भाजपा को गुजरात में मिले 29 फीसदी मुस्लिम वोट, यूपी में महज दो प्रतिशत
सीएसडीएस लोकनीति के मतदान के बाद किए गए सर्वे (Post poll survey) से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को मुसलमानों के आठ फीसदी वोट (राष्ट्रीय स्तर पर) हासिल हुए हैं। राज्यों की बात करें तो गुजरात में यह आंकड़ा 29 फीसदी है और उत्तर प्रदेश में मात्र दो फीसदी।
सर्वे के नतीजों से यह मान्यता भी ध्वस्त हुई है कि बीजेपी को पसमांदा मुसलमान ज्यादा पसंद करते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को करीब 12 फीसदी वोट अशराफ मुसलमानों (अगड़ी जातियों) से मिले हैं। ओबीसी मुसलमानों (पसमांदा) से भाजपा को केवल पांच फीसदी वोट मिले।
गरीब-अमीर के पैमाने पर देखा जाए तो सर्वे के मुताबिक बीजेपी को सबसे ज्यादा (11 फीसदी) वोट गरीब मुसलमानों ने दिए और मध्य वर्ग ने सबसे कम (5 प्रतिशत)।
जाति और वर्ग के आधार पर बीजेपी को मुसलमानों से मिले वोट प्रतिशत का आंकड़ा
वर्ग (मुस्लिम) | वोट |
गरीब | 11% |
लोअर क्लास | 7% |
मध्यम वर्गीय | 5% |
अमीर | 6% |
सीएसडीएस में एसोसिएट प्रोफेसर हिलाल अहमद ने एक लेख में इसके कारणों पर रोशनी डाली है। उनके मुताबिक बीजेपी को मिला मुसलमानों का वोट आंकड़ों के लिहाज से अहमियत नहीं रखता, पर इस धारणा को खारिज करता है कि बीजेपी को मुसलमानों का वोट एकदम नहीं मिलता। उन्होंने बहुत कम मात्रा में बीजेपी को मुस्लिमों के वोट मिलने के कुछ कारण भी बताए हैं। इनमें भाजपा का हिंंदुत्व पर अड़े रहना, सबका साथ, सबका विकास की बात पर जोर नहीं देना और इसे छोड़ना भी नहीं आदि प्रमुख हैं।
जाति (मुस्लिम) | वोट |
अपर कास्ट (अशरफ) | 12% |
ओबीसी (पासमांदा) | 5% |
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8% मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया
जिन 8% मुसलमानों ने इस बार बीजेपी को वोट देना पसंद किया, वो पार्टी को 2019 में मिले मुस्लिम वोट शेयर से लगभग एक प्रतिशत कम थे। राज्यवार बात की जाये तो गुजरात में बीजेपी को करीब 29 फीसदी मुस्लिम वोट मिले जबकि हिंदी बेल्ट में उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यूपी में उसे सिर्फ 2 फीसदी मुस्लिम वोट मिले।
सीएसडीएस डेटा के मुताबिक, पार्टी मुसलमानों में भी गरीब और आर्थिक रूप से पिछले वर्गों के बीच एक लोकप्रिय पसंद थी। मुसलमानों के इस वर्ग से उसे 11% वोट मिले। वहीं, लगभग 6% अमीर और संपन्न मुसलमानों ने भाजपा को वोट दिया
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मुसलमानों ने किस पार्टी को दिया कितना वोट?
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के आंकड़ों से सामने आया कि कांग्रेस का मुस्लिम वोट शेयर पिछली बार की तुलना में 33% से बढ़कर इस बार 38 प्रतिशत हो गया। उन पार्टियों के भी मुस्लिम वोट शेयर में बढ़ोत्तरी हुई जो इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ थीं। उनका मुस्लिम वोट शेयर भी तेजी से बढ़कर 19 से 42 प्रतिशत हो गया। कुल मिलाकर, इंडिया गठबंधन का मुस्लिम वोट शेयर 28 प्रतिशत बढ़ गया।
पार्टी | 2024 में मुस्लिम वोट-शेयर (%) |
इंडिया गठबंधन | 42 |
कांग्रेस | 38 |
एनडीए | 2 |
बीजेपी | 1 |
अन्य दल | 17 |
मुसलमान सांसदों की हिस्सेदारी सबसे कम
इस बार की 18वीं लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की सबसे कम हिस्सेदारी है। पिछले छह दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब लोकसभा में मुस्लिम सांसद इतने कम हैं। देश की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 15% से अधिक होने के बावजूद, केवल 4.4% सांसद (या 24 सांसद) इस समुदाय से हैं। भाजपा की ओर से जहां एक भी सांसद मुस्लिम नहीं है, वहीं कांग्रेस में इस बार 7 मुस्लिम सांसद हैं।
किस पार्टी के कितने मुस्लिम सांसद
पार्टी | मुस्लिम सांसद |
कांग्रेस | 7 |
सपा | 4 |
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग | 3 |
टीएमसी | 5 |
J&K नेशनल कान्फ्रेंस | 2 |
निर्दलीय | 2 |
किस जाति ने किसे दिया वोट
लोकनीति-सीएसडीएस के चुनाव बाद सर्वे के आंकड़ों से पता चलता है कि यूपी में सामान्य/उच्च जाति के ब्राह्मण, राजपूत और वैश्य मतदाताओं ने बड़े पैमाने पर भाजपा का समर्थन किया। वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और मुस्लिम मतदाताओं ने इंडिया गठबंधन को प्राथमिकता दी। प्रत्येक 10 में से लगभग नौ (89%) राजपूत मतदाताओं ने भाजपा का समर्थन किया। वहीं, यादव और मुस्लिम मतदाता गैर-जाटव दलित मतदाताओं के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के पक्ष में एकजुट हुए।
सीएसडीएस-लोकनीति के पोस्ट पोल सर्वे के आंकड़ों से सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में किस जाति के मतदाताओं ने किस राजनीतिक दल को कितने प्रतिशत वोट दिए हैं।
समुदाय का नाम | इंडिया | एनडीए | बीएसपी | अन्य |
सवर्ण | 16 | 79 | 1 | 4 |
यादव | 82 | 15 | 2 | 2 |
कुर्मी-कोइरी | 34 | 61 | 2 | 3 |
अन्य ओबीसी | 34 | 59 | 3 | 4 |
जाटव | 25 | 24 | 44 | 7 |
गैर-जाटव | 56 | 29 | 15 | 1 |
मुस्लिम | 92 | 2 | 5 | 1 |
एनडीए से अगड़ी जातियों के ज्यादा सांसद (33.2%) जीते हैं जबकि कांग्रेस में ओबीसी सांसदों की संख्या (30.7%) ज्यादा है। वहीं, अगर धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक समुदायों की बात की जाये तो इंडिया गठबंधन ने 12.7% ऐसे उम्मीदवार उतारे थे, वहीं एनडीए ने 1.7% अल्पसंख्यक कैंडीडेट को टिकट दिया था।
जाति | एनडीए ने उतारे उम्मीदवार (%) | एनडीए के जीते सांसद (%) |
उच्च जातियां | 31.3 | 33.2 |
ब्राह्मण | 14.9 | 14.7 |
राजपूत | 7.0 | 8.7 |
अन्य अगड़ी जातियां | 9.4 | 9.8 |
इंटरमीडिएट कास्ट | 15.3 | 15.7 |
मराठा | 4.3 | 3.1 |
जाट | 3.4 | 2.4 |
लिंगायत | 1.5 | 1.0 |
पाटीदार | 1.5 | 2.4 |
रेड्डी | 1.7 | 2.1 |
वोक्कालिगा | 1.1 | 1.7 |
अन्य इंटरमीडिएट कास्ट | 1.7 | 2.8 |
ओबीसी | 25.5 | 26.2 |
यादव | 2.3 | 3.1 |
कुर्मी | 2.5 | 3.5 |
अन्य ओबीसी | 20.8 | 19.6 |
एससी | 15.8 | 13.3 |
एसटी | 10.0 | 10.8 |
मुस्लिम | 0.9 | 0 |
क्रिश्चियन | 0.2 | 0 |
सिख | 0.4 | 0 |
बुद्ध | 0.2 | 0 |
अनआडेंटिफ़ाइड कास्ट | 0.4 | 0.7 |