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Bihar Lok Sabha Elections 2024: आरा में सत्‍ता व‍िरोधी लहर से है बीजेपी उम्‍मीदवार का सामना, कुंवर स‍िंंह की वंशज भी हताश-न‍िराश

बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक आरा सीट पर चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होगा।
Written by: संतोष सिंह
नई दिल्ली | Updated: May 29, 2024 14:14 IST
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कुँवर सिंह संग्रहालय, आरा, बिहार (Source- Express)
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बिहार की आरा सीट का इतिहास भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है। आरा लोकसभा क्षेत्र में स्थित जगदीशपुर किला स्वतंत्रता संग्राम और इसके स्थानीय प्रतीक वीर कुंवर सिंह का प्रतीक है, जिन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया था। 1980 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व केवल दो सांसदों ने किया था। बाली राम भगत, जो यादव जाति से थे और चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, जो कुशवाहा (कोइरी) जाति से थे। आइये जानते हैं क्या है आरा का चुनावी समीकरण और क्या चाहती है यहां की जनता?

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हाल ही में, पार्टियों और राजनेताओं द्वारा अक्सर जगदीशपुर का वर्णन किया जाता रहा है। राज्य सरकार ने पिछले दो दशकों में जगदीशपुर किले और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास किया है। लेकिन, किले से लगा हुआ वीरान घर एक भूले हुए नायक की कहानी कहता है। पिछले साल तक यह कुंवर सिंह की छठी पीढ़ी की वंशज पुष्पा सिंह का घर था, जिनके बेटे बबलू की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। जिसके बाद अकेले रहने में असमर्थ पुष्पा पटना चली गईं। वह सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन द्वारा कुंवर सिंह के वंशजों की उपेक्षा से हताश हैं और इसे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान बताती हैं।

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पुष्पा का सभी पार्टियों से मोहभंग हो गया है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “हमें सालों से एक राजनीतिक प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है लेकिन मैं अभी तक अपने बेटे की मौत के सदमे से उबर नहीं पाई हूं।''

कौन-कौन है आरा के चुनावी मैदान में?

भाजपा के मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री आर के सिंह, जो लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे हैं। उनका मुकाबला सीपीआई (एम-एल) लिबरेशन के सुदामा प्रसाद से है।

जहां आरके सिंह ऊंची जाति के राजपूत हैं, वहीं सुदामा प्रसाद ओबीसी बनिया समुदाय से हैं। प्रसाद को मैदान में उतारकर, इंडिया गठबंधन एनडीए के पारंपरिक बनिया वोट बैंक को विभाजित करने और मुसलमानों और यादवों के अपने वोटों के साथ ही और दलितों और अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के वर्गों को जोड़ने की उम्मीद कर रहा है।

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क्या चाहती है आरा की जनता?

केंद्र की मुफ्त राशन योजना और स्थानीय जातीय समीकरणों के बीच टकराव यहां भी स्पष्ट है। स्थानीय निवासी मीना कुंवर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशन योजना बहुत अच्छी है। एक बात पक्की है कि अब हम भूख से नहीं मरेंगे। मेरी दोनों बहुओं को कुछ महीनों से मुफ्त राशन नहीं मिल रहा है। हम जगदीशपुर में कुछ बाबुओं की मदद से इसे वापस बहाल करना चाहते हैं।"

एनडीए और आरजेडी दोनों में है टक्कर

दिहाड़ी मजदूर अशोक कुमार चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “जगदीशपुर शहर में चुनाव के दौरान जाति का प्रभाव कम देखा गया है, लेकिन गांवों में यह अधिक है। हम अपने सांसद आरके सिंह से कुछ हद तक निराश हो सकते हैं लेकिन एनडीए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है प्रतिदिन 20-22 घंटे बिजली की आपूर्ति हो।” हालांकि चौधरी ने नौकरियों के बारे में बात करने के लिए विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन योजना और जाति गणना मिलकर आरा में परिणाम तय कर सकते हैं।

दिहाड़ी मजदूर महेंद्र यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हम पारंपरिक राजद मतदाता हैं लेकिन हो सकता है कि हमारी जाति की कुछ महिलाएं मोदी को वोट दे रही हों।'' इंडियन एक्सप्रेस ने जिन मतदाताओं से बात की उनमें से किसी ने भी चुनावी मुद्दे के रूप में कुंवर सिंह की विरासत का उल्लेख नहीं किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे खुश थे कि ये किला उनके पड़ोस में है।

जगदीशपुर किले की क्या है खासियत?

वीर कुंवर सिंह की ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ जीत से लेकर अंग्रेजों द्वारा गोली मारे जाने के बाद अपना दाहिना हाथ काटकर गंगा में फेंकने तक की उनकी यात्रा को जगदीशपुर किले में स्थित संग्रहालय में चित्रों के माध्यम से वर्णित किया गया है। किले के संग्रहालय में कुंवर सिंह की मूर्तियां और उनकी तलवारों की प्रतिकृतियां प्रदर्शित हैं।

पीएम के नाम पर वोट मांग रहे आरके सिंह

आरा उन तीन सीटों में से एक है, जहां CPI(M-L)(L) काराकाट और नालंदा के साथ इंडिया गठबंधन के साथ सीट-बंटवारे के तहत चुनाव लड़ रही है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी आरके सिंह के खिलाफ ज्यादा प्रभाव डालने में विफल रही। लेकिन इस बार, सीपीआई (एम-एल) (एल) का मानना ​​​​है कि राजद और कांग्रेस के साथ उसके गठबंधन के परिणामस्वरूप सुदामा प्रसाद को वोट स्थानांतरित हो सकते हैं, जो अपने अभियान में संविधान की रक्षा और नौकरियां देने के मुद्दे उठा रहे हैं।

आरके सिंह भाजपा के विकास के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने रिकॉर्ड पर भरोसा कर रहे हैं। हालांकि, पीएम मोदी किसी रैली के लिए आरा नहीं गए हैं लेकिन सिंह फिर भी पीएम के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में एक रैली में उन्होंने कहा था, ''हम चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए अच्छे काम जारी रहें।''

आरा का जातीय समीकरण

आरा निर्वाचन क्षेत्र के कुल 21 लाख मतदाताओं में से अनुमानित 2.25 लाख बनिया मतदाता और लगभग 2.5 लाख राजपूत हैं। यादव 4 लाख की आबादी के साथ यहां सबसे बड़ा जातीय समूह हैं। इसके बाद लगभग 1.5 लाख ओबीसी कुशवाहा और 1.25 लाख ब्राह्मण मतदाता हैं। वहीं, लगभग 2 लाख मुस्लिम हैं।

आरा लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम

पिछले चुनाव में आरा से बीजेपी के आरके सिंह ने जीत हासिल की थी। उन्होंने CPI(M-L)(L) के राजू यादव को हराया था। राजू को 4.19 लाख और आरके को 5.66 लाख वोट मिले थे।

पार्टीप्रत्याशीवोट प्रतिशत
बीजेपीआरके सिंह52.42
सीपीआई (एम-एल) (एल)राजू यादव38.79

आरा लोकसभा चुनाव 2014 परिणाम

2014 के आम चुनाव में बीजेपी के आरके सिंह ने आरजेडी के भगवान सिंह कुशवाहा को हराया था। भगवान को 2.55 लाख और आरके को 3.91 लाख वोट मिले थे।

पार्टीप्रत्याशीवोट प्रतिशत
बीजेपीआरके सिंह43.78
आरजेडीभगवान सिंह कुशवाहा28.57
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