Haryana Politics: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को दी कड़ी टक्कर अब राज्यसभा सीट के लिए करेगी दो-दो हाथ
हरियाणा में लोकसभा चुनाव का घमासान खत्म होने के बाद अब राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। राज्यसभा की यह सीट दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने की वजह से खाली हुई है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से 3.7 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं।
राज्यसभा सीट के उपचुनाव के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस 5 महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुटे हुए हैं। लेकिन इससे पहले यह उपचुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद अहम है।
इस उपचुनाव में जीत हासिल करना पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल है।
हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें हैं। इनमें से तीन सीटें बीजेपी नेताओं के पास हैं और एक सीट पर निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा जीते थे। हरियाणा से राज्यसभा सांसदों के नाम सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार हैं।
0 से 5 सीटों पर पहुंची कांग्रेस
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने हरियाणा में शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी ने 10 में से 5 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि पिछली बार उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। ऐसे में पार्टी विधानसभा चुनाव में जाने से पहले राज्यसभा की इस सीट को अपने कब्जे में ही रखकर अपनी बढ़त को खोना नहीं चाहती।
![nayab singh saini](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/nayab-singh-saini-2.jpg?w=850)
दूसरी ओर, लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण बीजेपी के अंदर बेचैनी का माहौल है और हरियाणा में पार्टी लोकसभा चुनाव के खराब प्रदर्शन से आगे निकलकर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। लेकिन उससे पहले उसके सामने राज्यसभा का उपचुनाव जीतने की चुनौती है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इस सीट को जीतना चाहते हैं लेकिन सवाल यह है कि सीटों का गणित किसके पक्ष में। आइए, इसे समझते हैं।
हरियाणा में विधानसभा की सदस्य संख्या 90 है लेकिन अभी विधानसभा में 87 विधायक हैं।
कैसे कम हुए तीन विधायक?
निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद की मृत्यु हो चुकी है। लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए रणजीत चौटाला ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा अंबाला सीट से सांसद चुने जाने की वजह से वरुण चौधरी को भी विधानसभा की सदस्यता छोड़नी होगी।
विपक्ष के पास हैं 44 विधायक
राजनीतिक दल | कितने हैं विधायक |
कांग्रेस | 29 |
जेजेपी | 10 |
निर्दलीय | 4 |
इनेलो | 1 |
सत्ता पक्ष के पास हैं 43 विधायक
राजनीतिक दल | कितने हैं विधायक |
बीजेपी | 41 |
हलोपा | 1 |
निर्दलीय | 1 |
जेजेपी नहीं है एकजुट, क्रॉस वोटिंग के आसार
आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि विपक्ष के पास ज्यादा विधायक हैं लेकिन विपक्ष के लिए परेशानी इस बात की है कि जेजेपी एकजुट नहीं है। हरियाणा में जेजेपी के दो विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ दिखाई दिए। यह दोनों विधायक राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं।
ऐसे में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हो सकती है और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
![Bhupinder Singh Hooda Nayab Saini](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/Bhupinder-Singh-Hooda-5.jpg?w=850)
अल्पमत में है सैनी सरकार: हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि राज्य की बीजेपी सरकार अल्पमत में है और राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए। हालांकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट की मांग करने की पार्टी की कोई योजना नहीं है।
बताना होगा कि बीजेपी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ सरकार बनाई थी। यह सरकार साढ़े चार साल तक चली और इस साल मार्च में बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। इसके बाद भाजपा को झटका तब लगा था जब उसकी सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इन विधायकों के नाम सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर गोलेन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) हैं।
बीजेपी का वोट शेयर गिरा, कांग्रेस का बढ़ा
राजनीतिक दल | लोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में) | लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में) |
कांग्रेस | 28.51 | 43.67 |
बीजेपी | 58.21 | 46.11 |
विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयार हैं बीजेपी-कांग्रेस
बीजेपी और कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए भी कमर कस चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान सिंह सहित तमाम बड़े नेता पूरे हरियाणा में जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन करने जा रहे हैं जबकि बीजेपी भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ सहित सभी बड़े नेताओं को साथ लेकर पूरे राज्य के अंदर भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत हासिल करने के लिए जुटने का आह्वान करेगी।
![rss| bjp| chunav parinam](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/rss-bjp.jpg?w=850)
इस बीच भाजपा को हरियाणा में अपने नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान भी करना है। इसे लेकर राज्य की सियासत में सवाल यह पूछा जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर क्या किसी गैर जाट नेता को ही मौका देगी या फिर लोकसभा चुनाव में जाटों की बेरुखी को भांपते हुए किसी जाट नेता को पार्टी का अध्यक्ष बनाएगी। बताना होगा कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद पर गैर जाट नेता नायब सिंह सैनी को बैठाया है।
कांग्रेस के पास भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसा हैवीवेट जाट नेता है तो बीजेपी हुड्डा से मुकाबले के लिए प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसी जाट नेता को मौका दे सकती है।