Haryana Lok Sabha Chunav 2024: सीएम सैनी की सीट बचा पाएगी बीजेपी? चौटाला के मैदान में उतरने से दिलचस्प हुआ मुकाबला
हरियाणा की 10 सीटों में से एक कुरुक्षेत्र सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुक़ाबला है। भाजपा ने इस बार कांग्रेस छोड़कर आए जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल पर दांव लगाया है। वहीं कांग्रेस और AAP के संयुक्त उम्मीदवार सुशील गुप्ता मैदान में हैं। इनेलो से खुद अभय सिंह चौटाला मैदान में हैं। अभय सिंह चौटाला के खुद इस सीट से उतारने से यहां लड़ाई दिलचस्प हो गयी है। पिछले चुनाव में सीएम नायब सिंह सैनी भाजपा के टिकट पर कुरुक्षेत्र सीट से जीते थे।
पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह सीट जीतने वाली बीजेपी को कुरुक्षेत्र में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है जबकि पिछले दशक में उसका वोट शेयर बढ़ा है। कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र सीट पर सबसे ज्यादा आठ बार जीत हासिल की है, वहीं आईएनएलडी और बीजेपी ने दो-दो बार यहां चुनाव जीता है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यह सीट जीती थी। हालांकि, वोट शेयर में सुधार के बावजूद, बीजेपी को इस बार सत्ता विरोधी लहर और अन्य कारणों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है।
कुरुक्षेत्र में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा
2009 के बाद से कुरुक्षेत्र में बीजेपी का वोट शेयर लगातार बढ़ा है। 2014 में बीजेपी का वोट शेयर 36.81 फीसदी था जो 2019 में बढ़कर 55.98 फीसदी हो गया। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 2014 के बाद से स्थिर नजर आ रहा है। कांग्रेस का कुरुक्षेत्र सीट पर वोट शेयर 2014 में 25.33 प्रतिशत था जो 2019 में गिरकर 24.71 प्रतिशत पर आ गया। INLD ने भी पिछले 10 सालों में अपने वोट शेयर में भारी गिरावट देखी है। 2014 में पार्टी का वोट शेयर 25.39 फीसदी था जो 2019 में घटकर 4.93 फीसदी हो गया। हालांकि, इस बार अभय सिंह चौटाला के यहां से चुनाव मैदान में उतारने से मुक़ाबला कांटे का हो गया है।
भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर
चुनाव विशेषज्ञों का कहना है कि कुरूक्षेत्र में भाजपा और INDIA गुट के बीच सीधी लड़ाई है लेकिन इनेलो को कम नहीं आंका जा सकता क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में इसका मजबूत आधार है। पिछले दो आम चुनावों में भारी वोट शेयर हासिल करने के बावजूद भाजपा को कुरुक्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पद सकता है। समुदाय के बीच बढ़ते अविश्वास के कारण पार्टी को जाट मतदाताओं को लुभाने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। किसान (जिनमें से अधिकांश जाट हैं) भाजपा से नाराज हैं क्योंकि उनका कहना है कि किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई हैं।
आईएनएलडी के लिए भी नहीं आसान है राह
इनेलो में 2018 में विभाजन हुआ जब अभय के भाई अजय चौटाला और उनके बेटे दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित किए जाने के बाद नई पार्टी, जननायक जनता पार्टी का गठन किया था तब से INLD की राह आसान नहीं रही है। अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी केवल ऐलनाबाद से जीत पाई। वहीं, 2019 के आम चुनावों में INLD ने अभय के बेटे अर्जुन सिंह चौटाला को कुरुक्षेत्र से मैदान में उतारा था लेकिन वह केवल 60,679 वोट हासिल कर सके जो कुल मतदान के पांच प्रतिशत से भी कम था।
2022 में आदमपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में इनेलो के कुरदा राम नंबरदार सिर्फ 5,248 वोट (3.99%) हासिल कर सके थे। उपचुनाव में बीजेपी के भव्य बिश्नोई ने 67,492 (51.32%) वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। भव्य कुलदीप बिश्नोई के बेटे हैं। अभय इनेलो के रिवाइवल में लगे हैं। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था, “हमने अपनी राजनीतिक यात्रा में कई बार उतार-चढ़ाव देखे हैं। इनेलो में फूट के लिए बीजेपी जिम्मेदार है, जिससे लोगों में गुस्सा है। आम आदमी के मुद्दों को उठाने के हमारे प्रयास हमारे पुनरुद्धार में सहायक होंगे।”
कौन-कौन है कुरुक्षेत्र की रणभूमि में?
कुरुक्षेत्र से वर्तमान सांसद भाजपा के नायब सिंह सैनी हैं। भाजपा ने इंडस्ट्रियलिस्ट नवीन जिंदाल को मैदान में उतारा है जो बीजेपी में शामिल होने से पहले 2004 और 2009 का आम चुनाव इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं। इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने पार्टी महासचिव अभय चौटाला को यहां से उतारा है। उनके बेटे ने 2019 के आम चुनावों में कुरुक्षेत्र सीट से अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। अभय वर्तमान में ऐलनाबाद से विधायक हैं और 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि हैं।
इनेलो के मीडिया समन्वयक राकेश सिहाग ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रकाश भारती की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय पैनल की सिफारिश के बाद अभय की उम्मीदवारी को मंजूरी दी। पैनल ने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं से बात करने के बाद अभय चौटाला का नाम सामने रखा था। कांग्रेस के साथ समझौते के तहत आम आदमी पार्टी ने अपनी राज्य इकाई के प्रमुख सुशील गुप्ता को कुरुक्षेत्र से मैदान में उतार दिया है। वहीं, जजपा ने पालाराम सैनी को टिकट दिया है।
कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूरे हरियाणा के कुरुक्षेत्र और कैथल जिलों और यमुनानगर जिले के कुछ हिस्सों को कवर करता है। कुरूक्षेत्र और कैथल दोनों की सीमा पंजाब से लगती है। कुरूक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में थानेसर (सुभाष सुधा), पिहोवा (संदीप सिंह), कलायत (कमलेश ढांडा) और कैथल (लीला राम) समेत चार सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजेपी की सहयोगी जेजेपी ने दो सीटें जीती थीं - शाहबाद (राम करण) और गुहला (ईश्वर सिंह)। पुंडरी का प्रतिनिधित्व रणधीर सिंह गोलन ने किया है, जिन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और बाद में भाजपा का समर्थन किया जबकि कांग्रेस ने शेष दो सीटें - रादौर (बिशन लाल सैनी) और लाडवा (मेवा सिंह) जीती थीं।
कुरुक्षेत्र का जातीय समीकरण
इस निर्वाचन क्षेत्र में जाट समुदाय का दबदबा है। यहां कुल मतदाताओं का 14 प्रतिशत जाट, 8 प्रतिशत ब्राह्मण, 8 प्रतिशत सैनी हैं। वहीं 6 प्रतिशत पंजाबी, 4 प्रतिशत सिख और 5 प्रतिशत अग्रवाल समुदाय के मतदाता हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, कुरूक्षेत्र की 17.47 प्रतिशत आबादी पंजाबी बोलती है। जिले की कुल आबादी में अनुसूचित जाति के सदस्य 22 प्रतिशत से अधिक हैं। अभय चौटाला जहां जाट नेता हैं, वहीं नवीन जिंदल और सुशील गुप्ता दोनों बनिया समुदाय से हैं। यह पहली बार है कि भाजपा ने इस सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
कुरुक्षेत्र लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम
पिछले चुनाव में यहां से सीएम नायब सिंह सैनी ने जीत हासिल की थी, जिन्हें 6.86 लाख वोट मिले थे।। वहीं, दूसरे स्थान पर कांग्रेस के निर्मल सिंह थे, जिन्हें 3.03 लाख वोट मिले थे।
पार्टी | कैंडीडेट | वोट (प्रतिशत) |
बीजेपी | नायब सिंह सैनी | 55.98 |
कांग्रेस | निर्मल सिंह | 24.71 |
बसपा | शशि | 6.15 |
कुरुक्षेत्र लोकसभा चुनाव 2014 परिणाम
2014 के आम चुनाव में कुरुक्षेत्र से राज कुमार सैनी ने जीत हासिल की थी, जिन्हें 4.18 लाख वोट मिले थे।। वहीं, दूसरे स्थान पर आईएनएलडी के बलबीर सैनी थे, जिन्हें 2.88 लाख वोट मिले थे।
पार्टी | कैंडीडेट | वोट (प्रतिशत) |
बीजेपी | राज कुमार सैनी | 36.81 |
आईएनएलडी | बलबीर सैनी | 25.39 |
कांग्रेस | नवीन जिंदल | 25.33 |