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Punjab Elections: अकालियों के लिए 2022 रहा 30 साल में सबसे खराब चुनाव, बीजेपी को हुआ था थोड़ा फायदा, आप ने दी कांग्रेस को सबसे ज्यादा चोट

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हरियाणा और दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन पंजाब में यह दोनों आमने-सामने हैं और सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
Written by: Pawan Upreti
नई दिल्ली | Updated: May 28, 2024 15:13 IST
punjab elections  अकालियों के लिए 2022 रहा 30 साल में सबसे खराब चुनाव  बीजेपी को हुआ था थोड़ा फायदा  आप ने दी कांग्रेस को सबसे ज्यादा चोट
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल। (Source-SukhbirSinghBadal/FB)
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पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान शिरोमणि अकाली दल को हुआ था। इस चुनाव में अकाली दल सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत हासिल कर सका था और उसे 18.38% वोट मिले थे।

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1969 के बाद पंजाब में हुए किसी भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव में (1992 को छोड़कर) यह अकाली दल का सबसे खराब प्रदर्शन था। 1992 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल ने आंशिक तौर पर चुनाव लड़ा था और पंजाब में अधिकतर जगहों पर चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। तब भी उसे तीन सीटों पर ही जीत मिली थी।

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2022 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल के दिग्गज नेता और पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल को भी हार मिली थी।

26 साल बाद यह पहला चुनाव था जिसमें शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन नहीं हो सका था। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल ने 2020 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था।

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विधानसभा चुनाव में अकाली दल को मिले वोट। (Source-TCPD)

2017 के विधानसभा चुनाव में भी अकाली दल का प्रदर्शन खराब रहा था और वह भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए सिर्फ 15 सीटों पर जीत हासिल कर पाया था।

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2022 Punjab Assembly Election: कांग्रेस का वोट शेयर 15.5% गिरा

2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को पहुंचाया था। कांग्रेस का वोट शेयर गिरकर 2017 में मिले 38.5% वोटों से 2022 में 23% पर आ गया था।

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भले ही शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस को 2022 के चुनाव में नुकसान हुआ हो लेकिन बीजेपी को थोड़ा सा फायदा हुआ था। 2017 में मिले 5.4% वोटों के मुकाबले 2022 में उसने 6.6% वोट हासिल किए थे।

राजनीतिक दल2017 में मिले वोट (प्रतिशत में)2022 में मिले वोट (प्रतिशत में)
आम आदमी पार्टी23.742
कांग्रेस38.523
अकाली दल25.218.4
बीजेपी5.46.6

अकाली दल ने जब 2022 में बीजेपी से अलग हटकर चुनाव लड़ा तो उसकी सीटें भी कम हुई और वोट प्रतिशत भी गिरा। हालांकि तब उसने बसपा के साथ मिलकर पंजाब में विधानसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उसका न तो बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ और न ही बसपा के साथ। ऐसे में अब जब वह अकेले चुनाव मैदान में उतर रही है तो यह देखना होगा कि क्या वह अपने पिछले चुनाव के खराब प्रदर्शन को पीछे छोड़कर आगे बढ़ पाएगा या नहीं।

Sukhbir Singh Badal
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल। (Source- SukhbirSinghBadal/FB)

लोकसभा चुनाव में भी खराब रहा प्रदर्शन 

अकाली दल ने 2004 के लोकसभा चुनाव में पंजाब में 8 सीटें जीती थी लेकिन 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में वह सिर्फ चार-चार सीटें ही जीत पाया था। जबकि 2019 में उसे सिर्फ दो ही सीटें मिली थी। इस बार अकाली दल सभी 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रहा है। ऐसे में देखना होगा कि वह कितनी सीटों पर जीत हासिल कर पाता है।

Charanjit Singh Channi: दोनों सीटों से हार गए थे चन्नी 

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जहां पंजाब में 77 सीटों पर जीत मिली थी वहीं 2022 में वह सिर्फ 18 सीटों पर आकर रुक गई थी। जबकि आम आदमी पार्टी 2017 में मिली 20 सीटों के मुकाबले 92 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्हें दोनों ही सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था। भदौड़ विधानसभा सीट पर तो उन्हें 37 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी जबकि चमकौर साहिब की सीट पर भी उनकी हार का अंतर लगभग 8 हजार वोटों का रहा था।

Charanjit Singh Channi
पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी। (Source-mlachanni/FB)

इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव हार गए थे। चन्नी सरकार में वित्त मंत्री रहे मनप्रीत सिंह बादल को 63 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी। इससे पहले कांग्रेस का ऐसा खराब प्रदर्शन 1977 में रहा था, जब उसे सिर्फ 17 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।

AAP-Congress Alliance: पंजाब में नहीं हुआ गठबंधन

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन में शामिल हैं और हरियाणा और दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन पंजाब में यह दोनों आमने-सामने हैं और सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के लिए पंजाब में चुनाव प्रचार करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी जनसभा में कहा कि यह दोनों राजनीतिक दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने का नाटक कर रहे हैं।

13 लोकसभा सीटों वाले पंजाब में इस बार आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के अलग-अलग चुनाव लड़ने से चुनावी मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। राज्य में सभी सीटों पर अंतिम चरण में यानी 1 जून को वोटिंग होगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पंजाब में 8 सीटों पर जीत मिली थी जबकि शिरोमणि अकाली दल, बीजेपी को दो-दो सीटों पर जीत मिली थी एक सीट पर आम आदमी पार्टी जीती थी।

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(बाएं से) भगवंत मान, सुनील जाखड़, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सुखबीर सिंह बादल। (Source-FB)

Punjab BJP: दूसरे दलों के नेताओं को दिया टिकट 

बीजेपी ने पंजाब में अपना ग्राफ बढ़ाने के लिए दूसरे दलों के कई नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू, पटियाला से परनीत कौर पिछले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे जबकि इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

जालंधर सीट पर 2023 में हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीतने वाले सुशील रिंकू इस बार बीजेपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान कई सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को लगातार किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

farmers protest Shambhu railway station
बीते शुक्रवार को शंभू रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करते किसान। (Express Photo)

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