scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

जब टीवी ड‍िबेट में मूल मुद्दे को छोड़, एंकर और भाजपा प्रवक्ता के बीच छ‍िड़ गई 'खान मैडम' और 'शुक्ला सर' की लड़ाई

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर यह राजशाही का प्रतीक है तो जन गण मन अधिनायक औपनिवेशिकता का प्रतीक।
Written by: shrutisrivastva
नई दिल्ली | Updated: July 04, 2024 18:15 IST
जब टीवी ड‍िबेट में मूल मुद्दे को छोड़  एंकर और भाजपा प्रवक्ता के बीच छ‍िड़ गई  खान मैडम  और  शुक्ला सर  की लड़ाई
(बाएं से दाएं) भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला और एंकर रोमाना खान (Source- facebook)
Advertisement

हाल ही में एक टीवी ड‍िबेट में एंकर और भाजपा प्रवक्‍ता के बीच 'ह‍िंंदू-मुसलमान' हो गया। एंकर मुसलमान थीं तो भाजपा प्रवक्‍ता ने उन्‍हें 'खान मैडम' कह कर संबोध‍ित कर द‍िया। प्रवक्‍ता शुक्‍ला जी थे तो एंकर ने कहा- मैं आपको पंड‍ित शुक्‍ला सर कहूंगी।

Advertisement

बहस सेंगोल के मुद्दे पर था और बात इस्‍लाम‍िक कट्टरता, बुरका, खान मैडम और पंड‍ित शुक्‍ला सर तक पहुंच गई। सोशल मीड‍िया पर भी लोगों ने इस प्रकरण का क्‍ल‍िप शेयर कर तरह-तरह की ट‍िप्‍पणी की।

Advertisement

चैनल था एबीपी न्यूज, एंकर थीं रोमाना ईसार खान और भाजपा प्रवक्ता थे प्रेम शुक्ला। एक जगह प्रेम शुक्ला ने बुर्का का ज‍िक्र करते हुए कुछ कहा तो रोमाना ईसार ने कहा-

रोमाना खान है तो बुर्का भी पहनेगी
मुसलमान है तो जिहादी होगी
मुसलमान है तो ज़हरीली होगी
मुसलमान है तो दबा लो
मुसलमान है तो हिंदू मुसलमान कर लो

ये पंडित शुक्ला यहां ABP News पर बैठकर ज्ञान देगा और हम सुनते रहेंगे, नहीं हम भी पलटकर जवाब देंगे, बेनकाब करेंगे पंडित शुक्ला को, मुसलमान होना इस देश में कोई गुनाह नहीं, मैं गर्व से कहती हूं कि मैं हिन्दुस्तानी हूं और मैं गर्व से कहती हूं कि मैं हिन्दुस्तानी मुसलमान हूं।

Advertisement

पहले देख‍िए, हुआ क्‍या

Advertisement

राजशाही के प्रतीक सेंगोल की क्या जरूरत?

एंकर रोमाना ने भाजपा प्रवक्ता से सवाल किया कि लोकतंत्र के मंदिर में राजशाही के प्रतीक सेंगोल की क्या जरूरत है? इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा, "राजशाही का ही प्रतीक धर्म चक्र भी था तो अशोक चक्र हटवा दीजिए रोमाना जी। खान मैडम बहुत बड़ा अपराध है यह धर्म चक्र, बौद्ध धर्म का प्रचार करवाया था इस धर्म चक्र ने।"

एंकर और भाजपा प्रवक्ता के बीच बहस

जिसके जवाब में एंकर ने कहा, "खान मैडम बोलकर आपने डिबेट की शुरुआत कर ही दी है। इतना सम्मान देकर आपने शुरुआत कर ही दी है।" जिस पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आप भी मुझे शुक्ला जी कह दीजिए। खान मैडम कोई गाली है? इस पर एंकर ने कहा कि मैं भी आपको शुक्ला सर कह कर सवाल पूछूंगी।

रोमाना खान ने अपना सवाल जारी रखते हुए कहा, "जब देश में राष्ट्रीय प्रतीक पहले से ही मौजूद है, संप्रभुता और अधिकार का प्रतीक पहले से ही देश में मौजूद है, अशोक स्तंभ के चार शेर पहले से ही मौजूद हैं तो इस सेंगोल की क्या जरूरत है शुक्ला सर जवाब दीजिए।"

सेंगोल राजशाही का प्रतीक कैसे?

प्रेम शुक्ला ने इसके जवाब में कहा, "खान मैडम शांत हो जाएं तो जवाब दूं ना। जब नई संसद का हमने उद्घाटन किया तो राजगोपालाचारी के समय में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में सेंगोल को स्वीकारने की एक प्रक्रिया हुई। उस प्रक्रिया को अगर लोकतंत्र में न्याय के मानक के रूप में संसद में स्थापित किया गया तो यह राजशाही का प्रतीक कैसे हो गया?"

जन गण मन अधिनायक औपनिवेशिकता का प्रतीक- भाजपा प्रवक्ता

भाजपा प्रवक्ता ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "अगर यह राजशाही का प्रतीक है तो जन गण मन अधिनायक औपनिवेशिकता का प्रतीक जो हमारा राष्ट्रगान है उसे पहली बार जॉर्ज पंचम के स्वागत में गाया गया था। कल कोई उठकर यह भी बात उठाने लगेगा कि यह औपनिवेशिकता का प्रतीक है। कई लोग अधिनायक पर भी आपत्ति उठाने के लिए खड़े हो जाते हैं।"

जिसके बाद एंकर ने राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से सवाल किया कि क्या शुक्ला सर के मुताबिक यह सेंगोल विवाद बेबुनियाद है, आपका क्या कहना है? आशुतोष ने कहा, "विपक्ष के ट्रेप में सत्ता पक्ष फंसता दिखाई दे रहा है। पूरे चुनाव का मेन इश्यू था संविधान बचाओ, विपक्ष ने पूरी कामयाबी के साथ इसे लोगों के बीच रखा और इसी वजह से भाजपा को यूपी, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। दलित और ओबीसी तबका इसी वजह से इनसे छिटका और ये मैं नहीं कहा रहा, हिंदुस्तान के तमाम एक्सपर्ट्स कह रहे हैं। बीजेपी की रिव्यू कमेटी की मीटिंग में भी यही बात सामने आई। अब विपक्ष के मुंह में खून लग चुका है।"

मुझे बुरा लगता है जब भगवान के नाम का इस्तेमाल किया जाता है- एंकर

रोमाना ने आगे कहा कि घनश्याम तिवारी इसे संविधान के उलट ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने वाली तस्वीरों का जिक्र कर रहे हैं। जिसके जवाब में प्रेम शुक्ला ने कहा, "ब्राह्मणवादतक आ गए, जाति पर भी आ गए, अब गोत्र पर भी आ जाएं तो अच्छा लगेगा।"

इस पर हंसते हुए रोमाना ने कहा कि धर्म बताने की शुरुआत तो आपने की थी। भाजपा प्रवक्ता ने इस पर कहा, "सिर्फ राम का नाम ले लिया तो खान मैडम कितना क्षुब्ध हुई थीं।" जिसके जवाब में रोमाना ने कहा, "मुझे बुरा लगता है जब भगवान के नाम का इस्तेमाल किया जाता है राजनीतिक हित साधने के लिए।"

प्रेम शुक्ला ने इस पर कहा, "मुझे भी बुरा लगता है जिस इस्लाम में जाति मना की गयी है मुझे भी बुरा लगता है। सिर्फ मुसलमानों को ही बुरा लगने का अधिकार नहीं है।" एंकर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, "हिंदू मुसलमान पर आना ही है। पुरानी आदत है, कोई बात नहीं, आइये पंडित जी आइये, बात पूरी कीजिये।"

सेंगोल और व‍िवाद

प‍िछले साल 28 मई को नए संसद भवन में स्थापित किए गए सेंगोल को लेकर विवाद हुआ था। अब जब नए भवन में पहला सत्र हुआ तो एक बार फिर सेंगोल विवाद में आया। विवाद की वजह है समाजवादी पार्टी के दलित सांसद आर के चौधरी की तरफ से लोकसभा स्पीकर को लिखी गई एक चिट्ठी।

चिट्ठी में आर के चौधरी ने लिखा है कि सदन में स्पीकर की कुर्सी के बगल स्थापित सेंगोल देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया। हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है। हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है किसी राजे-रजवाड़े का राजमहल नहीं। मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन से सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए। जहां विपक्ष ने सेंगोल हटाने की मांग का समर्थन किया है वहीं बीजेपी ने इस पर विरोध जताया है।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो