छक्के लगने पर ईगो तो हर्ट होगा ना, स्माइल तो नहीं करूंगा, KKR के अनकैप्ड स्टार ने किया शाहरुख खान संग हुई बातचीत का खुलासा
प्रत्यूष राज: हर्षित राणा वह इंजन थे जिस पर कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) टीम ने काम किया और तीसरी बार खिताब जीता। जब आईपीएल के पहले हाफ में मिचेल स्टार्क लय हासिल करने के लिए जूझ रहे थे, तो अनकैप्ड भारतीय गेंदबाज हर्षित आगे आए। उन्होंने 13 मैच में 19 विकेट लिए। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में 22 साल के हर्षित राणा ने आईपीएल में अपने सफर, शाहरुख खान की ओर से उनसे किए गए वादे, उन्होंने क्रिकेट खेलना क्यों शुरू किया और उनके भविष्य के लक्ष्यों के बारे में बताया।
क्या ज्यादा खास था, आईपीएल जीतना या शाहरुख खान के साथ जश्न मनाना?
हर्षित राणा: दोनों (हंसते हुए)।
क्या शाहरुख के साथ फ्लाइंग किस का जश्न पहले से तय था?
हर्षित राणा: ओह हां! एक मैच के लिए बैन होने के बाद, मैं बहुत दुखी था और फिर शाहरुख सर मेरे पास आए और कहा ‘तू टेंशन मत ले ये वाली सेलिब्रेशन ट्रॉफी के साथ करेंगे।’ उन्होंने मुझसे वादा किया और सुनिश्चित किया कि हम ट्रॉफी और अपनी टीम के साथ ऐसा ही करें।
क्या प्रतिबंध भविष्य में आपकी आक्रामकता पर लगाम लगाएंगे?
हर्षित राणा: सवाल ही नहीं होता। अगली बार मैं सुनिश्चित करूंगा कि मैं इसे विदाई के तौर पर इस्तेमाल न करूं। यह मेरा क्रिकेट है। मैंने हमेशा अपना क्रिकेट इसी तरह खेला है। मैं मैदान के बाहर बहुत मौज-मस्ती करता हूं। आप किसी से पूछ लो। अब क्रिकेट फील्ड पर दोस्ती करने थोड़ी न आए हैं? अभिषेक पोरेल ने मेरे पहले ओवर में 16 रन लुटाए। अब छक्के लगेंगे तो ईगो हर्ट होगा ना, स्माइल तो नहीं करूंगा ना। अगले ओवर में मैंने उनका विकेट लिया, जश्न मनाना मेरा प्रतिदान करना था, लेकिन मुझे बैन कर दिया गया।
क्या आपको लगता है कि दिल्ली के क्रिकेटर बहुत आक्रामक होते हैं?
हर्षित राणा: यह टैग हमें दिया गया है। हम दिल्ली वाले हैं, इमोशनल हैं और दिल से खेलते हैं। दिल्ली की इस आक्रामकता ने विराट कोहली को विराट कोहली बना दिया है। इशांत शर्मा ने 100 टेस्ट मैच खेले और ऋषभ पंत ने गाबा में वह चमत्कार किया। गौतम गंभीर ने भारत के लिए दो विश्व कप फाइनल जीते।
इस साल के आईपीएल में आप बहुत दुबले-पतले दिखे। आपने कितने किलो वजन कम किया है?
हर्षित राणा: पिछले साल नवंबर में खेले गई मुश्ताक अली ट्रॉफी (2023-24) से लेकर मार्च में आईपीएल की शुरुआत तक मैंने 17 किलो वजन कम किया है।
इस फिटनेस क्रांति की शुरुआत कैसे हुई?
हर्षित राणा: पिछले साल आईपीएल में खेलने के बाद मुझे इसका अहसास हुआ। आईपीएल के बाद मैंने दलीप ट्रॉफी खेली, मुझे इंडिया ए के लिए चुना गया, लेकिन फिर मैं चोटिल हो गया। मुझे अहसास हुआ कि मैं अच्छा कर रहा हूं और लोग मेरे बारे में बात कर रहे हैं, मैं अच्छा प्रदर्शन भी कर रहा था, लेकिन मैं अक्सर चोटिल हो जाता हूं। मुझे अहसास हुआ कि मैं भारत के लिए खेलना चाहता हूं और अपने पिता के सपने को पूरा करना चाहता हूं, मुझे फिट रहने की जरूरत है। मैं चोटों को अपने सपने में बाधा नहीं बनने दे सकता।
इस साल आईपीएल में आपने अक्सर अच्छी लेंथ पर गेंदबाजी की और शानदार ऑफ-कटर गेंदबाजी की। आपने इसे कहां से सीखा?
हर्षित राणा: खुद से सीखा। रणजी ट्रॉफी कैंप की शुरुआत में हैमस्ट्रिंग की चोट लगने के बाद जब मैं एनसीए में था, तब मैंने अपनी गेंदबाजी पर काम किया। यह कुछ ऐसा था जो मेरे दिमाग में था कि मुझे अपनी गेंदबाजी में और विविधता लाने की जरूरत है और रिहैब के दौरान मैंने इस पर काम करना शुरू कर दिया।
पिछले दो वर्षों में भरत अरुण के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा करें।
हर्षित राणा: मुझे भरत सर के साथ काम करना बहुत अच्छा लगा। वह एक बेहतरीन श्रोता हैं। अगर मैं कुछ कहने की कोशिश कर रहा हूं तो वह हमेशा सुनते हैं। सामरिक रूप से वह ज्यादा नहीं बोलते हैं, लेकिन वह आपको मानसिक रूप से बढ़ावा देते हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं आईपीएल में इसलिए खेल रहा हूं क्योंकि मेरे पास जरूरी स्किल है। लेकिन सिर्फ स्किल होने से मुझे भारत के लिए खेलने में मदद नहीं मिलेगी। मुझे अपनी टीम के लिए मुश्किल ओवर्स में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू करना होगा और इससे मैं बाकी गेंदबाजों से बेहतर गेंदबाज बनूंगा।
टीम में मिचेल स्टार्क होने के बावजूद, कप्तान श्रेयस अय्यर ने आप पर अधिक भरोसा दिखाया। कोई खास वजह?
हर्षित राणा: हर मैच के साथ मेरा प्रदर्शन बेहतर होता गया। टीम मैनेजमेंट को मुझ पर ज्यादा भरोसा होने लगा। कप्तान को मुझ पर बहुत भरोसा था कि मैं क्रंच ओवरों में टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं। मैंने आखिरी ओवर में भी कुछ मैच जीते हैं।
क्या आप खुद को बॉलिंग ऑलराउंडर मानते हैं?
हर्षित राणा: अरे सर, दलीप ट्रॉफी में सेंचुरी है। मैं खुद को एक बेहतरीन ऑलराउंडर मानता हूं। इस आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर रूल की वजह से मुझे कभी बैटिंग करने का मौका नहीं मिला। मैं कुछ छक्के मारने के लिए बेताब था, लेकिन हमारी टीम इतना अच्छा प्रदर्शन कर रही थी कि मुझे कभी बैटिंग करने का मौका नहीं मिला।
आपके करियर में सबसे अहम भूमिका किसने निभाई है?
हर्षित राणा: मेरे पिता (प्रदीप राणा) ने। वह हैमर थ्रोअर थे। वह हमेशा चाहते थे कि मैं कोई भी खेल खेलूं और भारत का प्रतिनिधित्व करूं। मैं कभी क्रिकेट का दीवाना नहीं रहा। दोस्तों के साथ गली मोहल्ले में खेला करता था। एक दिन मैं अपने स्कूल में क्रिकेट टूर्नामेंट देखने के लिए रुका। मैं देर से घर पहुंचा। पिता ने मुझसे पूछा तो मैं उन्हें टूर्नामेंट के बारे में बताया। उन्होंने पूछा कि क्या मुझे क्रिकेट खेलना पसंद है। मैं डरा हुआ था। मैंने बस ‘हा’ कह दिया। अगले दिन उन्होंने मुझे क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिला दिया।
अब आगे क्या?
हर्षित राणा: मुझे इंडिया जर्सी चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं इसे टी20 इंटरनेशनल, वनडे या व्हाइट जर्सी में हासिल करता हूं।