Fact Check: राहुल गांधी रैलियों में ले जाते हैं चीन का संविधान?, नहीं ये भारत का संविधान ही है
आजतक फैक्ट चेक: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी तमाम रैलियों में भारत का संविधान लेकर पहुंचते हैं। अपनी रैलियों में वह लाल रंग के कवर वाली संविधान की किताब लेकर जाते हैं और समर्थकों को दिखाते भी हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वह किताब असल में चीन का संविधान है, लेकिन आजतक फैक्ट चेक टीम ने पाया कि यह दावा गलत है।
क्या है दावा?
क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी रैलियों में चीन का संविधान लेकर घूम रहे हैं? 2024 लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के मतदान से ठीक पहले, राहुल गांधी के बारे में ये दावा सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी रैलियों में चीन का संविधान लेकर घूमते हैं। इस दावे के साथ एक तस्वीर है जिसमें राहुल के हाथ में एक लाल किताब दिखती है। इसी लाल किताब को चीन का संविधान बताया जा रहा है।
एक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, "क्या राहुल गांधी चीन का संविधान लेकर चलते हैं? भारत के संविधान का कवर नीला है। चीन के संविधान का कवर लाल है। राहुल गांधी के हाथ में लाल कवर वाला संविधान है।"
बता दें कि ये दावा असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने भी किया था। 17 मई को किये गए एक ट्वीट में उन्होंने राहुल के हाथ में लाल किताब वाली तस्वीर शेयर की थी और लिखा था कि "क्या राहुल गांधी चीन का संविधान लेकर चलते हैं?" इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि राहुल गांधी अपनी रैलियों में चीन नहीं, बल्कि भारत का संविधान ही दिखाते हैं। लाल कवर वाला ये संविधान एक पॉकेट एडिशन है जिसे 'ईस्टर्न बुक कंपनी' (ईबीसी) ने प्रकाशित किया है।
जांच पड़ताल:
राहुल गांधी की वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च के जरिए खोजने पर हमें 'बिजनेस स्टैन्डर्ड' की एक रिपोर्ट मिली जिसमें इसी तस्वीर को इस्तेमाल किया गया था। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ये तस्वीर 5 मई को तेलंगाना के गडवाल में हुई एक सभा की है।
इस जानकारी के आधार पर खोजने पर हमें राहुल गांधी की गडवाल आम सभा का वीडियो 'टीवी9 तेलुगु' के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो में 1:02:09 के मार्क पर राहुल गांधी को एक लाल किताब हाथ में लिए देखा जा सकता है। हमने गौर से देखा तो इस किताब पर पर अंग्रेजी में "भारत का संविधान" लिखा हुआ था। नीचे दी गई तस्वीर में आप राहुल के हाथ में भारत का संविधान देख सकते हैं।
संविधान दिखाते हुए राहुल गांधी कहते हैं कि जनता को जो भी अधिकार मिले हैं वो इसी संविधान के जरिये मिले हैं। इसके साथ ही राहुल कहते हैं कि बीजेपी संविधान खत्म करना चाहती है।
ये बात तो यहीं साफ हो गई कि राहुल गांधी भाषणों में जो लाल किताब दिखाते हैं वो संविधान चीन का नहीं बल्कि भारत का ही है।
हमने देखा कि राहुल ने एक से ज्यादा भाषणों में इसी लाल कवर वाले संविधान को दिखाया है। 6 मई को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में भी राहुल ने इसी को दिखाया था। हाल ही में, 18 मई को दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के अशोक विहार में एक सभा को संबोधित करते हुए भी राहुल ने इसी संविधान की किताब को दिखाया था।
क्या है ये लाल कवर वाला संविधान?
कीवर्ड सर्च की मदद से खोजने पर हमने पाया कि लाल कवर वाला संविधान भारतीय संविधान का 'कॉट पॉकेट एडिशन' है जिसे 'ईस्टर्न बुक कंपनी' यानी ईबीसी प्रकाशन ने छापा है। हमें ये संविधान 'ईबीसी' वेबस्टोर की वेबसाइट पर भी मिला जिसे ऑनलाइन ऑर्डर करके खरीदा जा सकता है।
हमें 26 जुलाई 2017 की 'द स्टेट्समैन' की एक रिपोर्ट मिली जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की इसी लाल कवर वाले संविधान के साथ तस्वीर थी। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह को भी यही कोट पॉकेट एडिशन वाला संविधान भेंट किया जा चुका है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से साफ है कि राहुल गांधी द्वारा रैली में चीन का संविधान लेकर जाने का दावा बेबुनियाद है। असल में उनके हाथ में भारतीय संविधान का कोट पॉकेट एडिशन है जिसे वो कई रैलियों में लेकर जाते हैं।
(यह फैक्ट-चेक मूल रूप से आजतक फैक्ट चेक द्वारा किया गया है। यहां इसे शक्ति कलेक्टिव के सदस्य के रूप में पेश किया जा रहा है।)