गुलाम नबी आजाद ने माना- कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में आई कमी, कहा- सरकार स्थिति का फायदा उठाए
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद में काफी कमी आई है और कुछ इलाकों में तो बिल्कुल खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि केंद्र सरकार इस केंद्र शासित प्रदेश में विकास संबंधी गतिविधियों में मदद करे और तेजी लाए।
बोले- केंद्र शासित राज्य के हालात में बहुत अंतर आ गया है
आजाद दक्षिण कश्मीर के सोपौर जिले में एक जनसभा के बाद मीडिया वालों से बात करते हुए कहा, “गरीबी है, बेरोजगारी है, लेकिन यह भी एक हकीकत है कि आतंकवादी घटनाओं में बहुत बड़ा अंतर आया है। छिटपुट घटनाएं होती हैं, लेकिन वह तो देश में के दूसरे हिस्सों में भी तो होती हैं। आतंकवाद कम हुआ है।”
सरकार से राज्य में विकास गतिविधियों में तेजी लाने का आह्वान
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को घाटी में आतंकवाद में आई कमी का फायदा उठाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “समय आ गया है कि केंद्र सरकार राज्य की विकास संबंधी गतिविधियों मसलन विभिन्न परियोजनाओं, सड़क निर्माण और उद्योगों की स्थापना में मदद करे। केंद्र सरकार को हालात सुधरने का लाभ उठाना चाहिए। अगर वे कुछ नहीं करते हैं, तो आतंकवाद खत्म करने का कोई फायदा नहीं है।”
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने शिवलिंग पर जल चढाने का किया बचाव
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक शिव मंदिर की अपनी हालिया यात्रा और वहां एक अनुष्ठान का बचाव करते हुए कहा, "हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां गंगा-जमुनी तहज़ीब बसती है और इस पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।" गौरतलब है कि मंगलवार को पुंछ के मंडी-अजोटे में नवग्रह मंदिर के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा शिवलिंग पर जल चढ़ाने का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसकी कुछ लोगों ने आलोचना की थी।
उन्होंने कहा, "हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं जहां गंगा-जमुनी तहज़ीब बसती है। मंदिर का निर्माण यशपाल शर्मा (पीडीपी के पूर्व नेता जिनका पिछले साल निधन हो गया) ने करवाया था और उनके बेटे चाहते हैं कि मैं उस मंदिर का दौरा करूं। मैं अंदर गई और किसी ने मुझे बहुत विश्वास और प्यार के साथ जल से भरा एक छोटा बर्तन दिया। महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा, "मैं (शिवलिंग पर) जल चढ़ाने से इनकार करके उनका दिल नहीं तोड़ना चाहती। इसलिए मैंने उनके सम्मान में यह किया।"