कोटा वालों को नौकरी नहीं मिलने से बढ़ रहा ग़ुस्सा- अनुप्रिया पटेल की योगी अदित्यनाथ को चिट्ठी
केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि ओबीसी और एससी-एसटी वर्गों से आने वाले अभ्यर्थियों ने उनसे बार-बार यह शिकायत की है कि राज्य सरकार के द्वारा कराई जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में केवल इंटरव्यू के द्वारा ही भर्ती की जाती है और उन्हें कई बार ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ घोषित कर दिया जाता है।
अनुप्रिया पटेल ने पत्र में यह भी कहा है कि इस वजह से इन वर्गों से आने वाले किसी भी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया जाता। पटेल ने यह पत्र 27 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा था।
अनुप्रिया पटेल ने पत्र में लिखा है कि कई बार ऐसा होने के बाद अंत में आरक्षित उपरोक्त संदर्भित पदों को अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है।
तत्काल रोक लगाने की मांग
अनुप्रिया पटेल ने पत्र में कहा था कि इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए जिससे इन वर्गों से संबंध रखने वाले उम्मीदवारों में पनप रहे आक्रोश को कम किया जा सके।
अनुप्रिया पटेल ने मांग की है कि इसे अनिवार्य करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की जरूरत है जिससे आरक्षित पद सिर्फ उन श्रेणियों के लोगों को ही मिलें जिनके लिए यह बनाए गए हैं चाहे इसके लिए जितनी भी बार नियुक्ति प्रक्रिया करनी पड़े।
अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में प्रभावशाली कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि वंचित वर्गों से आने वाले उम्मीदवार अपनी क्षमता के आधार पर (न्यूनतम योग्यता) मिनिमम एलिजिबिलिटी को पूरा करने के बाद ही इंटरव्यू तक पहुंच पाते हैं और इसलिए उन्हें बार-बार ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ घोषित किया जाना समझ से बाहर है।
जवाब तैयार कर रही सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार के एक अफसर ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के जवाब का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। भर्ती परीक्षा करवाने वाले अलग-अलग आयोग केंद्रीय मंत्री के पत्र के जवाब के लिए अपनी प्रतिक्रिया भेज रहे हैं और उसमें उनके इस आरोप को खारिज किया गया है कि आरक्षित पदों को अनारक्षित पदों के जरिए भरा गया है।
उदाहरण के लिए एक आयोग ने जवाब दिया है कि आरक्षित सीटों को कभी भी अनारक्षित सीटों में नहीं बदला गया। अगर कोई आरक्षित वैकेंसी नहीं भरी जाती है तो उसे अगले साल के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है।
अभ्यर्थियों को मिले उनका हक: अपना दल (एस)
अपना दल (एस) के प्रवक्ता राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अनुप्रिया पटेल दलित, वंचित और पिछड़े वर्गों की नेता हैं और पार्टी की विचारधारा है कि इन वर्गों के लोगों को संविधान में दिए गए उनके हक मिलने चाहिए। इन वर्गों के अभ्यर्थियों की ओर से लगातार इस बात की शिकायत आ रही थी कि उन्हें भर्ती एजेंसियों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया में आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है।
राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि इस पत्र के जरिए अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यूपी सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है और अनुरोध किया है कि इस तरह की तमाम गड़बड़ियों को खत्म किया जाए जिससे अभ्यर्थियों को उनका हक मिल सके।
चुनाव में खराब रहा बीजेपी का प्रदर्शन
अनुप्रिया पटेल की चिट्ठी ऐसे वक्त में आई है जब हालिया लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करारा झटका लगा है। बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर युवाओं में निराशा और एससी-एसटी, ओबीसी के बीच इस बात का डर कि उन्हें आरक्षण का फायदा नहीं मिलेगा, इसे सत्तारूढ़ दल के हार के प्रमुख कारणों में से एक माना गया है।
अपना दल (एस) उत्तर प्रदेश और केंद्र की बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार का हिस्सा है। अनुप्रिया पटेल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह पत्र बतौर अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से लिखा है।