Mahant Raju Das: अयोध्या के जिस महंत पर तीन-तीन क्रिमिनल केस, उनकी सुरक्षा में थे यूपी पुलिस के तीन जवान
अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी महंत राजू दास की जिलाधिकारी नीतीश कुमार से हुई बहस का मुद्दा उत्तर प्रदेश में काफी गर्म है। महंत राजू दास पर तीन-तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उनकी सुरक्षा में उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन जवान तैनात थे। हालांकि विवाद के बाद प्रशासन ने महंत राजू दास से सुरक्षा वापस ले ली है।
इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है। दूसरी ओर, राजू दास ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है।
क्या है पूरा मामला?
मामला यह है कि यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों- सूर्य प्रताप शाही और जयवीर सिंह द्वारा समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। लेकिन महंत राजू दास बिना बुलाए ही बैठक में पहुंच गए और फैजाबाद में भाजपा की हार के लिए जिला प्रशासन की हालिया कार्रवाइयों को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान उनकी जिलाधिकारी नीतीश कुमार से बहस हो गयी।
हार के लिए जिला प्रशासन को भी बताया दोषी
महंत राजू दास ने बैठक में कहा कि फैजाबाद में बीजेपी को मिली हार के लिए केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए और जिला प्रशासन भी इसके लिए दोषी है। बता दें कि सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट पर बीजेपी के पूर्व सांसद लल्लू सिंह को हराया है।
महंत राजू दास का कहना था कि जिला प्रशासन ने अयोध्या के लोगों को नोटिस जारी किया और उनसे विकास कार्यों के लिए अपनी संपत्तियों को खाली करने को कहा। ऐसा चुनाव से ठीक पहले हुआ और इसकी वजह से लोगों में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी थी।
महंत राजू दास ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शुक्रवार को रात 11 बजे के आसपास उनकी जिलाधिकारी से बहस हुई। इस दौरान डीएम के साथ एसएसपी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जब वह बैठक से बाहर आए तो उन्हें पता चला कि उनकी सुरक्षा में जो पुलिस के गनर तैनात थे उन्हें हटा दिया गया था।
महंत राजू दास ने कहा कि संतों की सरकार में संतों का अपमान हो रहा है।
हटा लिए गए तीनों गनर
डीएम नीतीश कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब प्रशासन को यह पता चला कि महंत राजू दास के खिलाफ 2013, 2017 और 2023 में तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, तभी उन्हें मिले तीन पुलिसकर्मियों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। डीएम ने बताया कि महंत को मिले दो गनर को पहले ही वापस लिया जा चुका था और अब तीसरे गनर को भी वापस ले लिया गया है।
डीएम का कहना है कि महंत राजू दास को यह गनर इसलिए दिए गए थे क्योंकि उन्होंने अनुरोध किया था कि उनकी जान को खतरा है। लेकिन हमें लगातार इस बात की शिकायत मिल रही थी कि राजू दास उन्हें मिली सुरक्षा का लोगों को धमकाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं और राजू दास ने प्रशासन और अयोध्या के लोगों के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल किया।
मुख्यमंत्री से मिले राजू दास, बताई पूरी घटना
महंत राजू दास ने शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि मुलाकात में राजू दास ने इस घटना की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री को दी है।
कौन हैं महंत राजू दास?
महंत राजू दास हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी होने के साथ ही फैजाबाद जिले की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। वह राम जन्मभूमि आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं।
महंत राजू दास फैजाबाद शहर में बजरंग दल के संयोजक के रूप में काम कर चुके हैं। 2004 से आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के चुनाव संयोजक के रूप में उन्होंने काम किया है। वह उत्तर प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बूथ एजेंट भी रहे हैं।
फैजाबाद जिले में होने वाले छात्र संघ चुनावों में महंत राजू दास ने एबीवीपी के उम्मीदवारों के चुनाव प्रबंधन का काम बखूबी संभाला है। 2017 में महंत राजू दास ने बीजेपी से अयोध्या नगर निगम से मेयर का टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उनकी जगह ऋषिकेश उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया था।
महंत राजू दास सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। ट्विटर पर उनके 23.5 हजार फॉलोअर हैं। वह खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार का सदस्य बताते हैं।
विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं महंत राजू दास
महंत राजू दास ने कई बार विवादित बयान दिए हैं। सपा के पूर्व नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जब हिंदू संतों के खिलाफ बयानबाजी की थी तो महंत राजू दास ने ऐलान किया था कि जो भी व्यक्ति स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर तन से जुदा कर देगा, उसे वह 21 लाख रुपए का इनाम देंगे। महंत ने अगस्त, 2023 में कहा था कि काशी हमें दी जानी चाहिए वरना 30 हजार लोग वहां चढ़ाई कर देंगे।
महंत राजू दास ने एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को लेकर कहा था कि ये वही लोग हैं जिन्होंने तलवार के तलवार के डर से सलवार पहन ली थी। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को राम विरोधी बताया था।
महंत राजू दास ने कहा था कि कांग्रेस ने दिल्ली में संतों को मरवाया और यह भगवा आतंकवाद की बात कहने वाली पार्टी है।