मोदी जी, आपके माता-पिता ने 6 बच्चों को जन्म दिया था... पीएम के बयान पर कांग्रेस का पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान पर विवाद छिड़ गया है। पीएम मोदी ने रविवार को कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह देश की संपत्ति को 'घुसपैठियों और जिनके अधिक बच्चे हैं', उनके बीच बांट सकती है। प्रधानमंत्री ने यह बात पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही है। मनमोहन सिंंह ने क्या कहा था, यह हम आगे बताएंगे। पहले पीएम मोदी ने क्या कहा, वह जानते हैं:
पीएम मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “पहले जब उनकी सरकार थी, उन्होंने कहा था की देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे।” उन्होंने कहा, “घुसपैठियों को बांटेंगे। आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? क्या आपको ये मंजूर है?”
पीएम मोदी की मुसलमानों पर टिप्पणी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “ये अर्बन नक्सल वाली सोच। मेरी माताओ- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे।” उन्होंने कहा, “ये कांग्रेस का घोषणापत्र कह रहा है कि वे माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे और उनको बांटेगे जिनके बारे में मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।”
मनमोहन सिंह के किस बयान का जिक्र कर रहे थे पीएम मोदी?
दिसंबर 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद की एक बैठक को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया था। उन्होंने कहा था, “मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं। कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश, और सामान्य बुनियादी ढांचे की आवश्यक सार्वजनिक निवेश आवश्यकताओं के साथ-साथ एससी/एसटी, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए योजनाओं की आवश्यकता होगी। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों में विकास का फल समान रूप से साझा करने का अधिकार मिले। संसाधनों पर पहला दावा उनका होना चाहिए।”
उस समय भी मनमोहन सिंह के बयान पर बड़ा विवाद छिड़ गया था, जिसके बाद PMO ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसे उन्होंने पीएम के भाषण की जानबूझकर की गयी गलत व्याख्या कहा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार मनमोहन सिंह ने कहा था, "मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं: कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश, और सामान्य सार्वजनिक निवेश की आवश्यकताएं।" बुनियादी ढांचे के साथ-साथ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम।"
PMO ने जारी किया था स्पष्टीकरण
पीएमओ ने आगे लिखा था, "अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को रिवाइज़ करने की आवश्यकता होगी। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नयी योजनाएं तैयार करनी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास का फल समान रूप से साझा करने का अधिकार हो। उनका पहला दावा होना चाहिए संसाधनों पर। केंद्र के पास असंख्य ज़िम्मेदारियां हैं जिनकी मांगों को समग्र संसाधन उपलब्धता के अनुरूप बनाना होगा।"
पीएमओ ने कहा था कि इससे यह देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का 'संसाधनों पर पहला दावा' का संदर्भ ऊपर सूचीबद्ध सभी प्राथमिकता से है, जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिलाओं और बच्चों के उत्थान के कार्यक्रम शामिल हैं।
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में निराशा का सामना करने के बाद प्रधानमंत्री अब झूठ का सहारा ले रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को मोदी जितना कम नहीं किया है। मोदी के घबराहट से भरे भाषण से पता चलता है कि विपक्षी गठबंधन INDIA 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के चुनाव में जीत हासिल कर रहा है।" खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मोदीजी ने जो कहा वह नफ़रत फैलाने वाला भाषण था और ध्यान भटकाने की सोची-समझी चाल भी। आज प्रधानमंत्री ने वही किया जो उन्होंने संघ के मूल्यों से सीखा है।”
नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया- राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘X’ पर लिखा, ‘‘पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबराकर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं। कांग्रेस के ‘क्रांतिकारी घोषणापत्र’ को मिल रहे अपार समर्थन के रुझान आने शुरू हो गए हैं। देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने रोजगार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट करेगा। भारत भटकेगा नहीं।’’
क्या हमारे घोषणापत्र में कहीं भी हिंदू-मुस्लिम लिखा है? जयराम रमेश ने पूछा
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि युवाओं, महिलाओं, किसानों, दलितों और पिछड़ों से जुड़े मुद्दों पर एक भी सवाल का जवाब देने के बजाय प्रधानमंत्री ने असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए राजस्थान में अपनी रैलियों में बेशर्मी से झूठ बोला और अपमानजनक बयान दिए। कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। खेड़ा ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री को चुनौती देते हैं कि वह बताएं कि क्या हमारे घोषणापत्र में कहीं भी हिंदू-मुस्लिम लिखा है। इस तरह की तुच्छ मानसिकता आपके राजनीतिक मूल्यों में है।’’ पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमने युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासियों, मध्यम वर्ग और श्रमिकों के लिए न्याय की बात की है। क्या आपको इस पर भी कोई आपत्ति है?"
कांग्रेस ने यह दावा भी किया था कि राहुल गांधी ने सात अप्रैल 2024 को हैदराबाद में देश की संपत्ति के 'पुनर्वितरण' का वादा नहीं किया और उनके शब्दों को "गलत तरीके से पेश" किया गया। राहुल गांधी ने देश की संपत्ति के अधिक न्यायसंगत वितरण के लिए एक सर्वे कराने की आवश्यकता के बारे में बात की थी, जिसके बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने स्पष्टीकरण दिया।
कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने भी पीएम पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, "मोदी जी,आपके माता-पिता ने 6 बच्चो को जन्म दिया था..आपके ही शर्मनाक बयान और दावे के मुताबिक वो मुसलमान थे? या घुसपैठिये थे या फिर?"
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाषण पर पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने लिखा, ''देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोलते हैं, जिस तरह से उन्होंने कांग्रेस के 'न्याय पत्र' और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के बारे में झूठ फैलाया, वह गंदी राजनीति का उदाहरण है।"
पीएम मोदी के 'कांग्रेस आपकी संपत्ति घुसपैठियों को दे देगी' वाले बयान पर वीसीके नेता थोल थिरुमावलन ने कहा, “यह दिख रहा है कि वह INDIA गठबंधन से डरते हैं। वह अपनी कमजोरी व्यक्त कर रहे हैं।”