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Punjab Khadoor Sahib Lok Sabha Chunav: जेल से चुनाव लड़ रहा खालिस्तान समर्थक, बीजेपी वोटर्स से पूछ रही एक सवाल 

Amritpal Singh Khadoor Sahib Lok Sabha election 2024: अमृतपाल के चुनाव मैदान में उतरने की वजह से खडूर साहिब का चुनावी मुकाबला बेहद रोचक हो गया है।
Written by: Pawan Upreti
नई दिल्ली | Updated: May 21, 2024 21:15 IST
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परमजीत कौर खालरा और अमृतपाल सिंह।
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पंजाब की खडूर साहिब सीट यहां से चुनाव लड़ रहे एक शख्स की वजह से पंजाब और इसके बाहर भी चर्चा में है। इस शख्स पर सिखों के लिए अलग देश यानी खालिस्तान बनाने के नाम पर युवाओं को भड़काने का आरोप है और इस आरोप में वह पिछले एक साल से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। यह शख्स जेल से ही लोकसभा का चुनाव लड़ रहा है।

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इस शख्स का नाम अमृतपाल सिंह है। अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने की वजह से शिरोमणि अकाली दल बेहद परेशान है। शिरोमणि अकाली दल को इस बात का डर है कि अमृतपाल सिंह खडूर साहिब सीट पर उसके वोट बैंक में सेंध लगा सकता है।

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अमृतपाल के चुनाव मैदान में उतरने की वजह से खडूर साहिब का चुनावी मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इस बात पर है कि क्या अमृतपाल सिंह चुनाव में जीत हासिल कर सकता है। अमृतपाल सिंह को अलगाववादी तत्वों का भी समर्थन मिल रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी भी खडूर साहिब में बाकी मुद्दों पर हावी है। अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने का मुद्दा खडूर साहिब से बाहर भी चर्चा में है।

यहां श्री खडूर साहिब के नाम से गुरुद्वारा है और बड़ी संख्या में सिख यहां आते हैं।

Amritpal Singh: क्यों चर्चा में आया था अमृतपाल?

अमृतपाल पर आरोप है कि वह पंजाब को भारत से अलग कर सिखों के लिए एक पृथक राष्ट्र बनाना चाहता है जिसे खालिस्तान कहा जाता है। 2022 और 2023 में पंजाब में अमृतपाल सिंह की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और उसे विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थक तत्वों की ओर से भी समर्थन मिलने लगा था।

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पंजाब पुलिस और जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने के बाद बीते साल अमृतपाल सिंह गायब हो गया था और कई दिन बाद उसे पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अमृतपाल सिंह पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट भी लगाया गया है।

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(बाएं से) भगवंत मान, सुनील जाखड़, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सुखबीर सिंह बादल। (Source-FB)

Khadoor Sahib 2024 Candidates: आप ने कैबिनेट मंत्री को उतारा

अमृतपाल सिंह के अलावा शिरोमणि अकाली दल की ओर से विरसा सिंह वल्टोहा, आम आदमी पार्टी की ओर से लालजीत सिंह भुल्लर, कांग्रेस की ओर से कुलबीर सिंह जीरा और बीजेपी की ओर से मनजीत सिंह मन्ना मियांविंड चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार लालजीत सिंह भुल्लर पंजाब की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं और इस सीट पर जीत का झाड़ू लगाने के लिए आम आदमी पार्टी ने उन्हें यहां से टिकट दिया है।

Tarn Taran Lok Sabha: 2008 से पहले थी तरन तारन सीट

खडूर साहिब सीट को 2008 से पहले तरन तारन के नाम से जाना जाता था और यह सीट शिरोमणि अकाली दल का गढ़ रही है। 1977 से लेकर 2004 तक अकाली दल को यहां सिर्फ दो बार हार मिली है। 2009 और 2014 के चुनाव में भी यहां से अकाली दल ने ही जीत हासिल की थी लेकिन 2019 के चुनाव में जसबीर सिंह गिल डिम्पा कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे।

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भगवंत मान और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग। (Source-FB)

केंद्रीय एजेंसियों का मोहरा है अमृतपाल: बादल

कुछ दिन पहले अकाली दल के उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा ने अमृतपाल के परिवार से मुलाकात कर चुनाव में उनका समर्थन मांगा था लेकिन अमृतपाल के परिवार ने उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल बुरी तरह भड़क गए और उन्होंने अमृतपाल को केंद्रीय एजेंसियों का मोहरा बता दिया। बादल ने कहा कि अमृतपाल को इस सीट पर अकाली दल के वोट काटने के लिए उतारा गया है।

Khadoor Sahib Lok Sabha: 9 में से 7 सीटें हैं आप के पास

खडूर साहिब लोक सभा सीट में नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इन सीटों के नाम- जंडियाला (एससी), तरनतारन, खेमकरण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला (एससी), जीरा, सुल्तानपुर लोधी और कपूरथला हैं। 2022 में हुए पंजाब के विधानसभा चुनाव में 9 सीटों में से 7 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी जबकि एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी। इस तरह इस सीट पर आम आदमी पार्टी भी मजबूत दिखाई देती है।

अमृतपाल के चुनाव लड़ने की वजह से इस सीट चतुष्कोणीय मुकाबला हो गया है।

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बसपा प्रमुख मायावती। (Source-Express)

सिमरनजीत सिंह मान ने दिया अमृतपाल को समर्थन

पंजाब के एक और अलगाववादी नेता और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान ने अमृतपाल सिंह के समर्थन में खडूर साहिब सीट से अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया है। अमृतपाल के पक्ष में यहां एक बात यह भी है कि सिख मानवाधिकार के मुद्दों पर लड़ने वाले जसवंत सिंह खालरा की पत्नी परमजीत कौर खालरा भी अमृतपाल के समर्थन में वोट मांग रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में परमजीत कौर खालरा को यहां से 20.51% वोट मिले थे जबकि अकाली दल को मिले वोट प्रतिशत का आंकड़ा 30.51% था।

सिमरनजीत सिंह मान और परमजीत कौर खालरा का समर्थन मिलने के बाद अमृतपाल यहां चुनाव के मुख्य मुकाबले में नजर आ रहा है।

अमृतपाल की गिरफ्तारी का मुद्दा अहम

खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जेल में बंदी सिंहों की रिहाई और अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का मुद्दा काफी प्रभावी है। बंदी सिंह ऐसे सिखों को कहा जाता है जो पंजाब में उग्रवाद फैलाने के आरोप में दोषी हैं और जेल में सजा काट रहे हैं।

Ravneet Singh Bittu: लुधियाना में भी चुनावी मुद्दा है अमृतपाल

अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने का मुद्दा खडूर साहिब से बाहर भी चर्चा में है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते और लुधियाना से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रवनीत सिंह बिट्टू कहते हैं कि अगर अमृतपाल सिंह जैसे अलगाववादी लोग संसद पहुंच जाते हैं तो वह शांति पसंद लोगों को पंजाब में नहीं रहने देंगे।

बिट्टू लुधियाना में चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से पूछते हैं कि पंजाब के लोगों को इस बात का फैसला करना होगा कि वे बेअंत सिंह के परिवार का समर्थन करेंगे जिन्होंने अपना जीवन पंजाब की शांति के लिए कुर्बान कर दिया या फिर अमृतपाल सिंह का। बेअंत सिंह की 1995 में खालिस्तान समर्थक तत्वों ने चंडीगढ़ में हत्या कर दी थी।

बिट्टू लोगों से कहते हैं कि अगर अमृतपाल सिंह चुनाव जीतता है तो हमें पंजाब को छोड़ना होगा और अगर वह सांसद बन जाता है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पंजाब में किस तरह के हालात होंगे। अगर आप पंजाब में रहना चाहते हैं तो नरेंद्र मोदी को वोट दीजिए।

पंजाब के लोकसभा चुनाव में किसानों द्वारा बीजेपी के नेताओं और उम्मीदवारों का विरोध भी एक बड़ा मुद्दा है। किसानों ने ऐलान किया है कि वे हरियाणा और पंजाब में भाजपा के बड़े नेताओं के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

farmers protest Shambhu railway station
बीते शुक्रवार को शंभू रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करते किसान। (Express Photo)
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