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अयोध्‍या में क्‍यों हारी बीजेपी? लोकनीत‍ि-सीएसडीएस सर्वे के नतीजों से म‍िले ये संकेत

बीजेपी के नेताओं के साथ ही देशभर के तमाम राजनीतिक विश्लेषकों को अयोध्या के चुनाव नतीजे पर जबरदस्त हैरानी हुई क्योंकि अयोध्या में ही राम मंदिर का निर्माण हुआ है और बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान देशभर में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था।
Written by: Pawan Upreti
नई दिल्ली | Updated: June 19, 2024 10:42 IST
चुनाव में नहीं चला राम मंदिर का मुद्दा? (Source-PTI)
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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे जब आए तो सबसे ज्यादा हैरानी जिस सीट को लेकर हुई, वह उत्तर प्रदेश की फैजाबाद (अयोध्या) सीट थी। इस सीट से इंडिया गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह को 54,567 वोटों के अंतर से हराया है।

बीजेपी के नेताओं के साथ ही देशभर के तमाम राजनीतिक विश्लेषकों को अयोध्या के चुनाव नतीजे पर जबरदस्त हैरानी हुई क्योंकि अयोध्या में ही राम मंदिर का निर्माण हुआ है और बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान देशभर में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था।

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अयोध्या में बीजेपी आखिर क्यों हारी, इसे लेकर बीजेपी का केंद्रीय और उत्तर प्रदेश का नेतृत्व लगातार समीक्षा में जुटा हुआ है। लेकिन लोकनीति-सीएसडीएस के द्वारा कराए गए पोस्टपोल सर्वे से इस बात के संकेत मिलते हैं कि अयोध्या में बीजेपी की हार का कारण क्या रहा?

बहुमत से काफी दूर रह गई बीजेपी

याद दिलाना होगा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने दम पर 370 सीटें और एनडीए के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद पार्टी को बड़ा झटका लगा और वह सिर्फ 240 सीटें ही जीत सकी। एनडीए गठबंधन भी मुश्किल से बहुमत हासिल कर पाया और सरकार चलाने के लिए जरूरी आंकड़ा 272 से 20 सीटें ही ज्यादा ला सका।

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लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में जब लोगों से यह सवाल पूछा गया कि पिछले 5 साल में केंद्र सरकार के द्वारा किए गए किस काम को वे सबसे ज्यादा पसंद करते हैं तो इसमें से 22.4% लोगों ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना उनकी नजर में मोदी सरकार का सबसे बेहतर काम है।

अगले सवाल के रूप में जब लोगों से पूछा गया कि पिछले 5 सालों में उन्हें मोदी सरकार का कौन सा काम सबसे खराब लगा तो इसके जवाब में 23.1% लोगों ने बढ़ती बेरोजगारी को और 23.8% लोगों ने महंगाई को सरकार का सबसे खराब काम बताया।

इससे साफ है कि राम मंदिर निर्माण से जितने लोग खुश थे उसके दोगुने लोग महंगाई और बेरोजगारी की वजह से मोदी सरकार के खिलाफ थे और जब चुनाव नतीजे आए तो यही कहा गया कि महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा केंद्र सरकार को भारी पड़ा है।

लोकनीति-सीएसडीएस के द्वारा जब लोगों से सवाल पूछा गया कि क्या वे किसी राजनीतिक दल के करीब हैं तो कुल 19663 में से 8753 लोगों ने कहा कि हां वे एक राजनीतिक दल के करीब हैं। लेकिन जब यह पूछा गया कि वे किस राजनीतिक दल के करीब हैं तो 19.2% लोगों ने कहा कि वे बीजेपी के करीब हैं जबकि 10.4% लोगों ने खुद का जुड़ाव कांग्रेस से बताया।

प्री पोल सर्वे से मिले थे संकेत

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोकनीत‍ि-सीएसडीएस के प्री पोल सर्वे के नतीजों ने भी चुनाव से जुड़े मुद्दों के बारे में संकेत दिया था। सर्वे के नतीजों से सामने आया था कि चुनाव में तीन सबसे बड़े मुद्दे बेरोजगारी, महंगाई और विकास हैं।

मुद्दाउत्तरदाताओं का प्रतिशत
महंगाई 23%
बेरोजगारी 27%
विकास 13%
भ्रष्टाचार 8%
राम मंदिर अयोध्या 8%
हिन्दुत्व 2%
अन्य मुद्दे 9%
पता नहीं 6%

लोगों ने राम मंद‍िर और ह‍िंंदुत्‍व जैसे मुद्दों को जनता ने बहुत अहमियत नहीं दी थी।

Loksabha Election 2024: क्या हैं इस चुनाव के प्रमुख मुद्दे? (Source- Indian Express)

UP Lok Sabha Results 2024: यूपी में 29 सीटों का हुआ नुकसान

बीजेपी को 2024 के मुकाबले जो 63 सीटें कम मिली हैं, उसमें से 29 सीटों का नुकसान तो उसे अकेले उत्तर प्रदेश में हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अकेले 62 सीटें जीती थी लेकिन इस बार पार्टी 33 सीटें ही जीत सकी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव।
(Source-FB)

यूपी में 72 सीटों पर घटा बीजेपी का वोट

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने जिन 75 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, उनमें से 72 सीटें ऐसी हैं जहां पर पार्टी का वोट इस बार घट गया है। सिर्फ तीन लोकसभा सीटें- गौतमबुद्ध नगर (नोएडा), कौशांबी और बरेली ऐसी हैं, जहां बीजेपी को 2019 के मुकाबले इस बार ज्यादा वोट मिले हैं।

स्मृति ईरानी और हेमा मालिनी। (Source-FB)
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