Fact Check: दरगाह ढहाए जाने का वीडियो मंदिर ढहाए जाने के झूठे दावे के साथ शेयर, वायरल दावा गलत
लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर किया जा रहा एक वीडियो मिला। 25 सेकंड के इस वीडियो में एक व्यक्ति प्रवेश द्वार जैसी दिखने वाली किसी चीज को तोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
वीडियो के साथ दावा किया गया कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति एक मुस्लिम है जो मंदिर को तोड़ रहा है। जांच के दौरान हमने पाया कि यह दावा झूठा है। वीडियो में मंदिर नहीं बल्कि दरगाह को तोड़ा जा रहा है।
क्या है दावा?
X यूजर @rajasolanki71070 ने वायरल वीडियो अपने प्रोफ़ाइल पर साझा किया .
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहाँ देखे।
अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने अपनी जांच की शुरुआत वीडियो को InVid टूल में अपलोड करके की और कई कीफ्रेम प्राप्त करके गूगल रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग करके इन्हें खोजा।
कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर एक खबर मिली।
अक्टूबर 2022 में अपलोड की गई रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कीफ्रेम थे।
रिपोर्ट में बताया गया है: आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक दरगाह को तोड़कर मस्जिद बनाने के बाद कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति बनी रही। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
यह घटना 12 अक्टूबर को गुंटूर के एलबी नगर में हुई, जब कुछ लोगों ने हथौड़ों का इस्तेमाल करके एक दरगाह को गिराने की कोशिश की और स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव करके उन्हें रोक दिया।
रिपोर्ट में बताया गया है: लालपेट पुलिस इंस्पेक्टर के अनुसार, "बाजी बाबा दरगाह की स्थापना एएस रत्नम उर्फ रहमान ने की थी, जो पिछले 40 सालों से इस इलाके में रह रहे हैं। उन्होंने 15 साल पहले इसी जमीन पर अपनी पत्नी के लिए समाधि बनाई थी। उन्होंने अपनी बेटी और पड़ोसियों को अपनी मृत्यु के बाद मस्जिद बनाने के लिए कहा।"
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवहर ने भी अपने प्रोफाइल पर वायरल वीडियो शेयर करते हुए बताया कि एक दरगाह को ध्वस्त कर दिया गया।
हमें एक और ट्वीट मिला जिसमें कहा गया था कि एक दरगाह को ध्वस्त कर दिया गया।
हमें ज़ी न्यूज़ की वेबसाइट पर एक और खबर मिली।
रिपोर्ट में बताया गया है: गुंटूर में एक दरगाह को गिराने की कोशिश की गई है। लोग दरगाह को गिराए जाने का विरोध कर रहे हैं और भाजपा ने भी उस विरोध को जोरदार आवाज़ दी है। आपको बता दें कि दरगाह को गिराने की कोशिश करने का आरोप मुसलमानों पर लगाया गया है।
निष्कर्ष: गुंटूर में मस्जिद बनाने के लिए दरगाह को गिराए जाने का पुराना वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि मुसलमानों ने मंदिर को गिराया है। वायरल दावा भ्रामक है।