Haryana Lok Sabha Elections: पंजाब, हरियाणा में बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हराने पर आमादा किसान, बनाया और आक्रामक प्लान
पंजाब के पटियाला में शंभू रेलवे स्टेशन पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। किसानों ने शंभू रेलवे ट्रैक छोड़ दिया है लेकिन उन्होंने ऐलान किया है कि वे हरियाणा और पंजाब में भाजपा के बड़े नेताओं के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के स्टार प्रचारकों का भी विरोध करेंगे। बीजेपी का कहना है कि किसान आंदोलन के नाम पर आप और कांग्रेस के लोग विरोध कर रहे हैं।
हरियाणा और पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरान किसान लगातार भाजपा के उम्मीदवारों का विरोध कर रहे हैं इसलिए निश्चित रूप से किसानों के इस ऐलान से बीजेपी के उम्मीदवारों और नेताओं की मुश्किलों में इजाफा ही होगा।
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 सीटें जीत ली थीं, लेकिन इस बार किसान जगह-जगह बीजेपी का विरोध कर रहे हैं। उनकी योजना है कि बीजेपी इस बार चुनाव जीत नहीं पाए, जबकि भाजपा 2024 में भी मिशन 10/10 के लिए जोर लगा रही है।
पंजाब में पिछले चुनाव में भाजपा ने दो सीटें जीती थीं। तब अकाली दल उसके साथ थी। इस बार भाजपा पंजाब में अकेले लड़ रही है। ऐसे में किसानों के विरोध के चलते उसके लिए लड़ाई और मुश्किल हो सकती है।
![Bhiwani Mahendragarh](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/05/Bhiwani-Mahendragarh.jpg?w=850)
प्रदर्शन में घुसे आप, कांग्रेस के लोग: सुनील जाखड़
किसानों के प्रदर्शन को लेकर पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ कहते हैं कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने किसानों के प्रदर्शन में घुसपैठ की है और वे बीजेपी के प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के उनके हक से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जाखड़ ने कहा है कि इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं क्योंकि किसानों के प्रदर्शन में घुसे ऐसे लोग बीजेपी की छवि खराब करने के लिए किसानों के खिलाफ हिंसा कर सकते हैं।
Punjab Farmers Protest: रेलवे को हुआ 163 करोड़ का नुकसान
किसान पिछले 34 दिन से शंभू रेलवे स्टेशन पर धरना दे रहे थे। इस वजह से रेलवे को कोई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था और कई ट्रेनें लेट हो रही थी। किसानों के उठने के बाद सभी रेलवे ट्रैक को खाली कर लिया गया है। इस वजह से कुल 5500 ट्रेनें बाधित रही और रेलवे को 163 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
किसानों ने कहा है कि हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर उनका धरना जारी रहेगा।
![farmers protest| haryana election| chunav 2024](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/05/haryana-protest-1.jpg?w=850)
Shambhu Border Protest: स्टार प्रचारकों का होगा विरोध
संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि बीजेपी के कुछ नेता किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं और अब जब बीजेपी के स्टार प्रचारक पंजाब में जिस जगह चुनावी सभा करेंगे, किसान वहां पहुंचकर उनका विरोध करेंगे।
किसान नेताओं का कहना है कि 22 मई को शंभू बॉर्डर पर एक विरोध प्रदर्शन रखा गया है और इसमें बीजेपी के ऐसे नेताओं के नाम का ऐलान किया जाएगा जिनके घर के बाहर किसान धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि 22 मई को किसानों के प्रदर्शन को 100 दिन भी पूरे हो जाएंगे।
23 और 24 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के लिए पटियाला, जालंधर और गुरदासपुर में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। किसान नेता मोदी के दौरे का विरोध करने की तैयारी में हैं।
पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिरोजपुर में रैली करने पहुंचे थे तो एक फ्लाईओवर पर उनका काफिला 20 मिनट तक रुका रहा था। तब इसे लेकर बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच खूब शोर हुआ था।
![farmer protest](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/05/farmer-protest.jpg?w=850)
हरियाणा-पंजाब में ताकतवर हैं किसान
हरियाणा-पंजाब के किसानों ने अपनी ताकत का एहसास तब कराया था जब मोदी सरकार 2020 में कृषि कानून लेकर आई थी। किसानों ने उस दौरान हरियाणा पंजाब में रेलवे ट्रैक रोकने के साथ ही दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर्स पर डेरा डाल दिया था।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर के अलावा दिल्ली-हरियाणा के टिकरी और सिंघु बॉर्डर्स पर किसान 1 साल तक धरने पर बैठे रहे थे। उस दौरान भी बीजेपी के नेताओं को बड़े पैमाने पर किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा था। मोदी सरकार को अंत में किसानों के आगे झुकते हुए कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था।
इस साल मार्च में किसानों ने एक बार फिर दिल्ली चलो का नारा दिया था लेकिन तब हरियाणा की सरकार ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था। इसके बाद किसानों ने शंभू बॉर्डर पर ही डेरा डाल दिया था। चुनाव प्रचार के दौरान हरियाणा में बीजेपी के उम्मीदवारों से किसान पूछ रहे हैं कि आखिर उन्हें दिल्ली जाने से क्यों रोका गया और उनके खिलाफ हरियाणा की पुलिस ने ताकत का इस्तेमाल क्यों किया।
![farmers protest](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/05/farmers-protest.jpg?w=850)
क्या हैं किसानों की मुख्य मांगें?
किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की है। किसानों का कहना है कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करे।
Haryana BJP: पिछला प्रदर्शन दोहरा पाएगी बीजेपी?
हरियाणा में बीजेपी को पिछली बार राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी लेकिन इस बार किसान अंबाला, सोनीपत, रोहतक, भिवानी-महेंद्रगढ़, सिरसा, करनाल में खुलकर बीजेपी के उम्मीदवारों का जिस तरह विरोध कर रहे हैं, उससे बीजेपी के लिए पिछले चुनावी प्रदर्शन को दोहरा पाना आसान नहीं होगा।
SAD-BJP Alliance: अलग-अलग चुनाव लड़ रहे अकाली दल-बीजेपी
13 लोकसभा सीटों वाले पंजाब में 1 जून को सभी सीटों पर वोटिंग होनी है। पंजाब में 1996 से लेकर 2019 तक शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी मिलकर लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ते थे लेकिन 2020 में मोदी सरकार के द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था और अब दोनों दल अकेले-अकेले चुनाव लड़ रहे हैं।
हरियाणा में बीजेपी का जेजेपी के साथ गठबंधन टूट गया है इसलिए पार्टी अकेले ही सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।