Pradhan Mantri Awas Yojana: मोदी 3.0 में पहली कैबिनेट मीटिंग का पहला फैसला PMAY पर, जानिए योजना से जुड़ी 10 बातें
तीसरी बार सरकार बनने के बाद बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने कैबिनेट के पहले फैसले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत तीन करोड़ ग्रामीण और शहरी घरों को बनाने के लिए सरकारी सहायता को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत 2015-16 से लोगों को घर बनाने के लिए आर्थिक मदद दे रही है।
3 करोड़ घरों में से 2 करोड़ घर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बनाए जाएंगे जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत एक करोड़ घरों का निर्माण होगा।
आईए जानते हैं इस योजना से जुड़ी 10 बड़ी बातें।
प्रधानमंत्री आवास योजना के दो हिस्से हैं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) शहरों में रहने वाली आबादी के लिए है जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ग्रामीण इलाकों में रहने वाली आबादी के लिए है।
मैदानी और पहाड़ी इलाकों में मिलने वाली आर्थिक मदद बढ़ेगी
पीएमएवाई (ग्रामीण) योजना के तहत हर लाभार्थी को मैदानी इलाकों में 1.2 लाख रुपये और पहाड़ी राज्यों, मुश्किल इलाकों और आदिवासी और पिछड़े जिलों में 1.3 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत लाभार्थियों को दी जाने वाली सहायता को लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है।
इसके बाद पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत मैदानी इलाकों में घर बनाने के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद 1.2 लाख से बढ़कर 1.8 लाख और पहाड़ी इलाकों में 1.3 लाख रुपये से 2 लाख रुपये हो जाएगी।
60:40 के अनुपात में मिलती है आर्थिक मदद
इस योजना के तहत केंद्र और राज्य मैदानी इलाकों में 60:40 के अनुपात में आर्थिक मदद देते हैं जबकि पूर्वोत्तर के राज्यों, दो हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर के लिए यह पैमाना 90:10 का है।
केंद्र सरकार लद्दाख व अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना के तहत बनने वाले घरों के लिए 100% खर्च देती है।
2.95 करोड़ घर बनाने का है लक्ष्य, 2023 तक बने 2.61 करोड़ घर
पीएमएवाई (ग्रामीण) योजना 1 अप्रैल, 2016 से शुरू हुई थी। यह साल 2022 तक सभी को पक्का मकान उपलब्ध कराने की सरकार के लक्ष्य के तहत शुरू की गई थी। तब कहा गया था कि मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घर बनाए जाएंगे। 2023 तक 2.61 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं।
मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत जिन दो करोड़ घरों को बनाने के लिए आर्थिक सहायता को मंजूरी दी है, वे उन 2.95 करोड़ घरों के अतिरिक्त हैं, जिनका ऐलान इस योजना को शुरू किए जाने के वक्त किया गया था।
2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत अगले 5 सालों में 2 करोड़ घर और बनाए जाएंगे। माना जाता है कि ताजा आर्थिक सहायता इन्हीं घरों के लिए मंजूर की गई है।
पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता सीधे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को जारी की जाती है। जिलों/ब्लॉकों में लाभार्थियों को धनराशि जारी करने का काम उस संबंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा किया जाता है।
पांच साल में जारी किए गए 1,60,853.38 करोड़
पिछले पांच वर्षों यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 के दौरान पीएमएवाई(ग्रामीण) के तहत घर बनाने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार की ओर से लगभग 1,60,853.38 करोड़ रुपये जारी किए गए। जबकि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से 2,39,334.02 करोड़ रुपये खर्च किये गए।
अब जानते हैं कि पिछले पांच सालों यानी 2018-19 से 2022-23 के दौरान पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत कितने लाभार्थियों को घर मंजूर किए गए। तेलंगाना और पुडुचेरी में यह योजना लागू नहीं है।
वित्तीय वर्ष | मंजूर हुए घर |
2018-19 | 23,71,239 |
2019-20 | 46,50,751 |
2020-21 | 48,80,031 |
2021-22 | 37,23,056 |
2022-23 | 57,36,384 |
पीएमएवाई (शहरी)
पीएमएवाई (शहरी) में तीन श्रेणियां हैं। इनके नाम ईडब्ल्यूएस/एलआईजी, सीएलएसएस (एमआईजी 1) और सीएलएसएस (एमआईजी 2) हैं। एमआईजी का मतलब मिडिल इनकम ग्रुप है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आय का वर्गीकरण
आय वर्ग | सालाना पारिवारिक आय | अधिकतम कारपेट एरिया |
ईडब्ल्यूएस | 3 लाख तक | 30 वर्ग मीटर |
एलआईजी | 3 लाख से 6 लाख तक | 60 वर्ग मीटर |
एमआईजी 1 | 6 लाख से 12 लाख तक | 160 वर्ग मीटर |
एमआईजी 2 | 12 लाख से 18 लाख तक | 200 वर्ग मीटर |
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत एक योजना है। यह योजना ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग में आने वाले लोगों को अपने घर खरीदने, इन्हें बनाने या इनमें किसी तरह के सुधार के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी देती है। सीएलएसएस के तहत लाभार्थियों को कितनी सब्सिडी मिलती है, इसे नीचे दी गई टेबल से समझिए।
लाभार्थी | सब्सिडी |
एलआईजी | 6.5% |
ईडब्ल्यूएस | 6.5% |
एमआईजी 1 | 4% |
एमआईजी 2 | 3% |
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर लेने के लिए पहली शर्त यह है कि उस परिवार के पास अपना पक्का मकान नहीं होना चाहिए और लाभार्थी परिवार ने भारत सरकार की किसी भी आवास योजना के तहत किसी तरह की केंद्रीय सहायता प्राप्त नहीं की हो।