Sheohar Lok Sabha Chunav 2024: बिहार की इकलौती सीट जहां दो महिलाओं में है सीधी टक्कर, एक आईएएस के हत्यारे की पत्नी तो दूसरे का पति आईएएस
बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान शिवहर सीट पर दो महिला उम्मीदवारों के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिल रहा है। इनमें से एक महिला उम्मीदवार जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रही लवली आनंद हैं तो दूसरी महिला उम्मीदवार का नाम रितु जायसवाल है। रितु जायसवाल यहां से आरजेडी की उम्मीदवार हैं।
लवली आनंद के पति आईएएस अफसर की हत्या में दोषी हैं तो रितु जायसवाल के पति आईएएस अफसर रहे हैं।
Anand Mohan Singh: 16 साल जेल में रहे हैं आनंद मोहन
लवली आनंद के पति आनंद मोहन सिंह गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में 16 साल तक जेल में रहे हैं। नीतीश सरकार ने जब जेल मैनुअल में संशोधन कर आनंद मोहन सिंह को रिहाई दी थी तो इसे लेकर बिहार और उसके बाहर की सियासत में अच्छा-खासा शोर हुआ था। आनंद मोहन सिंह की छवि बिहार में बाहुबली नेता की है।
1993 में आनंद मोहन सिंह ने जनता दल से अलग होकर बिहार पीपुल्स पार्टी बनाई थी और तब लवली आनंद ने बिहार पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था। आनंद मोहन की छवि बिहार में बाहुबली नेता की है। आनंद मोहन दो बार सांसद रह चुके हैं। आनंद मोहन इससे पहले समता पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस में भी रह चुके हैं।
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Lovely Anand Sheohar: बाहरी होने का है आरोप
शिवहर में चुनाव प्रचार के दौरान राजद की ओर से लवली आनंद के बाहरी होने का मुद्दा भी उठाया जा रहा है लेकिन लवली आनंद इसे पूरी तरह नकारती हैं। वह कहती हैं कि उनके बेटे चेतन आनंद स्थानीय सीट से विधायक हैं, उनके पति यहां से सांसद रहे हैं, ऐसे में उन्हें बाहरी कैसे कहा जा सकता है।
Ritu Jaiswal sheohar: वैश्य समुदाय से आती हैं रितु जायसवाल
शिवहर लोकसभा सीट पर एक चौथाई वैश्य मतदाता हैं और इसे देखते हुए ही राजद ने यहां से वैश्य समुदाय से आने वाली रितु जायसवाल को टिकट दिया है। रितु जायसवाल के पति अरुण कुमार आईएएस अफसर रहे हैं। अरुण कुमार ने आईएएस सेवा से वीआरएस लेकर पंचायत का चुनाव लड़ा था और उन्हें चुनाव में जीत भी मिली थी।
रितु जायसवाल 2016 में सीतामढ़ी के सिंहवाहिनी ग्राम पंचायत की मुखिया बनी थीं। रितु जायसवाल को 2018 में भारत के तत्कालीन उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने चैंपियंस आफ चेंज के पुरस्कार से सम्मानित किया था। रितु जायसवाल ने 2020 में सीतामढ़ी की परिहार सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन तब उन्हें हार मिली थी।
रितु जायसवाल राजद की महिला सेल की प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रदेश प्रवक्ता पद पर भी रही हैं। चुनाव प्रचार के दौरान रितु जायसवाल दलित डीएम की हत्या के मुद्दे को जोर-शोर से उठाती हैं।
रमा देवी को नहीं मिला टिकट
शिवहर लोकसभा सीट पर नजर डालें तो एक बात और समझ में आती है कि यहां 2009 से लगातार चुनाव जीतने वाली बीजेपी की नेता रमा देवी इस बार चुनाव मैदान से बाहर हैं। शिवहर सीट को जेडीयू को दिए जाने और गैर वैश्य बिरादरी का उम्मीदवार होने की वजह से वैश्य समुदाय के मतदाता नाराज दिखाई देते हैं।
वैश्य समुदाय को बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता है लेकिन टिकट कटने की वजह से मौजूदा सांसद रमा देवी और इसके बगल की सीट सीतामढ़ी से सांसद सुनील कुमार पिंटू नाराज दिखाई देते हैं। रमा देवी शिवहर लोक सभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान अधिक सक्रिय नहीं दिखाई देतीं।
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किस दल ने कितनी महिला उम्मीदवारों को दिया टिकट
बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 434 उम्मीदवारों में से 70 महिलाओं को टिकट दिया है। इस मामले में उसने पिछले दो चुनावों के मुकाबले सुधार किया है। 2019 में पार्टी ने 55 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जबकि 2014 में यह आंकड़ा सिर्फ 38 था। कांग्रेस ने 2019 में 54 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जबकि 2014 में यह आंकड़ा 60 था। इस बार पार्टी ने 42 महिलाओं को टिकट दिया है।
17वीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 78 है जो लोकसभा के कुल सांसदों की संख्या का 14% है। 16वीं लोकसभा में 62 महिला सांसद थीं।
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Nari Shakti Vandan Adhiniyam: नारी शक्ति वदंन अधिनियम
यहां बताना होगा कि भारत सरकार ने नारी शक्ति वदंन अधिनियम बनाया है जिसके तहत 2029 से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित हो जाएंगी।