Jharkhand Politics: जेल से निकले हेमंत सोरेन, विधानसभा चुनाव में बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किल?
क्या झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद विधानसभा चुनाव के समीकरण बदल जाएंगे? झारखंड में कुछ ही महीने के भीतर विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले हेमंत सोरेन का जेल से बाहर आना और बीजेपी पर हमलावर होना क्या इंडिया गठबंधन के लिए फायदेमंद हो सकता है और क्या इससे बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को चुनाव में मुश्किल हो सकती है?
झारखंड में लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी को यहां झटका लगा है।
भाजपा को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी पांचों लोकसभा सीटों पर हार मिली है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी सीटों पर बीजेपी की हार बताती है कि यहां पर हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी का असर दिखाई दिया है। बताना होगा कि हेमंत सोरेन 5 महीने तक जेल में रहे हैं।
![Hemant Soren](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/07/Hemant-Soren-1.jpg?w=850)
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं एक तिहाई सीटें
81 सीटों वाली झारखंड की विधानसभा में 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। राज्य में एसटी मतदाताओं की आबादी 26% है। ऐसे में एनडीए के लिए विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर इंडिया गठबंधन से लड़ना आसान नहीं होगा। झारखंड में इंडिया गठबंधन में (झामुमो, कांग्रेस और वाम दल) और एनडीए में बीजेपी और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) हैं।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीटें
लोकसभा सीट का नाम | आने वाली विधानसभा सीटें |
खूंटी | खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलेबिरा (एसटी) |
सिंहभूम | सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगनाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी) |
लोहरदगा | मांडर (एसटी), सिसई (एसटी), गुमला (एसटी), बिशुनपुर (एसटी), लोहरदगा (एसटी) |
दुमका | शिकारीपाड़ा (एसटी), नाला, जामताड़ा, दुमका (एसटी), जामा (एसटी), सारठ |
राजमहल | बोरियो (एसटी), राजमहल, बरहेट (एसटी), लिट्टीपाड़ा (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी) |
बीजेपी के एक नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि लोकसभा चुनाव में झारखंड में आदिवासी बेल्ट वाली सीटों पर भाजपा के पक्ष में कुछ भी नहीं रहा और अब हमें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनानी होगी।
सत्ता में वापसी की कोशिश
लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद इंडिया गठबंधन विधानसभा का चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ने के लिए तैयार है। झामुमो की कोशिश है कि हेमंत सोरेन की रिहाई से पार्टी और इंडिया गठबंधन को लोकसभा चुनाव में जो बढ़त मिली है उसे विधानसभा चुनाव में भी बरकरार रखा जाए और राज्य की सत्ता में वापसी की जाए।
झारखंड लोकसभा चुनाव के नतीजे
राजनीतिक दल | मिली सीटें |
बीजेपी | 8 |
कांग्रेस | 2 |
झामुमो | 3 |
आजसू | 1 |
इंडिया गठबंधन में शामिल दल लगातार इस बात को कह रहे हैं कि हेमंत सोरेन के साथ अन्याय हुआ है और आदिवासी समाज से आने वाले मुख्यमंत्री को भाजपा के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियों ने जेल में डाल दिया है। इंडिया गठबंधन के दल ताल ठोक रहे हैं कि सोरेन के बाहर आने से विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को मजबूती मिलेगी और बीजेपी दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाएगी।
झामुमो और कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का गिरा
राजनीतिक दल | 2019 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) | 2024 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) |
बीजेपी | 50.96 | 44.60 |
कांग्रेस | 15.63 | 19.19 |
झामुमो | 11.51 | 14.60 |
सोरेन ने दिखाए तेवर
हेमंत सोरेन ने जेल से बाहर आने के बाद कहा है कि विधानसभा चुनाव में झारखंड से बीजेपी साफ हो जाएगी। सोरेन का कहना है कि वह आदिवासी के बेटे हैं और किसी से डरने, घबराने या झुकने वाले नहीं हैं।
संविधान और आरक्षण बचाने का मुद्दा
लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल सभी विपक्षी दलों ने इस बात को जोर-शोर से कहा था कि बीजेपी संविधान को बदलना चाहती है और इसके लिए ही वह 400 सीटें मांग रही है। इंडिया गठबंधन ने यह भी कहा था कि बीजेपी एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म कर देना चाहती है। लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी को अन्य हिंदी प्रदेशों की ही तरह झारखंड में भी इसका नुकसान हुआ है।
इंडिया गठबंधन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के साथ ही संविधान और आरक्षण को बचाने की बात को भी झारखंड में मुद्दा बना रहा है।
![Mohan Bhagwat on BJP, Organiser Ratan Sharda article, Indresh Kumar on BJP Narendra Modi](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/RSS-on-BJP.jpg?w=850)
इंडिया गठबंधन को मिला एक और नेता
हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने लोकसभा चुनाव में जमकर प्रचार किया और आदिवासी बेल्ट में इसका असर दिखाई दिया है। कल्पना सोरेन ने खुद भी गांडेय विधानसभा सीट से 26 हजार वोटों से चुनाव जीती हैं। विधानसभा चुनाव में कल्पना सोरेन भी इंडिया गठबंधन के लिए जमकर प्रचार करेंगी और गठबंधन को इसका फायदा मिल सकता है।
पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल | बीजेपी को मिली सीटें | झामुमो को मिली सीटें | कांग्रेस को मिली सीटें | झाविमो (प्रजातांत्रिक) को मिली सीटें | आजसू को मिली सीटें |
2014 विधानसभा चुनाव | 37 | 19 | 6 | 8 | 5 |
2019 विधानसभा चुनाव | 25 | 30 | 16 | 3 | 2 |
धुआंधार घोषणाएं कर रहे चंपाई सोरेन
विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने ताबड़तोड़ घोषणाएं करनी शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगले 2 महीने में 50000 शिक्षकों की बहाली की जाएगी। राज्य सरकार ने अगस्त के महीने से 21 से 50 साल तक की झारखंड की महिलाओं को 1000 रुपए पेंशन देने की योजना शुरू करने का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार 20 लाख परिवारों को मकान भी देगी।
निश्चित रूप से इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने अपने तीखे तेवरों से यह साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी और एनडीए का जमकर मुकाबला करेंगे।
![C. P. Radhakrishnan | Governor of Jharkhand](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/02/C.-P.-Radhakrishnan.jpg?w=850)
बीजेपी ने उतारा शिवराज और सरमा को
दूसरी ओर, बीजेपी भी इस चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रही है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के नतीजे से सबक लेते हुए झारखंड के विधानसभा चुनाव को लेकर कमर कस ली है। बहुत अनुभवी नेता और 18 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान और हिंदुत्व के फायर ब्रांड चेहरे हिमंता बिस्वा सरमा को पार्टी ने झारखंड में कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी है।
जुलाई के पहले हफ्ते में शिवराज सिंह चौहान और सरमा रांची आ सकते हैं। पार्टी जल्द से जल्द उम्मीदवारों के नामों का चयन कर चुनाव मैदान में जाना चाहती है।
आदिवासी वोटों पर है बीजेपी की नजर
बीजेपी ने झारखंड से लगते हुए राज्य ओडिशा में आदिवासी समुदाय से आने वाले मोहन चरण मांझी को मुख्यमंत्री बनाया है। इससे पहले बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाले विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी। बीजेपी को उम्मीद है कि जिस तरह उसे ओडिशा में जबरदस्त सियासी फायदा हुआ है, ऐसा ही फायदा उसे झारखंड में भी हो सकता है।
ओडिशा में बीजेपी ने पहली बार अपने दम पर अपनी सरकार बनाई है और लोकसभा में 21 में से 20 सीटें जीती हैं।
बीजेपी ने आदिवासियों के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा के जन्म स्थान उलिहातू पहुंचे थे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी भी आदिवासी समुदाय से आते हैं।