सेमी कंडक्टर: अमेरिकी फर्म को सब्सिडी पर दिए गए अपने बयान से क्यों पलट गए केंद्रीय मंत्री कुमार स्वामी?
मोदी सरकार में स्टील और भारी उद्योग मंत्रालय संभालने वाले एचडी कुमारस्वामी अमेरिकी फर्म को लेकर दिए गए अपने बयान से पलट गए हैं। उनके बयान को कांग्रेस की डाटा एनालिटिक्स टीम के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने ट्वीट किया है। चक्रवर्ती ने कहा है कि जो सवाल कुमार स्वामी ने उठाया है, इस बात को वह बीते साल ही एक अखबार में आर्टिकल लिखकर उठा चुके हैं।
क्या कहा कुमार स्वामी ने?
पहले यह जानते हैं कि एचडी कुमारस्वामी ने कहा क्या था। कुमारस्वामी 14 जून को बेंगलुरु में अपनी पार्टी जेडीएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने यह सवाल उठाया कि माइक्रोचिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी को गुजरात सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी क्या सही है?
कुमारस्वामी ने सवाल उठाया कि माइक्रोन टेक्नोलॉजी को हर नौकरी के लिए 3.2 करोड़ की सब्सिडी क्यों दी जा रही है। उन्होंने कहा कि एक कंपनी 5000 नौकरियां दे रही हैं और इसके बदले में उसे दो अरब डॉलर की सब्सिडी मिल रही है और उसने जो 2.75 अरब डॉलर का निवेश किया है, उसका 70% तो वह सब्सिडी के जरिए ही कवर कर लेगी।
शायद इस बात को कहते हुए एचडी कुमार स्वामी यह भूल गए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेमी कंडक्टर के मामले में काफी तेजी से काम करना चाहते हैं। जैसे ही उनके बयान को लेकर मीडिया में विवाद हुआ तो वह पलट गए और उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा सेमी कंडक्टर से जुड़े मामले में जो कदम उठाए जा रहे हैं, वह उनकी सराहना करते हैं और अपने मंत्रालय के जरिए इन कामों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
कुमार स्वामी के सब्सिडी वाले बयान के बाद प्रवीण चक्रवर्ती ने अपने पुराने आर्टिकल को ट्वीट करते हुए लिखा है कि सरकार आखिर टैक्सपेयर के दो अरब डॉलर को अमेरिका की 75 अरब डॉलर की एक फर्म को क्यों दे रही है और वह भी सिर्फ 5000 नौकरियों के लिए।
प्रवीण चक्रवर्ती ने भी बिल्कुल कुमार स्वामी जैसे ही सवाल उठाए थे और कहा था कि माइक्रोन के द्वारा जो प्लांट लगाया जाएगा वह एक दशक में 5000 लोगों को नौकरियां देगा, इसका मतलब हमारी सरकार एक नौकरी के लिए लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च करेगी और यह उस प्रोफेशनल को जीवन भर मिलने वाली तनख्वाह से ज्यादा होगा।
चक्रवर्ती ने सेमीकंडक्टर की अहमियत बताते हुए कहा था कि सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक चिप केवल उत्पाद नहीं है बल्कि यह किसी देश के लिए बहुत अहम है। चक्रवर्ती ने कहा था कि यह भारत के रणनीतिक हित में होगा कि वह इलेक्ट्रॉनिक चिप्स के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बने और तब वह दूसरे देशों के लिए इलेक्ट्रॉनिक चिप्स का उत्पादन करे।
कर्नाटक के उद्योग मंत्री ने भी किया समर्थन
कर्नाटक के उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल ने भी माइक्रोन पर कुमार स्वामी के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है कि गुजरात में माइक्रोन टेक्नोलॉजी द्वारा दी जा रही हर नौकरी के लिए 3.2 करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है।
सेमी कंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल मार्च में सवा लाख करोड़ रुपए के तीन सेमी कंडक्टर प्लांट की आधारशिला रखी थी। मोदी ने कहा था कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत सेमी कंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने पर जोर देगा। तब संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय संभाल रहे अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि 1962 से भारत सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने का प्रयास कर रहा है और अब हम सफल हो पाए हैं।
दिसंबर 2021 में, देश में एक सेमी कंडक्टर तंत्र खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार ने 76,000 करोड़ की चिप प्रोत्साहन योजना शुरू की थी। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट्स, तैयार माल सहित सप्लाई चेन के हर हिस्से के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की गई थी।
क्या करता है सेमी कंडक्टर
सेमी कंडक्टर कंप्यूटिंग चिप्स और माइक्रोकंट्रोलर हैं जो स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टेलीविज़न को ऊर्जा देते हैं। सेमी कंडक्टर विद्युत धाराओं को नियंत्रित करता है और यह अधिकांश मॉर्डन इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का एक जरूरी कंपोनेंट है। अधिकतर सेमी कंडक्टर एकीकृत सर्किट होते हैं, जिन्हें 'चिप्स' भी कहा जाता है। यह छोटे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का एक सेट होता है जिसमें ट्रांजिस्टर और डायोड, कैपेसिटर और प्रतिरोधक लगे होते हैं और इनके बीच बहुत सारे इंटरकनेक्शन शामिल होते हैं। ये सभी सिलिकॉन की वेफर शीट पर लगे होते हैं।