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कौन हैं मोहम्मद मोखबर? बने ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति, कभी यूरोपियन यूनियन ने किया था बैन

Mohammad Mokhber: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर नए अंतरिम राष्ट्रपति बने हैं।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: May 20, 2024 16:27 IST
कौन हैं मोहम्मद मोखबर  बने ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति  कभी यूरोपियन यूनियन ने किया था बैन
Mohammad Mokhber
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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की प्लेन क्रैश में मौत होने के बाद ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर नए अंतरिम राष्ट्रपति बनें हैं। मोहम्मद मोखबर का नाम अंतरिम राष्ट्रपति की लिस्ट में सबसे आगे था।

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ईरान के संविधान के आधार पर राष्ट्रपति मृत्यु के बाद देश के अंतरिम राष्ट्रपति की जिम्मेदारी पहले उपउपराष्ट्रपति को दिए जाने का नियम है। हालांकि इसको लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता की रजामंदी जरूरी है। इस आधार पर मोहम्मद मोखबर ही ईरान के नया अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है।

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68 वर्षीय मोहम्मद मोखबर को ईरान के 85 वर्षीय सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी के रुप में जाना जाता है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को भी खानेनेई का करीबी माना जाता था। अभी तक खामनेई का उत्तराधिकारी रईसी को माना जा रहा था लेकिन रईसी की आकस्मिक मौत के बाद मोखबर को ये जिम्मेदारी मिल सकती है। मोखबर आगामी राष्ट्रपति चुनाव की तीन सदस्यीय परिषद का हिस्सा है। यह परिषद राष्ट्रपति की मृत्यु के 50 दिनों के भीतर ही अगला चुनाव आयोजित करेगी।

2021 में बने थे ईरान के पहले उपराष्ट्रपति

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मोहम्मद मोखबर को साल 2021 में ईरान के उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था। ईरान में उपराष्ट्रपति का कोई पद नहीं होता है। राष्ट्रपति अपनी सुविधा और आवश्यक्ता के अनुसार किसी की भी नियुक्ति करता है। जो सरकार में कैबिनेट का पद संभालता है। इस लिस्ट में मोखबर सबसे टॉप पर हैं। मोखबर देश के पहले उपराष्ट्रपति भी हैं इससे पहले इस पर कोई भी नहीं रहा है।

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यूरोपियन संघ ने मोखबर को किया था बैन

1 सितंबर 1955 को जन्में मोखबर ने पिछले साल अक्टूबर में ईरानी अधिकारियों के साथ मास्को का दौरा किया था। मोखबर पूर्व में देश के सर्वोच्च नेता से जुड़े निवेश कोष सेताद के प्रमुख रह चुके हैं। साल 2010 में परमाणु मिसाइल गतिविधियों में कथित संलिप्तता की वजह से मोखबर को यूरोपिय संघ ने प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि 2 साल के बाद संघ ने उनका नाम प्रतिबंधित लोगों की लिस्ट से हटा दिया था।

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