पहली बार मोदी कैबिनेट में मंत्री बने एचडी कुमारस्वामी क्यों पूरे परिवार के सामने नहीं ले सके शपथ?
नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में एक शपथ ग्रहण समारोह में लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ ही अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर ने भी NDA सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। मोदी कैबिनेट 3.0 में कई नए चेहरों को शामिल किया गया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को भी मोदी कैबिनेट में भारी उद्योग और इस्पात मंत्री बनाया गया है। हालांकि, पहली बार मोदी कैबिनेट में मंत्री बने एचडी कुमारस्वामी पूरे परिवार के सामने शपथ नहीं ले सके।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का परिवार, उनकी पत्नी अनीता कुमारस्वामी और उनके बेटे निखिल गौड़ा मंगलवार को दिल्ली में थे, जब जद (एस) नेता ने कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। परिवार पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के सफदरजंग लेन स्थित आधिकारिक आवास में रुका था। हालांकि, सभी की निगाहें गौड़ा परिवार के उन लोगों पर थीं जो शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सके।
कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में परिवार नहीं हुआ शामिल
जद (एस) के संरक्षक देवेगौड़ा ने उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण यात्रा नहीं की। वह 91 वर्ष के हैं। वहीं, उनके बड़े बेटे एचडी रेवन्ना को अपहरण के एक मामले में जमानत शर्तों के अनुसार कर्नाटक छोड़ने की अनुमति नहीं है।
रेवन्ना की पत्नी भवानी को पिछले हफ्ते अग्रिम जमानत दे दी गई थी और उनका बेटा प्रज्वल रेवन्ना कई यौन उत्पीड़न मामलों में न्यायिक हिरासत में है। ऐसे में परिवार के सदस्य कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सके। निखिल गौड़ा ने भी हाल ही में अपने फिल्मी करियर से ब्रेक लेने और पार्टी में एक बड़ी भूमिका का संकेत देते हुए पूर्णकालिक राजनेता बनने के बारे में बयान दिया है।
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भाजपा और जद (एस) ने संयुक्त रूप से कर्नाटक की 19 सीटें जीती
भारतीय जनता पार्टी के साथ JD(S) के गठबंधन के कारण मोदी कैबिनेट 3.0 में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी शामिल हुए हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा और जद (एस) ने संयुक्त रूप से कर्नाटक की 19 सीटें जीती हैं। बीजेपी ने जहां 17 सीटें जीतीं, वहीं जद (एस) ने दो सीटों पर जीत हासिल की है।
मेरा कर्तव्य अब सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं- कुमारस्वामी
वहीं, स्टील एवं भारी उद्योग मंत्रालय का कार्यभार संभालते हुए मंगलवार को कुमारस्वामी ने कहा कि अब उनका ध्यान सिर्फ कर्नाटक पर नहीं बल्कि पूरे देश पर है। इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या टेस्ला जैसी कंपनियां कर्नाटक में फैक्ट्री लगाने में दिलचस्पी लेंगी। इस पर कुमारस्वामी ने कहा, "हां उन्हें दिलचस्पी है। हम इसके लिए कोशिश करेंगे। इसके बाद उन्होंने कहा कि मेरा कर्तव्य अब सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं है। हमें पूरे देश में विकास करना है। हमें देश के विकास के लिए ईमानदारी काम करना है। मैं स्वार्थी व्यक्ति नहीं हूं।"
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कर्नाटक के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं एचडी कुमारस्वामी
एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वह व 2006 से 2007 और 2018 से 2019 के बीच दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे हैं। वह लोगों के बीच कुमारन्ना के नाम से जाने जाते हैं। कुमारस्वामी राजनीतिज्ञ के साथ-साथ फिल्म निर्माता और बिजनेसमैन भी हैं। 2013 से 2014 तक वह कर्नाटक विधानभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं।
कुमारस्वामी ने 1996 में रखा था राजनीति में कदम
कुमारस्वामी ने 1996 में राजनीति में कदम रखा। वे सबसे पहली बार 11वीं लोकसभा में 1996 में कनकपुरा सीट से चुनकर लोकसभा में आए थे। उन्होंने 1998 में कनकपुरा से फिर से चुनाव लड़ा और एम. वी. चन्द्रशेखर मूर्ति से हार गए। यह कुमारस्वामी की अब तक की सबसे बुरी हार थी जहां वह इतने अंतर से हारे कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई। 1999 में उन्होंने एक बार फिर सथानुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे और कांग्रेस के दिग्गज नेता डी.के. शिवकुमार से हार गए।
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2006 से 2007 तक रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री
2004 में वह रामानगर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे। जब 2004 के राज्य चुनावों में त्रिशंकु विधानसभा हुई और किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं, तो कांग्रेस और जेडी (एस) ने एक साथ आने और गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया। कांग्रेस के धर्म सिंह सरकार ने 28 मई 2004 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
कुमारस्वामी के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) के बयालीस विधायकों ने गठबंधन छोड़ दिया और सरकार गिर गई। 28 जनवरी 2006 को, कर्नाटक के राज्यपाल टी.एन.चतुर्वेदी ने धरम सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। वह 4 फरवरी 2006 से 9 अक्टूबर 2007 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे।
बीजेपी को सत्ता ट्रांसफर करने से किया था इनकार
27 सितंबर 2007 को, कुमारस्वामी ने कहा कि वह जनता दल (सेक्युलर) और भारतीय जनता पार्टी के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते के हिस्से के रूप में 3 अक्टूबर को पद छोड़ देंगे। हालाँकि, 4 अक्टूबर 2007 को, उन्होंने भाजपा को सत्ता हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद आखिरकार, 8 अक्टूबर 2007 को, उन्होंने राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर को अपना इस्तीफा सौंप दिया और दो दिन बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। हालाँकि, बाद में उन्होंने सुलह कर ली और भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया।
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2009 में वे दूसरे कार्यकाल के लिए 15वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए थे। अब तक वो 11 बार चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें से आठ बार जीत हासिल की है। 2018 में विधानसभा चुनाव में वो दो सीटों चन्नापट्टना और रामानगरम विधानसभा सीटों से मैदान में उतरे और दोनों ही सीटें उन्होंने जीत ली थी। 2023 में उन्होंने चन्नापटना सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। 2024 में उन्होंने मांड्या सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
मांड्या लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम
इस बार एचडी कुमारस्वामी ने मांड्या लोकसभा सीट से चुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के वेंकटरामणे गौड़ा (स्टार चंद्रू) को हराया। कुमारस्वामी को 8.51 लाख वोट मिले जबकि वेंकटरामणे को 5.67 लाख वोट मिले। कुमारस्वामी चन्नापटना से कर्नाटक विधानसभा के सदस्य भी हैं जिससे अब उन्हें इस्तीफा देना होगा।
पार्टी | कैंडीडेट | वोट प्रतिशत |
जेडीएस | एचडी कुमारस्वामी | 58.34 |
कांग्रेस | वेंकटरामणे गौड़ा | 38.85 |
नोटा | - | 0.53 |