क्यों फैजाबाद की पांच में से चार विधानसभा सीटें हारी बीजेपी?, हाई लेवल मीटिंग में सामने आए कई कारण
बीजेपी इन दिनों लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी को मिली हार के कारणों की समीक्षा कर रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जयवीर सिंह अयोध्या में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के लिए पहुंचे थे। इस बैठक में पार्टी की हार के कारणों पर चर्चा हुई। बताना होगा कि फैजाबाद (अयोध्या) में पार्टी की हार की समीक्षा उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी कर चुके हैं।
फैजाबाद सीट पर बीजेपी की हार को इसलिए बड़ी हार मान गया था क्योंकि बीजेपी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का अपना वादा पूरा किया था।
पार्टी के नेताओं ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान देशभर में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे का जिक्र अपनी चुनावी सभाओं में किया था लेकिन इस सबके बाद भी बीजेपी को यहां 54,567 वोटों के अंतर से हार मिली और यह निश्चित रूप से पार्टी के लिए एक बहुत बड़े झटके की तरह है।
पांच में से चार विधानसभा सीटें हारी बीजेपी
लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में तो बीजेपी को हार मिली ही, इस लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली पांच में चार विधानसभा सीटों पर भी बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। फैजाबाद लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने यहां से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके बीजेपी के पूर्व सांसद लल्लू सिंह को हराया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री और अयोध्या जिले के प्रभारी सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हम लोकसभा चुनाव और विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। चुनाव की समीक्षा बैठक पार्टी संगठन के लोगों के साथ थी और जिला प्रशासन के पांच अफसरों के साथ विकास कार्यों को लेकर एक अलग से बैठक रखी गई थी।
शाही ने बताया कि महंत राजू दास को बैठक में नहीं बुलाया गया था लेकिन वह वहां पहुंच गए। उनके और डीएम के बीच मेरे सामने बैठक में कुछ नहीं हुआ इन दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ, वह बैठक के बाहर हुआ।
प्रदेश अध्यक्ष ने भी ली बैठक
बताना होगा कि बुधवार और गुरुवार को उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह और ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने भी फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली पांचों विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा बैठक ली थी। इस बैठक में अवध क्षेत्र के नेता भी उपस्थित थे। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया गया।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि लल्लू सिंह कभी शहर से निकलकर गांवों की ओर गए ही नहीं। कार्यकर्ता उनसे मिलने को भटकते रहे लेकिन वह सिर्फ अपने चहेतों से ही मिले।
400 सीटों वाला बयान पड़ा भारी
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फैजाबाद सीट पर हार के कारणों में- लल्लू सिंह के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी, उनका यह बयान कि बीजेपी को संविधान बदलने के लिए 400 सीटें चाहिए, स्थानीय प्रशासन के खिलाफ शिकायतें, स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज करना जैसी अहम बातें निकलकर सामने आई हैं।
इंद्रेश कुमार ने बताया था अत्याचारी
आरएसएस के बड़े नेता इंद्रेश कुमार ने चुनाव नतीजे आने के बाद एक कार्यक्रम में लल्लू सिंह पर हमला बोला था और कहा था कि लल्लू सिंह ने जनता पर जुल्म किए थे और राम जी ने कहा कि अब उसे 5 साल के लिए आराम करना चाहिए।
फैजाबाद से पिछले पांच लोकसभा चुनाव में बने सांसद
साल | कौन बना सांसद | किस दल को मिली जीत |
2004 | मित्रसेन यादव | बहुजन समाज पार्टी |
2009 | निर्मल खत्री | कांग्रेस |
2014 | लल्लू सिंह | बीजेपी |
2019 | लल्लू सिंह | बीजेपी |
2024 | अवधेश प्रसाद | सपा |
एक सीट पर जीते, उसमें भी अंतर घटा
फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनके नाम दरियाबाद, रुदौली, मिल्कीपुर, बीकापुर और अयोध्या सदर हैं। इनमें से भाजपा सिर्फ अयोध्या सदर सीट पर आगे रही है और यहां पर भी 2019 के मुकाबले इस बार जीत का अंतर काफी कम रह गया है। 2019 में भाजपा को यहां 25,587 वोट से जीत मिली थी लेकिन इस बार यह अंतर घटकर 4,667 वोटों का रह गया है।
सपा की ओर चले गए दलित मतदाता
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीजेपी के नेता ने दावा किया कि विपक्ष ने यहां से बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह के उस वीडियो को बड़े पैमाने पर वायरल किया जिसमें लल्लू सिंह यह कहते हुए सुनाई दिए थे कि बीजेपी को संविधान को बदलने के लिए 400 सीटों की जरूरत है। भाजपा नेता ने कहा कि यह पूरी तरह पार्टी के खिलाफ गया और बड़ी संख्या में दलित मतदाता सपा की ओर चले गए।
भाजपा नेता ने कहा कि सपा ने यहां से दलित (पासी) समुदाय से आने वाले अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था। फैजाबाद में दलित समुदाय के 3 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। पिछले चुनावों में वे भाजपा के लिए वोट करते रहे थे लेकिन इस बार वे लल्लू सिंह के बयान से नाराज थे और सपा की ओर चले गए।
अयोध्या के जिला प्रशासन से थे नाराज
बीजेपी के एक नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी के नेताओं ने बैठक में कहा कि यहां के लोग अयोध्या के जिला प्रशासन से और अधिकारियों के खिलाफ सरकार द्वारा कार्रवाई न करने की वजह से नाराज थे। मतदान वाले दिन अयोध्या विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने हवाई अड्डे के पास एयरोसिटी टाउनशिप के विकास के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन की माप लेने का काम शुरू कर दिया था। बीजेपी के नेता ने कहा कि लोग जमीन अधिग्रहित किए जाने के खिलाफ थे।
एक अन्य भाजपा नेता ने बैठक लेने आए पार्टी नेताओं को बताया कि अयोध्या के व्यापारियों ने भी बीजेपी का समर्थन नहीं किया क्योंकि वे नगर निगम के द्वारा करों में बढ़ोतरी और गाड़ियों के चालान को लेकर नाराज थे।