गाड़ी में जीपीएस लगा तीन दिन तक लंदन से हरियाणा इनेलो अध्यक्ष पर रखी गई थी नजर, फिर बहादुरगढ़ में मारी गई गोली
हरियाणा इनेलो के अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में इस साल मार्च में पुलिस की पूछताछ में एक नाम सामने आया था। यह नाम दिल्ली के वांटेड गैंगस्टर कपिल सांगवान का था। तभी पुलिस को यह लग गया था कि इस मामले में अभी काफी कुछ सामने आना बाकी है।
नफे सिंह राठी की इस साल 25 फरवरी को हरियाणा के बहादुरगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
फॉर्च्यूनर की स्टेपनी में लगी थी जीपीएस डिवाइस
इस मामले में 30 मई को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई है। चार्जशीट के मुताबिक, लंदन में बैठा कपिल सांगवान नफे सिंह राठी की हत्या से कई दिन पहले से ही एक जीपीएस डिवाइस के जरिए उनकी गाड़ी को ट्रैक कर रहा था। यह जीपीएस डिवाइस नफे सिंह राठी की टोयोटा फॉर्च्यूनर की स्टेपनी में लगी हुई थी।
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सीबीआई के द्वारा अब तक की गई जांच में पता चला है कि नफे सिंह राठी के हत्यारों ने तीन दिन तक उनकी कार का पीछा किया था और कपिल जीपीएस से मिल रही जानकारी हत्यारों तक पहुंचा रहा था। जांच के मुताबिक, राठी के हत्यारे सिग्नल, फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए कपिल सांगवान के संपर्क में थे और राठी की हत्या की योजना बना रहे थे।
द्वारका से खरीदी गई थी जीपीएस डिवाइस
चार्जशीट में यह नहीं बताया गया है कि राठी की गाड़ी में जीपीएस ट्रैकर किसने लगाया। चार्जशीट के मुताबिक, इस जीपीएस डिवाइस को किसी अज्ञात व्यक्ति ने 7 फरवरी को दिल्ली के द्वारका की एक दुकान से खरीदा था।
जांच में पता चला है कि बिहार के किसी व्यक्ति के नाम पर बने फर्जी आधार कार्ड के जरिए इस डिवाइस को एक्टिवेट किया गया था। 8 फरवरी से 2 मार्च तक कपिल सांगवान इस डिवाइस के जरिए लॉग इन था और लंदन के एक आईपी एड्रेस से नफे सिंह राठी की गाड़ी की जीपीएस लोकेशन को देख रहा था।
इस चार्जशीट में एनसीआर के चार लोगों का नाम राठी के शूटर्स के तौर पर शामिल किया गया है। इनके नाम आशीष, सचिन, अतुल और नकुल हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि रोहतक के रहने रहने वाले धर्मेंद्र और दिल्ली के रहने वाले अमित गुलिया ने कपिल सांगवान के साथ मिलकर राठी की हत्या की साजिश रची थी। आशीष, सचिन और धर्मेंद्र पुलिस की हिरासत में हैं और अमित पहले से ही किसी एक मामले में जेल में बंद है।
नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र राठी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस ने उन्हें यह जानकारी दी है कि उनकी कार की स्टेपनी में एक जीपीएस डिवाइस लगी हुई थी।
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सांगवान के निर्देश पर की थी राठी की हत्या
सचिन और आशीष को 4 मार्च को गोवा से गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों ने हरियाणा पुलिस की एसआईटी को बताया था कि उन्होंने कपिल सांगवान के निर्देश पर ही पूर्व विधायक राठी की हत्या की थी। सीबीआई के मुताबिक, राठी की हत्या की साजिश नवंबर, 2023 में तैयार की गई थी लेकिन इसका क्या मकसद था इसके बारे में पता नहीं चला है।
जांच से यह भी सामने आया है कि धर्मेंद्र और अमित तिहाड़ जेल में थे लेकिन धर्मेंद्र 11 नवंबर, 2023 को बाहर आ गया था। धर्मेंद्र ने पुलिस को बताया था कि कपिल सांगवान ने उससे कहा था कि वह एक गेटअवे कार खरीद ले। जांच में यह भी बताया गया है कि अतुल नाम के शूटर ने दो अन्य शूटर को पिस्टल दी थी। अतुल इन दिनों फरार चल रहा है।
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सीसीटीवी फुटेज में दिखी कार और शूटर
राठी के घर के बाहर और गली में लगे सीसीटीवी कैमरों से 24 फरवरी की जो फुटेज मिली है, उसमें गेटअवे कार और एक शूटर फोन पर बात करता दिखाई दिया है।
नफे सिंह राठी के हत्यारों ने 23 फरवरी से ही उनका पीछा शुरू कर दिया था लेकिन उन्हें राठी की हत्या का मौका तब मिला जब 25 फरवरी को राठी की गाड़ी रेलवे क्रॉसिंग पर रुकी थी। तब उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर राठी की हत्या कर दी थी।