Fact Check: ‘देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है’ बयान वाला योगी का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल
लाइटहाउस जर्नलिज्म को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो मिला जो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में वे कहते नजर आ रहे हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। आप देश को मुस्लिम, गैर-मुस्लिम और अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के नाम पर बांटना चाहते हैं।
वीडियो के साथ दावा किया गया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नेता का बयान बदल गया है। जांच के दौरान हमने पाया कि यह दावा झूठा है। जिस वीडियो को खूब शेयर किया जा रहा है, वह क्लिप किया हुआ वीडियो है और योगी आदित्यनाथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बयान को कोट कर रहे हैं।
क्या है दावा?
X यूजर Naushad ने वीडियो अपने प्रोफ़ाइल पर साझा किया।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखे।
अन्य उपयोगकर्ता भी इसी दावे के साथ वायरल वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने जांच की शुरुआत वीडियो को InVid टूल पर अपलोड करके की और उससे कई कीफ्रेम्स प्राप्त किए। फिर हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।
हमने इस वीडियो पर 'पत्रिका राजस्थान' वॉटरमार्क भी देखा।
हमें एएनआई द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपलोड किया गया योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो मिला, जिसकी पृष्ठभूमि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जा रहे वीडियो से काफी मिलती-जुलती थी।
इसके बाद हमें एएनआई के यूट्यूब चैनल पर योगी आदित्यनाथ का पूरा वीडियो मिला।
करीब 4 मिनट पर वे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का हवाला देते हुए दिखाई देते हैं। वे कहते हैं की 'किसके कहने पर मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है? आप देश को मुसलमानों और गैर-मुसलमानों तथा बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों के नाम पर बांटना चाहते हैं।'
यह वीडियो एक महीने पहले अपलोड किया गया था और इसका शीर्षक था: सीएम योगी ने पीएम मोदी की टिप्पणी दोहराई, मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया
हमें पत्रिका राजस्थान के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया गया मूल वीडियो भी मिला। वीडियो पर लिखा है: सीएम योगी का कांग्रेस पर निशाना, 'आप देश को बाटना चाहते है'.
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा नहीं कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। क्लिप्ड वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।