Emergency फिल्म के बहाने कंगना रनौत ने कांग्रेस को ललकारा
फिल्म अभिनेत्री से बीजेपी सांसद बनीं कंगना रनौत ने आपातकाल की बरसी (25 जून) पर अपनी नई फिल्म 'इमरजेंसी' रिलीज होने की तारीख घोषित कर दी। उनकी यह फिल्म आपातकाल पर ही आधारित है।
फिल्म रिलीज की तारीख बताते हुए कंगना ने दावा किया कि 6 सितंबर को उनकी यह फिल्म 'कांग्रेस की काली करतूत' दुनिया के सामने लाएगी।कंगना रनौत ने इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। इंदिरा गांधी ने ही 25 जून, 1975 को इमरजेंसी की घोषणा की थी।
कंगना ने क्या कहा, पहले सुनिए:
कुछ महीने पहले कंगना को बीजेपी ने राजनीति में उतार कर लोकसभा चुनाव का टिकट दिया और वह हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद बन गईं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को हराया।
![indira gandhi](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/indira-gandhi-2.jpg?w=850)
अभिनेत्री का दावा- फिल्म बनाने के लिए घर, गहने गिरवी रखे
कंगना रनौत का कहना है कि जो लोग संसद में संविधान की किताब लेकर शोर मचा रहे हैं, आने वाली 6 सितंबर को उनकी काली करतूत सामने आएगी। उन्होंने दावा किया कि इमरजेंसी पर यह फिल्म ना बने इसके लिए उन्हें बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनकी फिल्म रुकवा दी गई थी लेकिन उन्होंने अपना घर और गहने गिरवी रखकर इस फिल्म को बनाया है।
कंगना रनौत ने दावा किया है कि उन्होंने इस फिल्म में ऐसा ऑथेंटिक कंटेंट इस्तेमाल किया है कि उस पर कांग्रेस और गांधी परिवार के लोग सवाल ही नहीं उठा सकते। उन्होंने कहा कि यह फिल्म कांग्रेस के सारे काले चिट्ठों को खोल देगी।
कंगना रनौत ने न सिर्फ इमरजेंसी फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है बल्कि इस फिल्म का डायरेक्शन और इसे प्रोड्यूस भी उन्होंने ही किया है।
विवादित बयानों के लिए चर्चा में रही हैं कंगना
कंगना रनौत को बीजेपी ने चुनावी राजनीति में भले ही अब उतारा हो, लेकिव वह काफी पहले से बीजेपी के समर्थन में बयान देती रही हैं। कई बार उन्होंने ऐसा बयान भी दिया, जिसकी खूब चर्चा हुई और जिसके चलते वह आलोचना की शिकार भी हुईं।
कंगना को हाल ही में चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर महिला सीआईएसएफ कांस्टेबल ने थप्पड़ मार दिया था। सीआईएसफ कांस्टेबल का कहना था कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के दौरान धरने में बैठी महिलाओं के लिए आपत्तिजनक बयान दिया था। सीआईएसफ कांस्टेबल का नाम कुलविंदर कौर था और उसका कहना था कि उसकी मां भी किसान आंदोलन के दौरान धरने में बैठी थी।
इस साल अप्रैल में कंगना रनौत ने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि सुभाष चंद्र बोस भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और देश की आजादी के बाद उन्हें भारत में नहीं आने दिया गया था।
कंगना ने यह बयान देकर भी काफी सुर्खियां बटोरी थी कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली थी और 1947 में हमें जो आजादी मिली थी वह आजादी नहीं थी बल्कि भीख थी।
बहरहाल, कंगना रनौत ने दावा किया है कि उनकी यह फिल्म इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस को बेनकाब करेगी। उनके दावे में कितना दम है इसका पता फिल्म के आने के बाद ही चल पाएगा। लेकिन, यह सच है कि बीते सालों में सच्ची घटनाओं पर आधारित होने का दावा करते हुए ऐसी तमाम फिल्में बनी हैं जिनमें दिखाई गई बातों पर गंभीर सवाल उठे।
![Indira gandhi](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/Indira-gandhi-3.jpg?w=669)
द कश्मीर फाइल्स पर सवाल
जैसे- 90 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं पर हुए अत्याचार को लेकर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स जब सामने आई थी तो इस फिल्म को विवादों का शिकार होना पड़ा था। यह कहा गया था कि इस फिल्म में जो दिखाया गया है उसमें कई बातें गलत हैं। नवंबर, 2022 में इजरायली फिल्म निर्माता और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया की जूरी के प्रमुख नादव लापिड ने कहा था कि कश्मीर फाइल्स को फिल्म फेस्टिवल में शामिल करना गलत था। उन्होंने कहा था कि यह फिल्म एक प्रोपेगेंडा और वल्गर मूवी लगती है।
द केरल स्टोरी के दावों में कितना दम?
इसी तरह साल 2023 में आई फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर भी कई तरह के सवाल उठे थे। इस फिल्म में दावा किया गया था कि केरल की 32 हजार हिंदू लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया था और उन्हें आईएसआईएस में भर्ती करा दिया गया था। फिल्म के बारे में दावा किया गया था कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है लेकिन बाद में इसे लेकर तमाम सवाल उठे थे।
जैसे- इस फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने कहा था कि उनके पास 32 हजार महिलाओं के गायब होने और उन्हें आईएस में भर्ती किए जाने से जुड़े सबूत भी हैं लेकिन उन्होंने किसी सबूत को लोगों के सामने नहीं रखा।
32 हजार लड़कियों के केरल से गायब होने को लेकर जब सवाल उठे तो 2019 में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी का संसद में दिया गया बयान चर्चा में आया था। रेड्डी ने कहा था कि नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) और केरल की पुलिस ने आईएसआईएस से जुड़े लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं और देश भर से ऐसे सिर्फ 155 लोग पकड़े गए हैं।
इसी तरह अमेरिका के रक्षा विभाग की रिपोर्ट ‘Country Reports on Terrorism 2020: India’ में कहा गया था कि नवंबर, 2020 तक सिर्फ 66 लड़ाके ऐसे थे जो भारतीय मूल के थे और आईएसआईएस से जुड़े थे।
द वैक्सीन वार
बीते साल आई एक फिल्म द वैक्सीन वार के निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने दावा किया था कि यह फिल्म भारत के दुश्मनों का पर्दाफाश कर देगी। उनके मुताबिक यह ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपने राजनीतिक एजेंडे की वजह से वैक्सीन को बनाए जाने का विरोध किया था।
इस फिल्म के खिलाफ मुंबई में कुछ लोग सड़क पर उतर आए थे और उन्होंने सिनेमाघर के बाहर प्रदर्शन किया था। तब विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर कहा था कि अगर वे लोग पाक साफ हैं तो उन्हें चिढ़ क्यों हो रही है? विवेक अग्निहोत्री का इशारा उन्हीं लोगों की तरफ था जिन्हें उन्होंने भारत का दुश्मन बताया था।