scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव का साफ संदेश, हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के बीच होगा जबरदस्त मुकाबला

बीजेपी साल 2014 में पहली बार अपने दम पर हरियाणा में सत्ता में आई थी। इसके बाद उसने 2019 में भी अपनी सरकार बनाई लेकिन उसकी सीटों का आंकड़ा कम हुआ था।
Written by: Pawan Upreti
Updated: June 08, 2024 19:19 IST
lok sabha elections 2024  लोकसभा चुनाव का साफ संदेश  हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी कांग्रेस के बीच होगा जबरदस्त मुकाबला
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडा और सीएम नायब सैनी। (Source- FB)
Advertisement

हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। पिछले चुनाव में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी इस बार पांच सीटें ही जीत सकी। कांग्रेस ने पांच सीटें जीतने के साथ ही यह संदेश दे दिया है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए लड़ाई बेहद कठिन रहने वाली है।

Advertisement

कांग्रेस ने गठबंधन करते हुए एक सीट आम आदमी पार्टी को दी थी और 9 सीटों पर खुद चुनाव लड़ा था।

Advertisement

किसे कहां से मिली जीत

सीटसांसद का नामराजनीतिक दल
अंबालावरुण चौधरीकांग्रेस
सिरसाकुमारी सैलजाकांग्रेस
कुरूक्षेत्रनवीन जिंदलबीजेपी
करनालमनोहर लाल खट्टरबीजेपी
सोनीपतसतपाल ब्रह्मचारीकांग्रेस
रोहतकदीपेंद्र सिंह हुडाकांग्रेस
हिसारजय प्रकाशकांग्रेस
भिवानी-महेंद्रगढ़धर्मबीर सिंहबीजेपी
गुड़गाँवराव इंद्रजीत सिंहबीजेपी
फरीदाबादकृष्ण पाल गुर्जरबीजेपी

हरियाणा में 2005 से लेकर 2014 तक कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में सरकार चलाई थी। बीजेपी साल 2014 में पहली बार अपने दम पर हरियाणा में सत्ता में आई थी। इसके बाद उसने 2019 में भी अपनी सरकार बनाई लेकिन उसकी सीटों का आंकड़ा कम हुआ था। 2014 में 90 सीटों वाली हरियाणा में 47 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 2019 में 40 सीटें जीती थी और उसे जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन करना पड़ा था।

गठबंधन के तहत उसने जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला को उप मुख्यमंत्री बनाया था। इस साल फरवरी में बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। इसके साथ ही पार्टी ने अपने नेतृत्व में भी बदलाव किया था।

farmers protest
चुनाव प्रचार के दौरान किसानों ने किया था बीजेपी नेताओं का विरोध। (File Photo)

JAT Politics Haryana: गैर जाट राजनीति के रास्ते पर आगे बढ़ी बीजेपी

2014 से लगातार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे मनोहर लाल खट्टर की जगह पर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी।

Advertisement

मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर भाजपा ने इस बात का साफ-साफ संदेश दिया था कि वह हरियाणा में गैर जाट राजनीति के रास्ते पर आगे बढ़ेगी। हरियाणा में 25% आबादी जाट समुदाय की है और इस तरह गैर जाट समुदाय 75% है। मुख्यमंत्री बनने से पहले सैनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे और इस तरह सरकार और संगठन के दोनों बड़े पदों पर भाजपा ने गैर जाट नेताओं को बैठाया था।

46 पर इंडिया और 44 पर बीजेपी रही आगे

लोकसभा चुनाव में जिस तरह के नतीजे सामने आए हैं, उससे बीजेपी की राह मुश्किल दिखाई देती है क्योंकि 90 में से 44 सीटों पर बीजेपी आगे रही है जबकि 46 सीटों पर इंडिया गठबंधन। कांग्रेस ने जिन 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें से वह 42 विधानसभा सीटों और आम आदमी पार्टी अपने हिस्से में आई कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट की चार विधानसभा सीटों पर आगे रही है।

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 79 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी लेकिन विधानसभा के चुनाव नतीजे आने पर वह सिर्फ 40 सीटें ही जीती थी। ऐसे में उसके लिए इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे निश्चित रूप से चिंताजनक है।

caste equation| chunav parinam| election result
दिल्ली में NDA सांसदों की बैठक (Source- PTI)

ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस, शहरों में बीजेपी आगे

लोकसभा चुनाव के आंकड़ों से पता चलता है कि ग्रामीण और अर्ध ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का दबदबा कायम है। इन इलाकों में जाट समुदाय का समर्थन भी कांग्रेस के साथ रहा है। उदाहरण के लिए भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार राव दान सिंह को जाट बहुल इलाके लोहारू, बाढड़ा और दादरी में लीड मिली लेकिन उन्हें यादव बहुल विधानसभा क्षेत्रों में कम समर्थन मिला और इस वजह से वह चुनाव हार गए। इसी तरह सोनीपत से कांग्रेस के उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी को जाट समुदाय के वर्चस्व वाले विधानसभा क्षेत्र- खरखौदा, गोहाना, बरोदा और जुलाना में लीड मिली और इससे उनकी जीत का रास्ता साफ हुआ।

दूसरी ओर बीजेपी को शहरी और अर्ध शहरी विधानसभा क्षेत्रों में लीड मिली है। बीजेपी को करनाल, पानीपत (शहरी) सोनीपत, हिसार, फरीदाबाद, गुड़गांव और बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है। इसके अलावा अहीरवाल के इलाकों में भी बीजेपी को बढ़त मिली है।

BJP| election result| chunav 2024
राम मंदिर उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी (Source- PTI)

उम्मीदों से भरी हुई है कांग्रेस, वोट शेयर बढ़ा

हरियाणा में कांग्रेस ने पांच लोकसभा सीटें तो जीती ही हैं, अपना वोट प्रतिशत भी बढ़ाया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हरियाणा में 28.51 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि इस बार उसे 43.67% वोट मिले हैं। बीजेपी को पिछली बार 58.21% वोट मिले थे जबकि इस बार उसका वोट प्रतिशत घटा है और वह 46.11% वोट लाई है।

निश्चित रूप से बीजेपी के वोट शेयर में जबरदस्त गिरावट आई है जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। ऐसे में बीजेपी का राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व आने वाले दिनों में हरियाणा के लिए एक नई रणनीति के साथ काम करता दिख सकता है।

Farmers Protest Haryana: किसानों ने किया था विरोध

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर देखने को मिला था। पूरे राज्य में बीजेपी उम्मीदवारों को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। चुनाव प्रचार के दौरान सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निवीर योजना और महिला पहलवानों के यौन शोषण के मुद्दे पर भी हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ लोगों का गुस्सा दिखाई दिया था।

bjp| election 2024| chunav parinam
मोदी-शाह को बदलनी होगी अपनी रणनीति (Source- Indian Express)

Bhupinder Singh Hooda: कांग्रेस के पास हुड्डा, बीजेपी के पास खट्टर और सैनी

कांग्रेस के पास जहां हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में एक हैवीवेट जाट चेहरा है, वहीं बीजेपी के पास गैर जाट चेहरों के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी गैर जाट समुदाय (दलित समुदाय) से आते हैं। ऐसे में जातियों की सियासी गुणा-गणित के बीच विधानसभा चुनाव की चुनौती बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही कठिन है।

बीजेपी ने जाट समुदाय से आने वाले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला को राज्यसभा का सदस्य बनाया है और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी है। लेकिन ऐसा लगता है कि जाट समुदाय के बीच में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए पार्टी एक बार फिर किसी जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।

कांग्रेस के पांच में चार सांसद ऐसे हैं, जिन्हें भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सिफारिश पर टिकट मिला था। इसमें सतपाल ब्रह्मचारी सोनीपत से, वरुण चौधरी अंबाला से, जयप्रकाश हिसार से और हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम शामिल है।

Mallikarjun Kharge Rahul gandhi
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी। (Source-ANI)

कांग्रेस ने किया था जबरदस्त कम बैक

कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त कम बैक किया था। लोकसभा चुनाव में सभी सीटें हारने के बाद अगले 6 महीने के भीतर हुए विधानसभा चुनाव में ही कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थी जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ 15 सीटों पर जीत मिली थी।

अकेले उतरने को मजबूर है बीजेपी

बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन के बाद इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं वह पिछली बार की तरह बहुमत से दूर ना रह जाए। क्योंकि अब उसने जेजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया है, ऐसे में उसे विधानसभा चुनाव में अकेले ही जाना पड़ेगा। जेजेपी भी गठबंधन तोड़े जाने से बेहद नाराज है और उसने कांग्रेस से कहा है कि वह सैनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी तो जेजेपी उसका समर्थन करेगी।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो