Hinduja family: 20 अरब डॉलर की संपत्ति वाले हिंदुजा परिवार के सदस्यों को क्यों सुनाई गई सजा, क्या हैं आरोप?
ब्रिटेन के सबसे अमीर हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को अपने घरेलू सहयोगियों (नौकरों) का शोषण करने के आरोप में स्विट्जरलैंड की एक अदालत ने सजा सुनाई है। इन सभी घरेलू सहयोगियों को भारत से ब्रिटेन ले जाया गया था।
जिन लोगों को अदालत ने सजा सुनाई है, उनके नाम प्रकाश और कमल हिंदुजा, उनके बेटे अजय और उनकी पत्नी नम्रता है। इन सभी को चार से साढ़े चार साल तक की सजा सुनाई गई है। हालांकि उन्हें मानव तस्करी के एक गंभीर मामले में लगे आरोपों से बरी कर दिया गया है।
हिंदुजा परिवार के वकीलों का कहना है कि वे अदालत के इस फैसले के खिलाफ आगे अपील करेंगे। लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद भारत में सोशल मीडिया और टीवी, अखबारों में हिंदुजा परिवार को लेकर काफी चर्चा है।
नौकरों के पासपोर्ट जब्त करने का है आरोप
हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर नौकरों के पासपोर्ट जब्त करने, उन्हें स्विस फ्रैंक के बजाय भारतीय रुपये में सैलरी देने, उनके कहीं आने-जाने पर रोक लगाने और कम सैलरी में कई घंटों तक काम करने के लिए मजबूर करने का आरोप है।
यह मामला 2018 में सामने आया था जब स्विस अभियोजकों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर हिंदुजा विला, हिंदुजा बैंक के दफ्तरों और हिंदुजा ग्रुप के मालिकाना हक वाले अन्य कारोबारों पर छापेमारी की थी। इस दौरान दस्तावेज़ और हार्ड ड्राइव जब्त की गई थी। अदालत ने परिवार के चार सदस्यों को गलत ढंग से रोजगार देने, स्विट्जरलैंड में ऐसी नौकरियों के लिए तय की गई सैलरी के दसवें हिस्से से कम वेतन देने का दोषी पाया है।
हिंदुजा परिवार के दूसरे सबसे बड़े भाई गोपीचंद हिंदुजा ने मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा की मौत के बाद हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन का पद संभाला था। गोपीचंद हिंदुजा लंदन में, प्रकाश हिंदुजा मोनाको में और अशोक हिंदुजा मुंबई में रहते हैं।
कैसे शुरू हुआ था कारोबार?
हिंदुजा भाइयों के पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान सिंध क्षेत्र के शिकारपुर शहर में (अब पाकिस्तान) माल के व्यापार का काम शुरू किया और 1914 में अपने व्यापारी बैंकिंग और व्यापार से जुडे़ कारोबार को बॉम्बे (अब मुंबई) में शिफ्ट कर दिया और 1919 में ईरान में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यालय खोला।
1979 में हिंदुजा भाइयों ने अपने कारोबार का आधार लंदन को बनाया और आज भी इसी शहर में हिंदुजा परिवार के कारोबार का आधार है। हिंदुजा परिवार की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, यह परिवार दुनिया भर में 2 लाख लोगों को रोजगार देता है।
क्या करता है हिंदुजा ग्रुप?
फोर्ब्स के अनुसार, हिंदुजा ग्रुप ट्रकों, ल्यूब्रिकैंट्स, बैंकिंग और केबल टेलीविजन सहित अन्य क्षेत्रों में काम करता है। नवंबर 2023 तक इस परिवार की कुल संपत्ति की कीमत 20 अरब डॉलर थी।
घरेलू सहयोगियों की सैलरी से ज्यादा कुत्तों पर खर्च
इस मामले में अभियोजन पक्ष का दावा है कि हिंदुजा परिवार ने एक भारतीय घरेलू नौकर को हर दिन 18 घंटे काम कराने के बाद केवल सात स्विस फ़्रैंक (654 भारतीय रुपये- सालाना 2,38,710) का भुगतान किया, जबकि अपने पालतू कुत्ते पर सालाना 8,584 फ़्रैंक (8,02,637 भारतीय रुपए) खर्च किए।
अभियोजन पक्ष के वकील यवेस बर्टोसा ने हिंदुजा परिवार की इन हरकतों की अदालत में तीखी आलोचना की और उन्हें साढ़े पांच साल तक की जेल की सजा देने की गुहार अदालत से लगाई थी। बर्टोसा की दलीलें घरेलू नौकरी द्वारा दी गई गवाही के साथ-साथ मामले की जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों पर आधारित थीं।
बनाया हुआ था डर का माहौल
बर्टोसा ने अदालत को बताया कि घरेलू नौकरी के कांट्रेक्ट में काम के घंटे या छुट्टी के दिन के बारे में नहीं बताया गया था बल्कि यह कहा गया था कि उन्हें अपने मालिकों की मर्जी के हिसाब से उपस्थित रहना होगा। उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए थे और उनके पास खर्च करने के लिए स्विस फ़्रैंक नहीं थे क्योंकि नौकरों को उनकी तनख्वाह भारतीय रुपये में दी जाती थी।
यहां तक कि वे अपने मालिकों की इजाजत के बिना घर तक नहीं छोड़ सकते थे। बर्टोसा ने कहा कि उन लोगों के पास किसी तरह की आजादी नहीं थी। बर्टोसा ने बताया कि कमल हिंदुजा ने डर का माहौल बनाया हुआ था।