी राम पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमे चल रहे हैं। इसके अलावा बेदी राम के खिलाफ मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी मुकदमे चल रहे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस बात का शक है कि रेलवे में होने वाली भर्तियों, मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षाओं और यूपी पुलिस की भर्तियों में भी विधायक बेदी राम का हाथ रहा है।
जेल भी जा चुके हैं विधायक बेदी राम
विधायक बेदी राम पर जो पहले दो मुकदमे दर्ज हुए थे वह रेलवे की परीक्षाओं के लीक होने से संबंधित थे जबकि बेदी राम 2006 और 2014 में रेलवे की परीक्षाओं को लेकर लगे आरोपों के मामले में जेल भी जा चुके हैं।