scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

Andhra Chunav 2024: आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी का मुद्दा क्या जगन को पड़ेगा भारी, नायडू को मिलेगा राजनीतिक फायदा?

आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर चौथे चरण में 13 मई 2024 को वोट डाले जाएंगे। Pushkar Banakar की ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए क्या चाहती है आंध्र प्रदेश की जनता और क्या हैं वहां के जमीनी हालात।
Written by: स्पेशल डेस्क | Edited By: shruti srivastava
नई दिल्ली | Updated: May 09, 2024 11:08 IST
andhra chunav 2024  आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी का मुद्दा क्या जगन को पड़ेगा भारी  नायडू को मिलेगा राजनीतिक फायदा
जगन मोहन और चंद्रबाबू नायडू (बाएं से दाएं) (Source- Express Archive)
Advertisement

आंध्र प्रदेश में पांच साल पहले भारी जीत के साथ सत्ता में आने के बाद, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के लिए अमरावती की जगह तीन-राजधानी बनाने का सुझाव दिया। आइये इस ग्राउंड रिपोर्ट में जानते हैं आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती की जनता क्या चाहती है और क्या तीन राजधानी का विवादास्पद मुद्दा सीएम जगन मोहन पर भारी पड़ेगा?

विजयवाड़ा से बमुश्किल 20 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती ऐसा लगता है कि एक 'भूतिया शहर'में बदल गई है। यह शहर अधूरी इमारतों, शुरू कर छोड़ दी गईं परियोजनाओं, बेकार पड़ी मशीनरी और सैकड़ों स्थानीय निवासियों, विशेषकर किसानों की धराशायी हो चुकी उम्मीदों का घर बन गई है।

Advertisement

राजधानी अमरावती के लिए अपनी उपजाऊ जमीन देने वाले किसान परेशान

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान अमरावती शहर में स्थानीय लोगों को पार्टी की चुनाव पुस्तिका बांटते हुए टीडीपी समर्थक रामचन्द्र राव कहते हैं, “हमने अपनी उपजाऊ ज़मीन छोड़ दी, पैसे उधार लिए और यहां एक घर खरीदा क्योंकि हम अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते थे। लेकिन, आज हमारे पास अपने बढ़ते कर्ज के अलावा दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।”

आंध्र प्रदेश की राजधानी पर विवाद

2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन और नए तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से राजधानी का विवादास्पद मुद्दा राज्य की राजनीति में भी छाया रहा है। 13 मई को आंध्र प्रदेश में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने के साथ यह मुद्दा और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के अनुसार, 2 जून के बाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी हैदराबाद नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने हाल ही में अपनी एक रैली में घोषणा की कि वह "राजधानी विशाखापत्तनम" में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे, जिसके बाद विवाद बढ़ गया है।

अप्रैल-मई 2014 के विधानसभा चुनावों में टीडीपी की जीत के बाद चंद्रबाबू नायडू ने सीएम के रूप में कार्यभार संभाला था। जिसके बाद उनकी सरकार ने अमरावती में 'विश्व स्तरीय राजधानी" स्थापित करने का प्रस्ताव रखा और एपी कैपिटल डेवलपमेंट रीजन (एपीसीडीआर) के तहत शहर के आसपास के 29 गांवों से इसके लिए भूमि अधिग्रहण शुरू किया। अनौपचारिक अनुमान के अनुसार, इस उद्देश्य के लिए गुंटूर और एनटीआर (पूर्व में कृष्णा) जिलों में पड़ने वाले इन गांवों से लगभग 33,000 एकड़ भूमि एकत्र की गई थी। राजधानी की आधारशिला अक्टूबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी।

Advertisement

तीन राजधानी चाहते हैं जगन मोहन

2019 के चुनावों में जगन मोहन के नेतृत्व वाली YSRCP के सत्ता में आने के बाद, उनकी सरकार ने APCDR परियोजनाओं को रोक दिया और दिसंबर 2019 में, तीन-राजधानी का प्रस्ताव पेश किया - जिसमें विशाखापत्तनम को "कार्यकारी राजधानी", अमरावती को "विधायी राजधानी"और कुरनूल को "न्यायिक राजधानी" के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया।

इससे अमरावती में किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जिनकी जमीनों का अधिग्रहण किया गया, जो अब तक जारी है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान वेंकटपालम गांव के दिहाड़ी मजदूर जे रमेश एक फूस की झोपड़ी की ओर इशारा करते हुए कहते हैं, “हमने राज्य के विकास के लिए अपनी आय का एकमात्र स्रोत अपनी उपजाऊ जमीन छोड़ दी। अब, चूंकि परियोजनाएं रुकी हुई हैं और कोई विकास नहीं हो रहा है, हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है। हम यहां रहने के लिए मजबूर हैं।”

राजधानी के मुद्दे पर जनता में नाराजगी

जून 2023 में, जगन मोहन द्वारा क्षेत्र में एकत्रित जमीन पर गरीबों के लिए 50,000 घर बनाने के प्रस्ताव वाली परियोजना की आधारशिला रखने के बाद विरोध तेज हो गया। अमरावती में राज्य सचिवालय के पास कूड़े के ढेर से प्लास्टिक इकट्ठा करती एक युवती ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “जब मैं छोटी थी यह एक हरा-भरा मैदान था। लगभग एक दशक पहले, उन्होंने (टीडीपी) कहा था कि इस गांव को सिंगापुर में बदल दिया जाएगा। आज, यह एक 'चट्टा कुप्पा (कचरे का ढेर)' के अलावा कुछ नहीं है।'' साई लक्ष्मी कहती हैं, ''मेरे माता-पिता ने राजधानी के लिए 8 एकड़ जमीन दे दी थी। अब उन्हें सड़कों पर भीख मांगने के लिए छोड़ दिया गया है।”

वाईएसआरसीपी और टीडीपी दोनों पार्टियां लोगों की शिकायतों से अवगत

वाईएसआरसीपी और टीडीपी दोनों खेमे इस मामले पर लोगों की शिकायतों से अवगत हैं। तेनाली श्रवण कुमार, ताड़ीकोंडा विधानसभा क्षेत्र से टीडीपी के उम्मीदवार हैं, इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान वह कहते हैं, ''मैं जानता हूं कि यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनकी जीवन भर की बचत यहां निवेश करने में चली गई है लेकिन जगन की मनमानी के कारण वे अधर में लटक गए हैं। मैं चुनाव जीतने के तीन महीने के भीतर सभी 29 गांवों के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट लेकर आऊंगा। सत्ता में आने के तीन साल में हम अमरावती को एक ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित करेंगे।"

वाईएसआरसीपी के एक नेता मानते हैं, “हमारे लिए यहां प्रचार करना भी मुश्किल है क्योंकि लोग हमसे राजधानी के बारे में सवाल करते हैं। हम उन्हें तीन-राजधानी के फायदों के बारे में समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन वे शायद ही आश्वस्त होते हैं।''

वाईएसआरसीपी के लिए प्रचार करना मुश्किल

वाईएसआरसीपी ने आधिकारिक तौर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है लेकिन सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व का मानना ​​है कि राजधानी का मुद्दा अमरावती क्षेत्र तक ही सीमित है और इसका कहीं और चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विजयवाड़ा में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "मामला ख़त्म हो चुका है। राजधानी का दर्जा प्राप्त स्थान और विकास के बीच कोई संबंध नहीं है। बिना राजधानी के जगन मोहन ने लोगों के कल्याण का ख्याल रखते हुए राज्य का विकास किया है।”

वहीं, थुल्लुर गांव में वाईएसआरसीपी नेता दूसरी बात कहते हैं। पार्टी के एक नेता इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहते हैं, ''हमारे लिए यहां वाईएसआरसीपी के लिए प्रचार करना मुश्किल है। हमारे कुछ कैडर बाहर जाने से डरते हैं क्योंकि उन्हें राजधानी के मुद्दे पर लोगों की प्रतिक्रिया का डर है।"

राजधानी का मुद्दा चारों तरफ फैला

ग्राउंड पर जाने पर ऐसा लगता है कि यह असंतोष अन्य बेल्टों में भी फैल गया है। अमरावती से लगभग 20 किलोमीटर दूर विजयवाड़ा में, एक ऑटो चालक आतिफ हुसैन ने टीडीपी को वोट देने की कसम खाई। उन्होंने कहा, “हर राज्य की एक राजधानी होती है। आंध्र प्रदेश की राजधानी क्या है?" उनका कहना है कि राज्य की राजधानी की स्थापना से नौकरियां पैदा होती हैं और इसके निवासियों की समग्र समृद्धि होती है।

अमरावती से लगभग 80 किलोमीटर दूर मछलीपट्टनम में, एक कैब ड्राइवर उपेन्द्र का कहना है कि वह टीडीपी शासन के दौरान एक महीने में कम से कम 20 बार यात्रियों को अमरावती और विजयवाड़ा ले जाता था, जो कि वाईएसआरसीपी सरकार के सत्ता में आने के बाद से घटकर 10 से भी कम हो गया।

सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है अमरावती को राजधानी का मामला

वहीं, एलुरु में स्थानीय निवासी कृष्ण मोहन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "जिस कंपनी को "नई राजधानी" में नाली पाइप बिछाने का ठेका दिया गया था, उसने काम बंद कर दिया था, जिसके बाद उन्हें अमरावती से अपने गृह नगर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। कोई इतनी बड़ी चल रही परियोजना को क्यों रोकना चाहेगा जिसके लिए एक योजना भी थी और जिसने रोजगार पैदा किया था? बहुत सारे प्रयास और इतनी सारी नौकरियां बर्बाद हो गईं।''

मार्च 2022 में, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने वाईएसआरसीपी सरकार को निर्देश दिया कि अमरावती को राज्य की राजधानी के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जहां मामला पेंडिंग है। जगन मोहन ने 2024 के चुनावों के लिए वाईएसआरसीपी घोषणापत्र में विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी के रूप में शामिल करने की अपनी तीन-राजधानी की प्रतिज्ञा को शामिल किया है।

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम

राज्य की सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर 13 मई को एक साथ मतदान होगा। 2019 में, वाईएसआरसीपी ने 49.95% वोट शेयर के साथ 175 विधानसभा सीटों में से 151 सीटें जीती थीं, जिससे टीडीपी 23 सीटों और 39.17% वोटों पर सिमट गई थी। बसपा और वाम दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली जनसेना पार्टी (जेएसपी) ने एक सीट जीती और उसे 5.53% वोट मिले। कांग्रेस को मात्र 1.17% वोट और 0 सीटें मिलीं थीं। वाईएसआरसीपी ने लोकसभा चुनावों में भी 25 में से 22 सीटें (49.89%) जीती थी जबकि टीडीपी ने तीन (40.19%) सीटें जीती थीं।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
tlbr_img1 राष्ट्रीय tlbr_img2 ऑडियो tlbr_img3 गैलरी tlbr_img4 वीडियो