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CSDS-Lokniti Post Poll Survey: वोटर्स से संपर्क साधने में बीजेपी से आगे रहीं राज्‍य स्‍तर की पार्ट‍ियां

भाजपा लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारणों का व‍िश्‍लेषण कर रही है, लेक‍िन इस बीच सीएसडीएस लोकनीत‍ि पोस्‍ट पोल सर्वे का आया नतीजा क्‍या संकेत देता है, जान‍िए।
Written by: विजय कुमार झा
नई दिल्ली | Updated: June 15, 2024 18:00 IST
csds lokniti post poll survey  वोटर्स से संपर्क साधने में बीजेपी से आगे रहीं राज्‍य स्‍तर की पार्ट‍ियां
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान नरेंद्र मोदी का प्रचार तो छाया रहा था, लेक‍िन सीएसडीएस लोकनीत‍ि के चुनाव बाद सर्वे का न‍िष्‍कर्ष है क‍ि कांग्रेस ने बीजेपी की तुलना में ज्‍यादा मतदाताओं से संपर्क साधा।
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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बीजेपी के ल‍िए बेहद न‍िराश करने वाले रहे हैं। कहां पार्टी ने 370 सीटें पाने की उम्‍मीद लगा रखी थी, लेक‍िन वह 240 पर ही स‍िमट गई। नतीजों से पहले कोई इस तरह के पर‍िणाम का अनुमान नहीं लगा रहा था। लेक‍िन, अब ऐसे पर‍िणाम का व‍िश्‍लेषण सभी लोग अपने-अपने तरीके से कर रहे हैं।

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस संबंध में ट‍िप्‍पणी की क‍ि समाज ने मत दे द‍िया और उसके ह‍िसाब से पर‍िणाम हो गया। क्‍यों-कैसे की चर्चा में संघ नहीं पड़ता। संघ अपना कर्तव्‍य करता रहता है। लेक‍िन, भाजपा इसके व‍िश्‍लेषण में लगी है।

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इस बीच आए सीएसडीएस लोकनीत‍ि पोस्‍ट पोल सर्वे के नतीजों से पता चलता है क‍ि मतदाताओं तक पहुंच बनाने में भाजपा से आगे कांग्रेस रही थी। इस सर्वे में 19663 लोगों की राय ली गई।

इनसे सीधा सवाल पूछा गया था- क्‍या आपसे या आपके पर‍िवार के क‍िसी सदस्‍य से बीते एक महीने में न‍िम्‍नल‍िख‍ित पार्ट‍ियों की ओर से फोन कॉल, एसएमएस, व्‍हाट्सऐप आद‍ि के जर‍िए संपर्क क‍िया गया था?

इन्‍हें चार पार्ट‍ियों का व‍िकल्‍प द‍िया गया था- बीजेपी, कांग्रेस, राज्‍य की सबसे बड़ी पार्टी, राज्‍य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी। जवाब में 40.3 प्रत‍िशत लोगों ने भाजपा और 46.2 प्रत‍िशत ने कांग्रेस का नाम ल‍िया।

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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा। (Source- JagatPrakashNadda/FB)

चुनाव के बाद सीएसडीएस लोकनीत‍ि द्वारा क‍िए गए इस सर्वे का न‍िष्‍कर्ष भाजपा के प्रत‍ि कई लोगों की इस धारणा और आरोप को बल देता है क‍ि पार्टी लोगों तक पहुंच बनाने में कामयाब नहीं रही।

उत्‍तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर से चुनाव हारने वाले भाजपा उम्‍मीदवार संजीव बाल‍ियान की हार के बारे में भाजपा के ही पूर्व व‍िधायक संगीत सोम ने साफ-साफ कहा है क‍ि भाजपाई कार्यकर्ता बाल‍ियान के ल‍िए क्षेत्र में नहीं गए। हालांक‍ि, सोम ने इसकी वजह यह बताई क‍ि कार्यकर्ता अपने प्रत‍ि बाल‍ियान के व्‍यवहार के चलते उनसे नाराज थे।

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(बाएं से दाएं) संगीत सोम और संजीव बालियान (source- Express)

बालियान ने कहा- संगीत सोम ने हराया

बालियान दो बार लगातार मुजफ्फरनगर से चुनाव जीते थे लेकिन इस बार वह जब सपा के हरेंद्र मलिक से हारे तो उन्होंने खुलकर इस बात को कहा कि संगीत सोम ने चुनाव में सपा उम्मीदवार का समर्थन किया था। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत समुदाय की पंचायतों के जरिए माहौल बिगाड़ा गया और संगीत सोम ही इन पंचायतों के पीछे थे। उन्होंने कहा कि इससे समाज में बंटवारा हुआ और मुजफ्फरनगर के साथ ही इसका असर कैराना और सहारनपुर सीट के नतीजों पर भी पड़ा।

बता दें कि कैराना सीट पर पिछली बार बीजेपी जीती थी लेकिन इस बार वह यहां हारी है। सहारनपुर सीट पर भी बीजेपी जीत नहीं दर्ज कर सकी।

आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने भाजपा के खराब चुनावी प्रदर्शन को 'अहंकार' से जोड़ा। सीएसडीएस लोकनीत‍ि पोस्‍ट पोल सर्वे के न‍िष्‍कर्ष से इसे जोड़ा जा सकता है। एक सच यह भी है क‍ि चुनाव के दौरान हम जहां भी गए, लगभग सभी जगह लोगों ने कहा क‍ि भाजपा के मंत्री या सांसद तक जनता की पहुंच आसान नहीं है। यह बात आरएसएस के नेता रतन शारदा ने भी 'ऑर्गनाइजर' में ल‍िखे लेख में कही।

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(बाएं से दाएं) मोहन भागवत और पीएम मोदी (Source- PTI)

चर्चा में है रतन शारदा की टिप्पणी

आरएसएस की पत्रिका ऑर्गेनाइजर में छपे एक लेख में संघ के नेता रतन शारदा के द्वारा लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर की गई टिप्पणी काफी चर्चा में है। रतन शारदा ने लिखा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने अति आत्मविश्वासी हो चुके भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आइना दिखा दिया है।

रतन शारदा ने लिखा है कि हर सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से नाम से जीती जा सकती है, इसकी भी एक सीमा है और यह सोच तब आत्मघाती हो गयी, जब उम्मीदवारों को बदला गया, स्थानीय नेताओं पर उन्हें थोपा गया और चुनाव के दौरान दल-बदलुओं को ज्यादा महत्व दिया गया।

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लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी हेडक्वार्टर में पीएम मोदी (Source- PTI)

संघ के बड़े चेहरे इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को कहा था कि जिन लोगों ने राम की भक्ति की लेकिन उनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया, राम ने उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया लेकिन उसे बहुमत से दूर 241 पर रोक दिया और जिन्होंने राम का विरोध किया, उन सबको 234 पर रोक दिया।

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