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Kerala Malappuram Lok Sabha Chunav 2024: जहां 67 साल में केवल एक बार हारी इंड‍ियन यून‍ियन मुस्‍ल‍िम लीग, वहां से लड़ रहा बीजेपी का इकलौता मुस्‍ल‍िम उम्‍मीदवार

पूर्व कुलपति अब्दुल सलाम कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोग उनके साथ खराब व्यवहार इसलिए करते हैं क्योंकि वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
Written by: deepak
Updated: April 26, 2024 18:52 IST
मलप्पुरम सीट से बीजेपी उम्मीदवार एम. अब्दुल सलाम।
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लोकसभा चुनाव 2024 में एम. अब्दुल सलाम भाजपा के इकलौते मुस्‍ल‍िम उम्‍मीदवार हैं। भाजपा ने उन्‍हें केरल की मलप्पुरम लोकसभा सीट से उम्‍मीदवार बनाया है। यहां 26 अप्रैल को मतदान हो गया। मलप्पुरम वह लोकसभा सीट है जहां 1952 से लगातार (केवल 2004 को छोड़ कर) हर चुनाव में इंड‍ियन यून‍ियन मुस्‍ल‍िम लीग (आईयूएमएल) को ही जीत म‍िली है।

मलप्पुरम की कहानी भी कुछ-कुछ ब‍िहार की क‍िशनंगज सीट की तरह ही है। मलप्पुरम में मुसलमानों की आबादी करीब 68 फीसदी है। यहां से कभी ह‍िंंदू सांसद नहीं बना। यहां के मुसलमानों में भाजपा का व‍िरोध कड़ा है। अब्‍दुल सलाम को भी यह व‍िरोध झेलना पड़ रहा है। सलाम को चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम समुदाय की ओर से ही विरोध का सामना करना पड़ा।

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Malappuram Lok Sabha Chunav 2024: पिछले पांच चुनाव के नतीजे

सालजीते उम्मीदवार का नामकिस दल को मिली जीत
2009ई. अहमदइंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
2014ई. अहमदइंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
2017 (उपचुनाव)पी.के.कुन्हालीकुट्टीइंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
2019पी.के.कुन्हालीकुट्टीइंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
2021 (उपचुनाव)अब्दुस्समद समदानीइंडियन यूनियन मुस्लिम लीग

BJP candidate Abdul Salam: बुरी तरह टूट गए अब्दुल सलाम

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक एम. अब्दुल सलाम ने बताया कि एक दिन जब वह मस्जिद के बाहर खड़े थे और लोगों को ईद की बधाई दे रहे थे तो 60 साल के एक बुजुर्ग ने उनका अपमान किया और उन्हें गद्दार कहा। उन्होंने बताया कि वह इस घटना से बुरी तरह टूट गए। सलाम बताते हैं कि मस्जिद के बाहर एक शख्स ने उनसे हाथ मिलाने तक से इनकार कर दिया। सलाम कहते हैं कि मुसलमान होने के बाद भी मुस्लिम समुदाय के लोग उनके साथ खराब व्यवहार इसलिए करते हैं क्योंकि वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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कौन हैं अब्‍दुल सलाम?

अब्दुल सलाम कालीकट यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे हैं और जाने-माने शिक्षाविद हैं। सलाम कृषि विज्ञानी हैं और उनके 70 से ज्यादा इंटरनेशनल रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। सलाम बताते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें न सिर्फ अपने समुदाय से बल्कि बीजेपी की ओर से भी मुश्किलें पेश आईं।

लेकिन बावजूद इसके सलाम ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के द्वारा पिछले 10 साल में कराए गए विकास कार्यों पर ही फोकस रखा।

सलाम ने 2021 के विधानसभा चुनाव में तिरूर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार मिली थी।

BJP Kerala Modi Roadshow : रोड शो में नहीं बुलाने का आरोप

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च को केरल के पलक्कड़ में रोड शो किया तो अब्दुल सलाम को इस रोड शो में नहीं बुलाया गया। सीपीएम ने आरोप लगाया कि अब्दुल सलाम को जानबूझकर मोदी के रोड शो से बाहर रखा गया हालांकि सलाम का कहना था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र का पलक्कड़ से कोई लेना-देना नहीं है।

डॉ. अब्दुल सलाम के पास 9.5 करोड़ की कुल संपत्ति है। इसमें से 5.5 करोड़ की चल संपत्ति और 3.9 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। सलाम पर कोई देनदारी नहीं है। 

केरल में मजबूत नहीं है बीजेपी

भाजपा केरल में अपना खाता खोलने के लिए संघर्ष कर रही है। तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, पलक्कड़, और अटिंगल ऐसी सीटें हैं, जहां पर बीजेपी मजबूती से चुनाव लड़ रही है। 2016 के विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ एक सीट मिली थी लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कोई सीट नहीं मिली। इसी तरह 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरा जोर लगाने के बाद भी बीजेपी वहां अपना खाता नहीं खोल सकी। 

सलाम कहते हैं कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रोपेगेंडा के कारण इस इलाके के मुसलमान मोदी सरकार के द्वारा चलाई गई अच्छी योजनाओं के बारे में नहीं जानते।

Triple Talaq Law: तीन तलाक कानून के समर्थन में हैं मुस्लिम महिलाएं

अब्दुल सलाम कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में मुस्लिम समुदाय के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बदली है और वह कई ऐसी मुस्लिम महिलाओं से मिले जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन तलाक कानून बनाने का समर्थन किया है।

मलप्पुरम लोकसभा सीट पर मुसलमानों की आबादी 68.3% है। मलप्पुरम में अब्दुल सलाम का मुकाबला मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल) और वी. वसीफ (सीपीएम) से है।

बाड़मेर लोकसभा चुनाव: भाटी की सीट पर खेल (Source- facebook)

सलाम कहते हैं कि केरल में सीपीएम और कांग्रेस ने सेकुलरिज्म के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखा किया है। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास की नीतियों का फायदा सभी को मिलता है। अगर मुस्लिम समुदाय मोदी से दूर रहेगा तो यह विकास के मामले में उन्हीं के लिए नुकसानदेह साबित होगा। अब्दुल सलाम के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय को आगे आना चाहिए और बीजेपी का समर्थन करना चाहिए।

Kerala LDF-UDF Politics: यूडीएफ और एलडीएफ में है मुकाबला

केरल की 20 लोकसभा सीटों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और राज्य में वामपंथी दलों के गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के बीच है। पिछली बार कांग्रेस ने यहां 20 में से 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तब एलडीएफ को जबरदस्त झटका लगा था क्योंकि यूडीएफ 19 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा था।

केरल में कई लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम और ईसाई समुदाय की आबादी 30% से लेकर 60% तक है।

केरल में बड़े चुनावी चेहरों की बात करें तो इनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, वी. मुरलीधरन और पूर्व मंत्री केके शैलजा का नाम शामिल है।

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Chunav Specialलोकसभा चुनाव 2024
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