scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

Punjab Lok Sabha Chunav: 2004 में मिली थी 61% सीटें, 2019 में रह गयीं सिर्फ 15%, कैसे तय होगा आगे का सफर?

1996 से अकाली दल और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ते आ रहे थे लेकिन साल 2020 में कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था।
Written by: Pawan Upreti
Updated: May 27, 2024 09:40 IST
punjab lok sabha chunav  2004 में मिली थी 61  सीटें  2019 में रह गयीं सिर्फ 15   कैसे तय होगा आगे का सफर
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल। (Source- SukhbirSinghBadal/FB)
Advertisement

2024 का लोकसभा चुनाव शिरोमणि अकाली दल (बादल) के लिए करो या मरो जैसा है। 1920 में शिरोमणि अकाली दल के गठन के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव ऐसा पहला चुनाव था, जिसमें अकाली दल का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। इस विधानसभा चुनाव में अकाली दल सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गया था। प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद अकाली दल को पंजाब की राजनीति में फिर से जिंदा करने की जिम्मेदारी सुखबीर बादल के कंधों पर है। लेकिन उन्हें एक मजबूत सहयोगी की तलाश है।

Advertisement

बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल ने 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन किया लेकिन इससे उसे कोई फायदा नहीं हुआ। 2024 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल अकेले ही सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।

Advertisement

Prakas Singh Badal: प्रकाश और सुखबीर भी हारे

2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब की राजनीति के दिग्गज नेता और पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल भी चुनाव हार गए थे। प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे और उन्होंने विधानसभा के 10 चुनाव जीते थे। उन्हें अपनी पुरानी और परंपरागत सीट लांबी से 11 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी। सुखबीर बादल को तो 30 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी।

Narendra Modi
जालंधर में 24 मई को आयोजित चुनावी सभा में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।(Source- PTI )

अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा और तोता सिंह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में तीसरे नंबर पर रहे थे जबकि पंजाब में पार्टी के बड़े चेहरे माने जाने वाले सिकंदर सिंह मलूका, आदेश प्रताप सिंह कैरों और महेश इंदर सिंह ग्रेवाल को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

Advertisement

गिरता गया वोट शेयर

2012 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल को पंजाब में 34.73 प्रतिशत वोट मिले थे जो 2017 के विधानसभा चुनाव में गिरकर 25.4% हो गए थे। 2022 में यह आंकड़ा और गिरा और तब अकाली दल 18.38% वोट ही ला सका था।

Advertisement

Akali dal
विधानसभा चुनाव में अकाली दल को मिले वोट। (Source-TCPD)

लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन 

अकाली दल को 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में पंजाब में 8-8 सीटों पर जीत मिली थी। 2004 के लोकसभा चुनाव में भी वह 8 सीटें जीतने में कामयाब रहा था लेकिन 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में वह चार-चार सीटें ही जीत पाया था। 2019 में उसे सिर्फ दो ही सीटें मिली थी।

Akali dal
लोकसभा चुनाव में अकाली दल को मिली सीटें। (Source-TCPD)

बीजेपी से गठबंधन टूटा

पंजाब में 26 साल बाद यह पहला चुनाव था जिसे अकाली दल ने बीजेपी के बिना लड़ा था। 1996 से अकाली दल और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ते आ रहे थे लेकिन साल 2020 में कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था।

अकाली दल का प्रदर्शन 2015 के विधानसभा चुनाव में भी खराब रहा था तब उसे राज्य में सिर्फ 15 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल ने बसपा की ओर हाथ बढ़ाया और बसपा के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ा। 117 सीटों वाले पंजाब में बसपा ने 20 सीटों पर और अकाली दल ने 97 सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे।

Amritpal Singh
परमजीत कौर खालरा और अमृतपाल सिंह।

BJP SAD Alliance Punjab: गठबंधन से मिलते थे हिंदू-सिख वोट

1997 में अकाली दल ने पंजाब में 75 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसे 37.64% वोट मिले थे। 1997 से 2017 तक यानी 20 साल के वक्त में अकाली दल और बीजेपी ने 15 साल मिलकर सरकार चलाई। अकाली दल और बीजेपी का चुनावी गठजोड़ इसलिए एक-दूसरे के मुफीद था क्योंकि अकाली दल की वजह से सिखों और ग्रामीण क्षेत्र के वोट इस गठबंधन को मिलते थे जबकि भाजपा की वजह से शहरी और हिंदू मतदाताओं का समर्थन गठबंधन को हासिल होता था। लेकिन इस गठबंधन के टूटने के बाद बड़ा झटका अकाली दल को ही लगा क्योंकि बीजेपी का पंजाब में कोई बहुत बड़ा आधार नहीं था और वह अकाली दल के सहयोगी के तौर पर ही विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ती थी।

तब पंजाब की राजनीति के बुजुर्ग और अनुभवी नेता प्रकाश सिंह बादल इस गठबंधन को मांस और नाखून के रिश्ते जैसा बताते थे।

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर लड़ते हुए भी अकाली दल सिर्फ दो ही सीटों पर जीत हासिल कर सका था। इस बार जब वह अकेले चुनाव लड़ रहा है तो देखना होगा कि उसे कितनी कामयाबी मिलती है।

AAP Punjab: आम आदमी पार्टी ने किया नुकसान

पंजाब में आम आदमी पार्टी के आने के बाद से ही अकाली दल का प्रदर्शन खराब होने लगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में जब आम आदमी पार्टी पहली बार पंजाब के विधानसभा चुनाव में उतरी तो उसे 20 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी और तब उसका वोट प्रतिशत 24.62 था लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे 42.01% वोट हासिल हुए और सीटों का आंकड़ा बढ़कर 92 पर पहुंच गया। आप ने अकाली दल के वोट बैंक को ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया।

Bhagwant Mann Amarinder Singh Raja Warring
भगवंत मान और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग। (Source-FB)

पुराने नेताओं को जोड़ रहे सुखबीर बादल

पार्टी के खराब हालत को देखते हुए सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी छोड़कर गए पुराने नेताओं को वापस लाने की पहल शुरू की है। इस क्रम में उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा की इस साल मार्च में अकाली दल में वापसी कराई और ढींडसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) का अकाली दल में विलय कराया। इसके साथ ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की पूर्व अध्यक्ष और एक वक्त में अकाली दल का बड़ा चेहरा रहीं बीबी जागीर कौर को भी सुखबीर बादल अकाली दल में वापस लेकर आए। बीबी जागीर कौर तीन बार एसजीपीसी अध्यक्ष का चुनाव जीती थीं।

सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल बठिंडा लोक सभा सीट से पिछले तीन चुनाव से लगातार जीत रही हैं। लेकिन इस बार इस सीट पर वह कड़े मुकाबले में फंसी हैं। सुखबीर बादल और हरसिमरत के सामने पिछली बार जीती बठिंडा और फिरोजपुर की सीटों को अकाली दल के कब्जे में बनाए रखने की चुनौती है।

करो या मरो का चुनाव

अकाली दल और बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव में साथ आने की बहुत कोशिशें की लेकिन दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका। इस बार अकाली दल सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। अगर इस चुनाव में भी अकाली दल का प्रदर्शन खराब रहता है तो निश्चित तौर पर उसके लिए अपने कार्यकर्ताओं को 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार कर पाना बेहद मुश्किल होगा।

punjab
(बाएं से) भगवंत मान, सुनील जाखड़, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सुखबीर सिंह बादल। (Source-FB)
Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो